बेहतर टीकाकरण प्रबंधन से बचा ली 4500 डोज
बेहतर प्रबंधन से टीकाकरण कर जिले के स्वास्थ्य विभाग ने कोविशील्ड डोज की वेस्टेज के बजाए 1.48 प्रतिशत (4500) टीका डोज बचा ली जबकि बहुत से जिलों में इसके बराबर टीका डोज खराब हो रही है।
जेएनएन, मुजफ्फरनगर। बेहतर प्रबंधन से टीकाकरण कर जिले के स्वास्थ्य विभाग ने कोविशील्ड डोज की वेस्टेज के बजाए 1.48 प्रतिशत (4500) टीका डोज बचा ली, जबकि बहुत से जिलों में इसके बराबर टीका डोज खराब हो रही है।
कोरोना वायरस संक्रमण से लोगों को बचाने के लिए प्रधानमंत्री के आदेश के बाद जिले में 15 जनवरी के बाद से टीकाकरण की शुरुआत हुई थी। शुरुआत में सरकारी तौर से लोगों को कोविशील्ड कंपनी का टीका डोज लगाया जाना प्रारंभ हुआ था। उसके बाद निजी अस्पतालों में कोवैक्सीन का टीकाकरण भी किया गया। आमतौर से टीकाकरण के लिए आने वाली एक वायल में टीके की 10 डोज निकलती है। टीकाकरण के दौरान कोल्ड चेन बनाए रखना भी आवश्यक है। एक निश्चित समय के बाद वायल से टीका न लगाए जाने पर टीका खराब होने का खतरा रहता है। यदि एक वायल खुलने पर 10 टीका न लगे तो छह घंटे बाद बची टीका डोज वायल में खराब हो जाती है। इन हालात से बचने के लिए शासन की ओर से स्वास्थ्य विभाग को स्पष्ट निर्देश दिये गए हैं कि टीका डोज वायल में खराब न होने पाए। बावजूद इसके वायल खुलने के छह घंटे बाद तक 10 लाभार्थी न जुटने के कारण डोज खराब भी हो जाती हैं। कोविशील्ड वायल से निकल रही 11 टीका डोज
एक लाभार्थी को आधा एमएल की टीका डोज लगाई जाती है। कोविशील्ड की एक वायल में आम तौर से पांच एमएल टीका डोज होती है, लेकिन बेहतर टीकाकरण प्रबंधन से किसी वायल से 11 लाभार्थियों को भी टीका लगाया जा सकता है। कम से कम स्वास्थ्य विभाग से प्राप्त अंकड़ों से तो यही निष्कर्ष निकल रहा है। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार अब तक 45 वर्ष से ऊपर के 24,2942 लोगों को कोविशील्ड की प्रथम डोज तथा 56,375 को दूसरी डोज लगाई जा चुकी है। दावा है कि आवंटित डोज के सापेक्ष स्वास्थ्य विभाग 1.48 प्रतिशत अधिक का टीकाकरण् कर चुका है। यह सब कोविशील्ड की बहुत सी
वायल से 10 के स्थान पर 11 डोज निकलने से संभव हो पाया। अब तक 18 से 44 वर्ष के 21024 लोगों को टीका लग चुका है। इन्होंने कहा..
आमतौर से वायल में 10 डोज होती है, लेकिन फिलिग अधिक होने के कारण बहुतसी वायल से 11 और 12 तक डोज निकल रही हैं, जिससे वेस्टेज प्रतिशत -1.48 है।
-डा. एमएस फौजदार, सीएमओ