राष्ट्रीय प्रतिभा खोज परीक्षा से 38 अभ्यर्थी रहे गैरहाजिर
राष्ट्रीय प्रतिभा खोज राज्य स्तरीय परीक्षा और राष्ट्रीय आय एवं योग्यता आधारित छात्रवृत्ति परीक्षा रविवार को राजकीय इंटर कालेज में संपन्न हुई। कोरोना संक्रमण के देखते हुए परीक्षा में सीटिग व्यवस्था छह फीट की दूरी पर रही। डीआइओएस ने परीक्षा कक्ष और कंट्रोल रूम का निरीक्षण किया।
जेएनएन, मुजफ्फरनगर। राष्ट्रीय प्रतिभा खोज राज्य स्तरीय परीक्षा और राष्ट्रीय आय एवं योग्यता आधारित छात्रवृत्ति परीक्षा रविवार को राजकीय इंटर कालेज में संपन्न हुई। कोरोना संक्रमण के देखते हुए परीक्षा में सीटिग व्यवस्था छह फीट की दूरी पर रही। डीआइओएस ने परीक्षा कक्ष और कंट्रोल रूम का निरीक्षण किया।
जिला विद्यालय निरीक्षक गजेंद्र सिंह ने बताया कि दोनों परीक्षा सुबह आठ से दोपहर 12 बजे तक हुई। राष्ट्रीय प्रतिभा खोज राज्य स्तरीय परीक्षा में कुल 158 अभ्यर्थी पंजीकृत थे, जिनमें से 120 ने परीक्षा दी, जबकि 38 ने परीक्षा छोड़ दी। इसी क्रम में राष्ट्रीय आय एवं योग्यता आधारित छात्रवृत्ति परीक्षा के लिए 104 अभ्यर्थी पंजीकृत थे, जिनमें से 91 उपस्थित रहे। उन्होंने बताया कि कोरोना संक्रमण को देखते हुए पूरी एहतियात बरती गई। मुख्य द्वार पर सैनिटाइजर की व्यवस्था रही। केंद्र पर मास्क की व्यवस्था भी रही। सभी परीक्षार्थियों की थर्मल स्क्रीनिंग की गई। शारीरिक दूरी का पालन के लिए प्रत्येक छात्र की सीट एक-दूसरे से छह फिट की दूरी पर रखी गई। परीक्षा के दौरान डीआइओएस समेत कालेज का स्टाफ मौजूद रहा। प्रदेश उपाध्यक्ष को तलवार भेंट कर किया सम्मान
जेएनएन, मुजफ्फरनगर। हिदू युवा वाहिनी के प्रदेश अध्यक्ष महामंडलेश्वर स्वामी गोपाल दास महाराज ने प्रदेश उपाध्यक्ष महंत नीरज दास महाराज का तीर्थनगरी शुकतीर्थ स्थित सिद्धपीठ माता अन्नपूर्णा आश्रम में पधारने पर फूल-माला पहनाकर भव्य स्वागत किया। तलवार भेंट कर सम्मान किया। महंत नीरज दास महाराज ने गंगा घाट पर जाकर मां गंगा की पूजा की। स्वामी गोपाल दास महाराज ने कहा कि संत हिदू संस्कृति के वाहक हैं। संतों का सम्मान होना चाहिए। विश्व में हिदू संस्कृति के प्रचार से मानव जाति का कल्याण होगा। पूर्व में विदेशी आक्रांताओं ने भारतीय संस्कृति को नष्ट करने का दुस्साहस किया। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों से विश्व में भारतीय संस्कृति की पहचान स्थापित हो रही है। इस अवसर पर अंकुल चौधरी, सूरज दास महाराज, कीर्तन दास महाराज, पारसनाथ, देवेंद्र आर्य व रजत राठी आदि उपस्थित रहे।