एक करोड़ की देनदारी से बचने को किया अधिवक्ता का कत्ल
पांच दिन पूर्व घर से लापता हुए अधिवक्ता का अपहरण कर हत्या करने के आरोप में पुलिस ने चार अभियुक्तों को गिरफ्तार कर रविवार को मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया। पुलिस ने आरोपितो की निशानदेही पर आला-ए-कत्ल नायलान की रस्सी फावड़ा तथा हत्या में प्रयुक्त की गई कार भी बरामद कर ली।
मुजफ्फरनगर, जेएनएन। युवा अधिवक्ता समीर सैफी की हत्या उनके दोस्त सिंगोल ने अपने साथियों के साथ एक करोड़ रुपये की देनदारी से बचने के लिए की थी। रात के समय चलती गाड़ी में रस्सी से अधिवक्ता का गला घोंटकर शव को डिग्गी में डालकर सिगोल अपने घर ले गया। रातभर गाड़ी घर पर खड़ी रही और पौ फटने से पूर्व गांव सीकरी के जंगल में शव को ठिकाने लगाया।
शहर कोतवाली क्षेत्र के बकरा मार्केट गढ़ी गोरवान निवासी सिगोल अलवी पुत्र मुत्तकी ने भोपा थाना क्षेत्र के गांव सीकरी में पोल्ट्री फार्म लिया हुआ है। पांच-छह वर्ष पूर्व सिगोल की दोस्ती समीर सैफी से हो गई थी। समीर ने पोल्ट्री फीड बनाने की फैक्ट्री लगाई हुई थी। सिगोल के पोल्ट्री फार्म पर फीड की सप्लाई भी वहीं से होती थी। दोस्ती और व्यापारिक रिश्तों के कारण समीर का करीब एक करोड़ रुपया काफी दिनों से सिगोल की ओर चल रहा था। समीर सैफी पर भी दूसरे लोगों का बकाया था, जिसे चुकाने के लिए उस पर तकादा आ रहा था। इस कारण समीर ने सिंगोल पर अपना एक करोड़ रुपया वापस देने के लिए दबाव बनाना शुरू किया। शुरुआत में तो सिगोल ने आनाकानी की लेकिन समीर ने सख्त लहजा अपनाया तो उसने शीघ्र ही सारा रुपया वापस करने की बात कही। इतने पर भी जब समीर का तकादा नहीं रुका तो सिगोल उससे परेशान आ गया। पुलिस के अनुसार सिगोल ने पुलिस हिरासत में बताया कि रोज-रोज की गाली-गलौज से वह परेशान था और समीर से पीछा छुड़ाना चाहता था। इसके चलते उसने समीर की हत्या का मन बना लिया था।
15 अक्टूबर की रात करीब आठ बजे वह समीर को अपनी डिजायर में बैठाकर भोपा रोड की ओर ले गया। समीर फ्रंट सीट पर बैठा था और गाड़ी उसका ड्राइवर सोनू उर्फ रिजवान चला रहा था। सिगोल ने बताया कि जब गाड़ी भोपा रोड पर पहुंची तो पिछली सीट पर बैठे-बैठे उसने बराबर में बैठे अपने साथी शालू उर्फ अरबाज की मदद से रस्सी से समीर का गला घोंट दिया। इससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। रात में ही अंधेरे का लाभ उठाकर उसने अपने साथियों की मदद से शव को गाड़ी की डिग्गी में डाल दिया और गाड़ी अपने घर पर लाकर खड़ी कर दी। करीब 4.00 बजे गाड़ी भोपा थाना क्षेत्र के गांव सीकरी ले जाकर वहां स्थित पोल्ट्री फार्म के नौकर दिनेश की मदद से चांद मियां व मियां अनवार के खेत के बीच जंगल में गड्ढा खोदकर शव गाड़ दिया और रात में ही वापस आ गए।