वाह सविता! एक ही दिन में करा दी 14 मर्दों की नसबंदी
सविता बताती हैं कि हम अक्सर पहले से ही मान लेते हैं कि पुरुष नसबंदी नहीं कराएंगे। इसके चलते प्रयास भी नहीं करते, मगर इस बार हमने झिझक को छोड़कर अपने ही गांव के लोगों से बात कर उन्हें परिवार नियोजन के फायदे बताए। नसबंदी से संबंधित भ्रांतियों को दूर किया। इसके बाद एक-एक कर 14 लोगों ने नसबंदी कराने पर अपनी सहमति दे दी।
मुरादाबाद (अनिल अवस्थी)। स्वास्थ्य महकमे में एक मिथक है कि परिवार नियोजन के लिए पुरुष आगे नहीं आते। यही वजह है कि आशा बहुएं भी नसबंदी के लिए पुरुष के बजाय महिलाओं को ही प्रेरित करने का प्रयास करती हैं, लेकिन एक आशा ने एक ही दिन में 14 पुरुषों की नसबंदी कराकर इस मिथक को तोड़ दिया है। स्वास्थ्य महकमे के लिए यह आशा अब नजीर चुकी है। अब उन्हें राज्यस्तर पर सम्मानित करने की तैयारी की जा रही है।
मिथक तोड़ आशा ने पुरुष नसबंदी में बनाया रिकार्ड
अमरोहा ब्लाक के गांव हसनपुर कटिया में आशा बहू सविता की तैनाती है। उन्हें भी स्वास्थ्य विभाग ने गर्भवती व नवजातों के टीकाकरण समेत परिवार नियोजन के लिए महिला और पुरुषों को प्रेरित करने की जिम्मेदारी सौंपी है। नवंबर में स्वास्थ्य विभाग ने नसबंदी पखवाड़ा चलाया था। इस दौरान 19 लोगों ने नसबंदी कराई। इनमें 14 पुरुषों की नसबंदी सिर्फ सविता ने कराई है। वह भी एक दिन में और एक ही गांव के लोगों की। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों की मानें तो पिछले साल महज चार लोगों ने ही नसबंदी कराई थी। इन हालात में सविता के प्रयास से पूरा स्वास्थ्य महकमा अभिभूत है। सीएमओ डॉ. रमेश चंद्र शर्मा ने खुद सविता से बात कर उनकी सराहना की। साथ ही जिले में तैनात अन्य आशाओं को भी अपनी सफलता का राज बताने के लिए प्रेरित किया।
अब स्वास्थ्य महकमा आशा को कराएगा राज्यस्तर पर सम्मानित
सीएमओ ने बताया कि परिवार नियोजन के तहत लोगों में अभी जागरूकता का अभाव है। खासकर पुरुष नसबंदी को आगे नहीं आते हैं। इसीलिए अक्सर आशाएं भी महिलाओं को ही नसबंदी के लिए प्रेरित करती हैं। सविता ने एक ही दिन 14 पुरुषों की नसबंदी कराकर यह साबित कर दिया कि प्रयास करने से पुरुष वर्ग भी नसबंदी के लिए आगे आ सकता है। सीएमओ ने बताया कि सविता को जल्द ही राज्यस्तर पर सम्मानित करने के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय को पत्र भेजा जा रहा है।
परिवार नियोजन के फायदे बताकर किया राजी
सविता बताती हैं कि हम अक्सर पहले से ही मान लेते हैं कि पुरुष नसबंदी नहीं कराएंगे। इसके चलते प्रयास भी नहीं करते, मगर इस बार हमने झिझक को छोड़कर अपने ही गांव के लोगों से बात कर उन्हें परिवार नियोजन के फायदे बताए। नसबंदी से संबंधित भ्रांतियों को दूर किया। इसके बाद एक-एक कर 14 लोगों ने नसबंदी कराने पर अपनी सहमति दे दी।
1400 आशाओं की है तैनाती
अमरोहा जिले में करीब1400 आशा बहुओं की तैनाती है। इनमें सविता के अलावा जोया ब्लाक की आशा सुमन और कविता ने दो-दो पुरुष नसबंदी कराई हैं। बाकी कुछ आशाओं को महज एक-एक पुरुष की नसबंदी कराने में ही सफलता मिल सकी। सीएमओ के मुताबिक इस वर्ष कुल 2863 लोगों की नसबंदी का लक्ष्य रखा गया था जिसमें अब तक 12 सौ से अधिक नसबंदी कराई जा चुकी हैं।