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आतंकी कैंप नेस्तनाबूद करना बड़ा फैसला

वीर अब्दुल हमीद के पौत्र ने सरकार की एयर स्ट्राइक कार्रवाई की सही बताया। कहा कि पुलवामा वाली घटना से पहले वायु सेना का हमला होता तो पुलवामा में शहीदों की शहादत से बचा जा सकता था। किसी भी देश की चुप्पी आतंकवाद को बढ़ावा देती हैं। कहा कि दहशतगर्दी से इंसानियत

By JagranEdited By: Published: Fri, 22 Mar 2019 11:55 PM (IST)Updated: Fri, 22 Mar 2019 11:55 PM (IST)
आतंकी कैंप नेस्तनाबूद करना बड़ा फैसला
आतंकी कैंप नेस्तनाबूद करना बड़ा फैसला

पुरकाजी (प्रदीप कौशिक) : वीर अब्दुल हमीद के पौत्र जमील इदरीशी ने सरकार की एयर स्ट्राइक की कार्रवाई को बड़ा फैसला करार दिया है। कहा कि पुलवामा वाली घटना से पहले वायु सेना का हमला होता तो पुलवामा कांड टल सकता था। किसी भी देश की चुप्पी आतंकवाद को बढ़ावा देती है।

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कस्बे में नगर पंचायत चेयरमैन जहीर फारूकी की ओर से 'एक शाम शहीदों के नाम' कार्यक्रम शनिवार रात आयोजित किया जा रहा है, जिसमें शामिल होने के लिए वीर अब्दुल हमीद के पौत्र जमील इदरीसी पहुंचे हैं। जमील ने 'दैनिक जागरण' से विशेष बातचीत में कहा कि जिस तरह घर के लिए तैयार रहते हैं, उसी तरह नौजवानों को देशसेवा के लिए तैयार रहना होगा। शहीद भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव से प्रेरणा लेनी होगी। आतंकवाद पर बोले कि भटके युवाओं को समझाकर देश की मुख्यधारा में शामिल कर देश विरोधी ताकतों को कड़ा जवाब देना होगा। दहशतगर्दी से इंसानियत कलंकित हो रही है, आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता। गलत तरीके से किसी को मारना, निर्दोषों की हत्या करना किसी मजहब में नहीं लिखा है। ऐसे लोगों को सबक सिखाना चाहिए। भारत सरकार के एयर स्ट्राइक कार्रवाई पर कहा कि यह बहुत पहले हो जाना चाहिए था। अगर पहले ही स्ट्राइक हो जाती तो शायद हमारे पुलवामा के शहीद जिदा होते। सरकार के निर्णय को बड़ा फैसला बताते हुए कहा कि वायु सेना ने बहादुरी का परिचय देते हुए पाकिस्तान के भीतर घुसकर आतंकियों को उन्ही के गढ़ में मारा। वहां चल रहे कैंपों को नष्ट किया। कहा कि हम सभी को निस्वार्थ देश की सेवा करनी होगी। आप किसी भी रूप में देश की सेवा कर सकते हैं। देश के लिए हर समय तैयार रहना चाहिए। पुरकाजी आने पर फख्र

जमील इदरीसी ने कहा कि चेयरमैन जहीर फारुकी ने बताया था कि आजादी की लड़ाई में कस्बे के सूली वाला बाग पर निर्दोष लोगों को फांसी दी गई थी। शहादत की इस धरती पर आने पर मुझे खुशी हो रही है। उन शहीदों को नमन करना चाहता हूं। शहीदों की याद में आयोजित कार्यक्रम में आना फक्र की बात है।


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