आदर्श गांव रसूलपुर जाटान की नहीं बदली तस्वीर
संवाद सूत्र, शाहपुर (मुजफ्फरनगर) : केन्द्रीय कृषि राज्यमंत्री संजीव बालियान के गोद लिए गांव रसूलपुर
संवाद सूत्र, शाहपुर (मुजफ्फरनगर) : केन्द्रीय कृषि राज्यमंत्री संजीव बालियान के गोद लिए गांव रसूलपुर जाटान की तस्वीर आज तक नहीं बदली है। विकास की स्थिति ज्यों की त्यों बनी हुई है। गांव में पानी की टंकी नहीं है और न ही खड़ंजों को हटाकर सड़क का निर्माण किया गया है, साथ ही गंदगी व्याप्त है। एक स्वरोजगार केन्द्र की स्थापना की गई है, लेकिन यहां पर किसी कर्मचारी की तैनाती नहीं होने से ताला लटका रहता है।
गोद लेने से पूर्व गांव की स्थिति
गांव रसूलपुर जाटान में पानी की टंकी न होने के कारण पेयजल आपूर्ति काकड़ा गांव स्थित टंकी से की जाती है। इसके अलावा काकड़ा से गांव रसूलपुर जाटान जाने वाले एक किलोमीटर के रास्तें पर यातायात का कोई सुविधा नहीं है। गांव के अधिकतर लोग अपने-अपने वाहनों से आते जाते है। गांव में पशु चिकित्सालय, कृषि सेवा केंद्र नहीं है। हालांकि गांव के कई कबड्डी खिलाड़ी अन्य स्थानों पर प्रशिक्षण लेकर गांव का नाम रोशन कर चुके हैं, साथ ही गांव में दो राष्ट्रीय व 5 राज्य स्तरीय कबड्डी प्रतियोगिता आयोजित किये जाने के बाद भी गांव में अदद एक मैदान तक नहीं है। इसके अलावा गांव के मार्गों पर खड़जें लगे हैं, नालियों के गंदे पानी की निकासी की कोई व्यवस्था नहीं है। गांव में कूड़ा निस्तारण भी नहीं होता। इसके अलावा गांव में मात्र दो प्राइमरी स्कूल व एक जच्चा बच्चा केन्द्र ही है।
गोद लेने के बाद की स्थिति
केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री डा. संजीव बालियान द्वारा गांव रसूलपुर जाटान को आदर्श गांव बनाने को गोद लिए जाने के बाद गांव में खुली बैठकें आयोजित कर ग्रामीणों से विचार विर्मश किया था। गांव को आदर्श बनाने के प्रस्ताव सर्वसम्मति से पास किए गए थे, जिनके तहत गांव में उच्च शिक्षा हेतू कालेजों की स्थापना, दूरसंचार सुविधा केंद्र, पेयजल आपूर्ति हेतू टंकी का निर्माण, स्टेडियम, बिजलीघर, चिकित्सा, बेरोजगारों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए गांव में स्वरोजगार केंद्रों की स्थापना के लिए प्रस्ताव पास किए गए थे। ग्रामीणों के दिए गए प्रस्तावों के अनुसार गांव को आर्दश गांव बनाने हेतू गांव के किसानों को किसान गोष्ठी के जरिए फसलों की नई -नई किस्मों, फसलों में रासायनिक उर्वरकों के प्रयोग, आधुनिक कृषि यंत्रों के बारे में गांव में आये कृषि वैज्ञानिकों ने जानकारी दी। अन्य प्रदेशों में एक प्रतिनिधिमंडल भेजकर दूसरे प्रदेशों के किसानों से जानकारी दी। अभी हाल में केंद्रीय कृषि आयुक्त जीत सिंह संधु के नेतृत्व में आई कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों को अन्य कृषि उपजों से अधिक लाभ लेने के बारे में जानकारी दी। गांव में आई पशु पालन विभाग की टीम ने पशु पालकों को पशुओं को होने वाली बीमारी से बचाव के अलावा दुग्ध उत्पादकों को कम खर्च पर अधिक उत्पादन के बारे में बताया। गांव में एक सप्ताह पूर्व गांव के प्राइमरी स्कूल में एसवीएफ आर्दश ग्राम स्वरोजगार केंद्र की स्थापना की गई। जहां पर गांव के युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने के बारे में प्रशिक्षण दिया जायेगा। हालांकि किसी कर्मचारी की तैनाती नहीं होने से यहां ताला लटका हुआ है। गांव के स्कूलों व दीवारों पर वाल पेंटिग कराकर गांव को साफ व स्वच्छ बनाने के लिए ग्रामीणों को जागरूक किया गया।
जागरण विचार
केन्द्रीय कृषि राज्यमंत्री के गोद लिए गांव में पानी की टंकी नहीं होना शर्मसार करता है। पहले बेहतर शिक्षा, स्वास्थ्य व मूलभूत जरूरतों को पूरा करने के लिए विशेष ध्यान देना जरूरी है। यह अच्छी बात है कि कृषि वैज्ञानिकों ने गांव में आकर किसानों को अन्य कृषि उपजों से अधिक लाभ लेने के बारे में जानकारी दी। साथ ही पशुपालन विभाग की टीम ने भी किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत करने के लिए दुग्ध उत्पादकों को कम खर्च पर अधिक उत्पादन के बारे में बताया। इन जानकारियों से लाभ लेने के लिए किसानों को प्रेरित करने की आवश्यकता है। इसके अलावा स्वरोजगार केंद्र पर भी किसी कर्मचारी तैनाती होने के बाद ही इसका लाभ बेरोजगार ले सकते हैं।