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मौत खींच लाई थी इरफान को खुड्डा

छपार (मुजफ्फरनगर) : छपार-खुड्डा मार्ग पर बदमाशों की गोली का शिकार बने इरफान का मौत यहां खींच लाई थी।

By Edited By: Published: Sun, 19 Oct 2014 09:00 PM (IST)Updated: Sun, 19 Oct 2014 09:00 PM (IST)
मौत खींच लाई थी इरफान को खुड्डा

छपार (मुजफ्फरनगर) : छपार-खुड्डा मार्ग पर बदमाशों की गोली का शिकार बने इरफान का मौत यहां खींच लाई थी। शोरूम से घर लौटते समय साथियों ने उसे रात को ससुराल जाने से मना किया था, लेकिन इरफान नहीं माना।

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बघरा गांव निवासी इरफान की पत्‍‌नी नैयारा अपने मायके खुड्डा गांव आई हुई थी। शनिवार रात को शोरूम में इरफान ने अपनी ससुराल जाने और पत्‍‌नी को रविवार सुबह साथ लाने की बात कही। साथियों ने उसे रात के समय ससुराल जाने से मना किया। उस समय तो इरफान मान गया, लेकिन रास्ते में दोबारा उसका मूड बदल गया। बेटे सुहैल से रास्ते में इरफान ने कहा कि चल तेरे मामा के घर चलते हैं और सुबह अम्मी को साथ लेकर अपने घर लौट चलेंगे। इस बात पर सुहैल ने पिता से मना किया, लेकिन इरफान ने अपनी बाइक खुड्डा की ओर मोड़ दी। रास्ते में घात लगाकर बैठे बदमाशों ने पहले इरफान पर डंडों से प्रहार किया। किसी तरह से इरफान ने बाइक संभाली और भागने का प्रयास किया, लेकिन बदमाशों के चंगुल से नहीं निकल सका। बाइक फिसलकर खाई में जा गिरी और दोनों पिता-पुत्र बराबर वाले खेत में जा गिरे। बदमाशों ने दो लाख रुपये लूट लिए और इरफान को गोली मार दी। इस पूरे घटनाक्रम के दौरान सुहैल बच निकला।

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छपार एसओ को मिला है

बदसलूकी का 'लाइसेंस'

खुड्डा के ग्रामीणों का आरोप है कि एसओ छपार ने मौके पर पहुंचने के बाद अभद्रता की और गालियां दी। कहा कि तुम लोगों को अफवाह उड़ाने के अलावा कोई काम नहीं है। कई लोगों पर लाठियां भी बरसाई। इतना ही नहीं, जब इरफान की लाश बरामद हो गई तो एसओ ने जबरन लाश को जीप में डालने का प्रयास किया। विरोध करने पर लाश के साथ छीनाझपटी भी की गई। इसी बात को लेकर विरोध भड़का और पुलिस से हाथापाई हुई। आरोप लगाया कि एसओ छपार को लोगों से बदसलूकी करने का 'लाइसेंस' अधिकारियों ने दिया हुआ है। छह दिन पूर्व जब रोड-होल्डअप की वारदात हुई थी तो उसके बाद भी एसओ ने ग्रामीणों के साथ ही गाली गलौच की थी।

बता दें कि जट-मुझेड़ा गांव में दलितों और जाट समुदाय के बीच हुए संघर्ष के दौरान भी एसओ छपार अरुण त्यागी काफी चर्चा में रहे थे। एसओ छपार ने वहां भी महिलाओं से अभद्रता और खींचतान की थी। एक मकान में घुसकर दबिश के नाम पर कई खाट तोड़ डाली और मकान का दरवाजा भी तोड़ डाला था। इसके बावजूद अधिकारियों के चहेते बने एसओ छपार पर कोई कार्रवाई नहीं की गई थी।


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