युवक ने कायम की इंसानियत की मिसाल, रोजा तोड़कर अस्पताल में भर्ती महिला को दिया खून Moradabad News
बच्चेदानी में रसौली की वजह से दो माह से हो रहा था महिला को रक्त स्त्राव । खून की कमी की वजह से महिला की जिंदगी पड़ गई थी खतरे में। हर कोई कर रहा है सलाम।
मुरादाबाद,जेएनएन। कोरोना संक्रमण में लोग अस्पतालों में जाने से कतरा रहे हैं, वहीं एक युवक ने रोजा तोड़कर महिला की जान बचाने के लिए रक्तदान किया। युवक की पहल इंसानियत की मिसाल बन गई।
मूंढापांडे के चकलालपुर गांव के रहने वाले निर्मल सिंह की पत्नी गीता देवी का बच्चेदानी में रसौली का उपचार दो माह से चल रहा था। कोरोना के डर की वजह से कई डॉक्टरों ने आपरेशन करने से इन्कार कर दिया। सोमवार को डीएल नर्सिंग होम में डॉ. प्राप्ति सिंह से परामर्श लिया। वरिष्ठ सर्जन डॉ. एके सिंह ने आपरेशन बताने के साथ ही हीमोग्लोबिन की जांच कराई तो खून की कमी मिली। मरीज के रिश्तेदारों ने खून देने से इन्कार कर दिया। तीमारदार ने जब अस्पताल के जूनियर डॉक्टर सरताज अली और नौशाद से संपर्क किया तो उन्होंने लोकल ग्रुप में संदेश डाल दिया। उसपर मुहल्ला मानपुर के सालिम ने जवाब दिया और खून देने के लिए अस्पताल पहुंच गए। पूछने पर रक्तदान करने वाले सालिम ने बताया कि किसी की जान बचाने के लिए रोजा तोड़ दिया है। जिंदगी पहले है। वरिष्ठ सर्जन डॉ. एके सिंह ने बताया कि इस तरह के लोगों से ही इंसानियत जिंदा है। न कोई नाता-रिश्ता लेकिन, इंसानियत के नाम पर रोजा तोड़कर महिला की जिंदगी बचाने का काम किया है।