आप भी जानिए ऐसी कॉलोनी का हाल, जहा मंदिर भी नहीं जा पाते लोग, अंधेरे में डूबी रहती हैं सड़कें
मुरादाबाद : नगर निगम भले ही शहर में सफाई, सड़क निर्माण और अन्य व्यवस्थाएं बेहतर होने का दावा करे, लेकिन हकीकत कुछ और ही है।
मुरादाबाद (मेहंदी अशरफी): शहर में सफाई, सड़क निर्माण और अन्य व्यवस्थाएं बेहतर होने का दावा नगर निगम के अधिकारी कर रहे हैं, लेकिन तस्वीर इससे बिलकुल अलग है। 23 बटालियन से सटी आदर्श कॉलोनी के हालात बद से बदतर हैं। शुक्रवार को जागरण आपके द्वार के तहत दैनिक जागरण की टीम कॉलोनी में पहुंची तो कई अव्यवस्थाएं देखने को मिलीं। मंदिर के आसपास है गंदगी
टिकली वाली फैक्ट्री के नजदीक भोलानाथ मंदिर के इर्द-गिर्द इतनी गंदगी थी कि लोगों का वहा से निकलना भी मुश्किल था। महिलाएं पूजा करने के लिए मंदिर नहीं जा पा रहीं हैं। अगर कोई सड़क पर फैले गंदे पानी से निकलता है तो उसके कपड़े गंदे हो जाते हैं। क्षेत्र के लोगों ने कई बार नगर निगम अधिकारियों से शिकायत की, लेकिन इसका कोई असर नहीं हुआ। क्षेत्र बढ़ाया लेकिन कर्मचारी कम कर दिए
आदर्श कॉलोनी वार्ड दो का क्षेत्र नगर निगम चुनाव से पहले बढ़ा दिया गया, लेकिन सफाई कर्मचारी 30 के स्थान पर 25 कर दिए। मधुबनी, हरथला लाइन के बीच जियारत, पटेल नगर आदि में सफाई कर्मचारी नहीं हैं। सप्ताह-सप्ताह भर कर्मचारी झाकने तक नहीं आते हैं। कूड़ा उठाने के लिए कोई वाहन नहीं
काठ रोड स्थित आदर्श कॉलोनी की आबादी 10 हजार है। प्रतिदिन कई क्विंटल कचरा खाली प्लाट और अस्थायी कूड़ाघरों मे पड़ता है, लेकिन इस वार्ड में कचरा उठाने के लिए ट्रैक्टर-ट्राली या फिर अन्य कोई वाहन नहीं आता है। क्षेत्र के लोग पैसा खर्च करते हैं तो कचरा उठाया जाता है। शाम ढलते ही हो जाता है अंधेरा
आदर्श कॉलोनी विकास के मामले में शहर के अन्य वार्डो से बहुत पिछड़ी हुई है। बिजली के खंभे तो लगे हैं लेकिन इन पर एलईडी लाइट नहीं लगाई गई है। अंधेरे में लोगों का निकलना भी मुश्किल हो जाता है। पार्षद से शिकायत करने के बाद भी स्ट्रीट लाइट की व्यवस्था नहीं की गई है। कॉलोनी में टूटी हैं नालिया
आदर्श कॉलोनी में नालिया बजबजा रहीं हैं। सिल्ट जमा होने की वजह से पानी सड़क पर बह रहा है। कुछ नालियों की तो हालत ये है कि किनारे टूटे होने की वजह से गंदगी सड़क पर फैल गई है। नाली निर्माण नहीं होने से क्षेत्र के लोगों की जिंदगी दुश्वार हो गई है। नगर निगम में लगी है फाइल: पार्षद
टिकली वाली फैक्ट्री से लेकर 23 बटालियन गेट और रेलवे क्रॉसिंग 418-सी, 2 तक सड़क निर्माण का प्रस्ताव बनाकर नगर निगम को दिया जा चुका है। 100 खंभों पर एलईडी नहीं हैं। इसके लिए भी नगर निगम में फाइल लगी है। लोगों की समस्या को दूर कराने का प्रयास किया जा रहा है।
-शिवराज सिंह गुर्जर, पार्षद वार्ड दो कॉलोनी की समस्याओं पर अधिकारी नहीं देते ध्यान
सरिता का कहना है कि भातू समाज के स्थापना दिवस पर बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ की संयोजिका कार्यक्त्रम में आई थी। हम लोगों ने क्षेत्र की समस्याओं के बारे में उन्हें भी बताया था। श्वेता ने बताया कि मंदिर जाना बहुत मुश्किल हो गया है। नगर निगम के सफाई कर्मचारी यहा झाकने तक नहीं आते हैं। इससे पूजा करने जाने वाले भक्तों के कपड़े खराब हो जाते हैं। वीना का कहना है कि कई बार तो नाली का गंदा पानी मंदिर के दरवाजे के अंदर तक चला जाता है। मुहल्ले के लोग उसकी सफाई करते हैं। शिकायत के बाद भी कोई सुनवाई नहीं।
स्कूली बच्चों को होती है परेशानी
हृदेश का कहना है कि यहा से निकलने में स्कूली बच्चों को परेशानी होती है। कई बच्चे गंदे पानी में गिरकर घायल भी हो गए लेकिन नगर निगम ने कोई ध्यान नहीं दिया। मोना ने बताया कि खंभों पर लाइटें नहीं हैं। रात के समय घर से निकलना हादसे को दावत देने के बराबर है। पार्षद से तीन बार लाइट के लिए शिकायत कर चुके हैं। निशा का कहना है कि गली की सफाई कराने के लिए मुहल्ले में 10-10 रुपये का चंदा करना पड़ता है। इसके बाद वो पैसे सफाई कर्मचारी को देते हैं, तब सफाई होती है। पूनम ने बताया कि सुबह-सुबह पूजा करने जाना हो तो पहले गंदगी से निकलना पड़ता है। कपड़ों पर गंदगी के छींटे आने से मन खराब हो जाता है। गढ्डे में फंस जाते हैं पैर
राधा का कहना है कि बुजुर्ग महिलाओं के लिए मंदिर जाना बड़ा दुश्वार हो चुका है। गढ्डे में पैर फंसने की वजह से हड्डी टूटने का डर रहता है। शाता देवी ने बताया कि नगर निगम अधिकारी और महापौर की नजर में भातू कॉलोनी बहुत पिछड़ा हुआ क्षेत्र है। इसलिए हमारे साथ सौतेला व्यवहार होता है। सोनी का कहना है कि सफाई नियमित हो जाए तो समस्या खत्म हो जाए, लेकिन यहा हालात सालों पहले जैसे हैं। कर्मचारी आना पसंद नहीं करते हैं। ये बोले सफाई निरीक्षक
आदर्श कॉलोनी में सफाई कर्मचारियों के साथ वहा के लोग खराब व्यवहार करते हैं। सफाई के दौरान अपने-अपने काम बताते हैं, इस वजह से सफाई नहीं हो पाती है। सफाई के नाम पर अगर कोई कर्मचारी पैसे मागता है तो हमें जानकारी दी जाए, ऐसे कर्मचारियों के बारे में नगर आयुक्त को जानकारी दी जाएगी।
हिमाशु भारद्वाज, सफाई निरीक्षक