World Sight Day : दिमाग की टीबी छीन लेगी आंखों की रोशनी, इन लक्षणों पर करें गौर, समय से कराएं इलाज
World Sight Day किसी भी बीमारी को लेकर सचेत रहने की जरूरत है। दिमाग की टीबी आंखों को काफी नुकसान पहुंचा सकती है। समय पर इसका इलाज जरूरी है। इलाज में देरी से आंखों की रोशनी भी जा सकती है।
मुरादाबाद, जेएनएन। World Sight Day। बीमारी कोई भी हो समय से इलाज मिलने पर उसे ठीक किया जा सकता है। 13 वर्षीय बच्ची को दिमाग की टीबी होने की वजह से सिर में लगातार दर्द रहता था। हालत ये हो गई थी कि किशोरी बेहोश रहती थी। परिवार के लोगों ने दिमाग के सर्जन को दिखाया तो उन्होंने तमाम परीक्षण के बाद टीबी बताई। किशोरी को अस्पताल बेहोशी की हालत में लाने की वजह से परिवार के लोग भी सदमें में थे। डॉक्टर ने आपरेशन कराने के लिए कहा तो परिवार के लोगों ने दो माह देर कर दी। इसके बाद आपरेशन कराया गया। लेकिन, तब तक किशोरी की आंखों की पुतली सूख चुकी थी। वो चलने-फिरने के लायक हो गई। अभी टीबी का इलाज हो रहा है। किशोरी को देखने के बाद हर कोई अफसोस जाहिर करता है कि मासूम बच्ची लापरवाही की शिकार हो गई।
दिमागी टीबी का असर आंखों पर पड़ता है। आंखों में दिक्कत हो तो फाैरन डॉक्टर से संपर्क करें। समय से इलाज मिलने से आंखों की रोशनी नहीं जाएगी।
डॉ. भगतराम राणा, नेत्र रोग विशेषज्ञ एवं आइएमए अध्यक्ष
हर माह 10 मरीज दिमाग की टीबी के आ रहे हैं। कुछ मरीज को मर्ज को सिर्फ सिरदर्द समझकर दर्द निवारक टेबलेट खाते रहते हैं। इससे मर्ज बढ़ जाता है। इलाज समय से मिलने पर बीमारी खत्म की जा सकती है।
डॉ. सैयद असमत अली, ब्रेन एंड स्पाइन सर्जन
दिमागी टीबी के लक्षण
सिर में दर्द, घबराहट, उल्टी लगातार होना, चक्कर आना, बुखार आना, बिस्तर पर लेटे रहना, कभी-कभी आंखों की पुतली का न चलना, कभी कभी हाथ पैर नहीं चलना।