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अहमदाबाद से 1200 श्रमिकों को लेकर पहुंची श्रमिक स्पेशल ट्रेन,पूरी तरह से अलर्ट रहा प्रशासन Moradabad News

लॉकडाउन में प्रदेश के बाहर फंसे मजदूरों को लाने का सिलसिला पिछले कई दिनों से जारी है। धीरे-धीरे उनको घर वापस लाया जा रहा है। इसको लेकर प्रशासन अलर्ट है।

By Ravi SinghEdited By: Published: Tue, 12 May 2020 10:22 AM (IST)Updated: Tue, 12 May 2020 10:22 AM (IST)
अहमदाबाद से 1200 श्रमिकों को लेकर पहुंची श्रमिक स्पेशल ट्रेन,पूरी तरह से अलर्ट रहा प्रशासन Moradabad News

रामपुर,जेएनएन। लॉकडाउन के चलते गुजरात में फंसे 1200 मजदूरों को लेकर श्रमिक स्पेशल ट्रेन सोमवार को शाम चार बजे रामपुर पहुंची। इसको लेकर दिन भर प्रशासन पूरी तरह अलर्ट रहा। ट्रेन के प्लेटफॉर्म पहुंचने पर यात्रियों को क्रमबद्ध ढंग से शारीरिक दूरी का पालन करते हुए उतारा गया। प्रारंभिक परीक्षण के बाद भोजन, पानी और मास्क देर उन्हें रोडवेज बसों के माध्यम से सभी तहसीलों में बनाए गए आश्रय स्थलों के लिए रवाना कर दिया गया।

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सोमवार को श्रमिक स्पेशल ट्रेन गुजरात के अहमदाबाद में फंसे ऐसे 1200 मजदूरों को लेकर नगर के रेलवे जंक्शन पर पहुंची। पहले इसे दोपहर में एक बजे आना था, लेेकिन लेट होने के कारण शाम चार बजे यह प्लेटफॉर्म पर आई। इस दौरान एनाउंस किया गया कि जब तक कहा न जाए कोई भी ट्रेन से न उतरे। लगभग पांच मिनट बाद सबको धीरे-धीरे शारीरिक दूरी बनाते हुए पंक्तिबद्ध ढंग से बाहर आने को कहा गया।

अलर्ट मोड पर रहे अधिकारी

बीते चार दिनों में अहमदाबाद से लौटे पांच श्रमिकों की रिपोर्ट पॉजिटिव आने के कारण अधिकारी पहले ही सचेत हैं। अत: मजदूरों की बड़ी संख्या को देखते हुए प्रशासन ने खासी तैयारी कर रखी थी। सभी अलर्ट मोड पर थे। आरपीएफ और जीआरपी भी पूरी तरह सचेत थी। जिलाधिकारी आन्जनेय कुमार ङ्क्षसह ने मुख्य विकास अधिकारी शिवेंद्र कुमार ङ्क्षसह के नेतृत्व में 14 टीमों का गठन किया था। इसमें उप जिलाधिकारियों से लेकर निचले स्तर तक के अधिकारी एवं कर्मचारी मौजूद थे। प्लेटफॉर्म के निकास द्वारा पर चिकित्सकों की टीम पूरी व्यवस्था के साथ मौजूद थी। श्रमिकों की एक-एक कर थर्मल स्क्रीङ्क्षनग करके उन्हें बाहर भेजा जा रहा था। बाहर निकलने पर भोजन, पानी और मास्क देकर सबको बसों में बैठाया गया।

41 बसों द्वारा आश्रय स्थलों को भेजा गया

रोडवेज की ओर से 41 बसों की व्यवस्था की गई थी। एएसपी अरुण कुमार ङ्क्षसह ने बताया कि 1200 श्रमिक हैं। उन्हें छह तहसीलों में बनाए गए छह आश्रय स्थलों में दो-दो सौ के हिसाब से भेजा जा रहा है। प्रारंभिक चिकित्सीय परीक्षण यहां पर कर लिया गया है। हमें बताया गया था कि सब रामपुर के ही हैं, लेकिन इनमें से कुछ लोग बाहर के भी निकले हैं। उन्हें उनके जनपदों में भेजने की व्यवस्था की जाएगी। जो हमारे जनपद के हैं। उनके सैंपल लेकर परीक्षण करवाया जाएगा। उसके बाद उनके घरों को भेज दिया जाएगा।

यहां आकर मिला सूकून

खेमपुर की पाकीजा कहती हैं कि अहमदाबाद में जरदोजी का काम करती थीं। बहुत कम मजदूरी मिलती थी। लॉकडाउन हुआ तो बहुत परेशानी सामने आ गई, बच्चों की ङ्क्षचता सताने लगी। लग रहा था, जैसे भी हो यहां से निकलना चाहिए। अब यहां आकर सुकून मिल रहा है।

रिपोर्ट का इंतजार

बिलासपुर गेट के दानिश बताते हैं कि वहां पर एक जगह मजदूरी करते थे। लॉकडाउन में काम बंद हुआ तो पैसों की परेशानी आने लगी। मन घर की ओर भाग रहा था। अब यहां पर आकर खुश हूं। बस दुआ है कि रिपोर्ट ठीक आए।

सरकार फ्री में भेज रही मजदूरों को घर

खेमपुर के असलम बताते हैं कि अहमदाबाद में सिलाई का काम करते थे। कोरोना ने ऐसी परेशानी खड़ी की है कि सब काम धंधे चौपट हो गए। इतने दिन बहुत परेशानी में काटे। लगता था कि जल्दी से जल्दी घर पहुंचें। अब सरकार फ्री में सबको घर भेज कर बहुत अच्छा काम कर रही है।

बीमारी की वजह से हो गया है बुरा हाल

चपटा गांव के अदनान कहते हैं कि अहमदाबाद में जरदोजी कारखाने में मजदूरी पर काम करते थे। लॉकडाउन होने के बाद परेशानी होने लगी थी। बीमारी से वहां पर भी लोगों का बुरा हाल है। हम तो अपने घर आ गए हैं। अल्लाह से दुआ है कि जल्दी से यह बीमारी खत्म हो जाए।


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