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मुरादाबाद में हॉटस्पॉट एरिया से बिहार जाने पर अड़े मजदूर, हंगामा Moradabad News

लॉकडाउन तक प्रशासन करेगा दोनों वक्त के खाने की व्यवस्था । आश्वासन के बाद सभी मजदूर घर लौट गए।एसीएम ने थाना प्रभारी से कहा मजदूरों के मकान मालिक इनसे किराया नहीं लेंगे।

By Ravi SinghEdited By: Published: Wed, 13 May 2020 12:59 PM (IST)Updated: Wed, 13 May 2020 12:59 PM (IST)
मुरादाबाद में  हॉटस्पॉट एरिया से बिहार जाने पर अड़े मजदूर, हंगामा Moradabad News
मुरादाबाद में हॉटस्पॉट एरिया से बिहार जाने पर अड़े मजदूर, हंगामा Moradabad News

 मुरादाबाद,जेएनएन। हॉटस्पाट एरिया से घर जाने की जिद कर रहे 484 बिहार राज्य के मजदूर मंगलवार को प्रशासन के गले की फांस बन गए। दस दिन के भीतर दूसरी बार सड़क पर निकले मजदूरों को वापस लौटाने में प्रशासनिक अमले को घंटों मशक्कत करनी पड़ी और हंगामा होता रहा। फोर्स की मौजूदगी में मजदूरों को धैर्य व सब्र रखने की सलाह दी गई। हालांकि बाद में मजदूर मान गए और वापस लौट गए।

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शहर के गलशहीद थाना क्षेत्र में मंगलवार को दोपहर करीब 12 बजे तब अचानक अफरा-तफरी मच गई। जब पता चला कि करीब पांच सौ बिहार राज्य के मजदूर प्रिंस रोड पर उतरे हैं। वह रेलवे स्टेशन की ओर बढ़ रहे हैं। कोरोना संक्रमण के लिहाज से असालतपुरा पहले से ही हॉटस्पाट घोषित है। ऐसे में भारी संख्या में मजदूरों के सड़क पर निकलने की खबर से प्रशासनिक अमले में अफरा तफरी मच गई। गलशहीद थाना प्रभारी ने दलबल के साथ चड्ढा सिनेमा हाल के सामने पहुंचे। वहीं आगे बढऩे से मजदूरों को रोक दिया। कुछ ही देर में सीओ कटघर पूनम सिरोही और एसीएम प्रथम राजेश कुमार भी वहां आ गए। इस बीच पीएसी के जवान भी वहां आ गए। भारी फोर्स की मौजूदगी में प्रशासनिक अधिकारियों ने मजदूरों से बात की। मजदूरों ने अपनी बेबसी व लाचारी का हवाला देते हुए घर भेजे जाने की मांग की। इस पर एसीएम ने उन्हें समझाया। बताया कि जिला प्रशासन बिहार सरकार के लगातार संपर्क में है। बिहार सरकार ने अपनी सीमाएं अभी सील की हैं। ऐसे में मजदूरों का तत्काल घर पहुंचना मुमकिन नहीं है। आप सभी के खाने का प्रबंध असालतपुरा पुलिस चौकी में होगा। बिहार के मजदूर जब तक मुरादाबाद में हैं, उनके खाने का प्रबंध करना प्रशासन की जिम्मेदारी है। इसके अलावा एसीएम ने थाना प्रभारी से कहा कि जिन मकानों में मजदूर निवास कर रहे हैं, उनके मकान मालिक किराया नहीं लेंगे। उनके आश्वासन के बाद मजदूर घर लौट गए।

जुबां पर वेदना आते ही फफक पड़ा मुश्ताक

 बिहार के मजदूरों का नेतृत्व कर रहे मुश्ताक को जब अपनी पीड़ा कहने का मौका मिला, तो जुबान खोलने से पहले उसकी आंखें रो पड़ीं। उसने बताया कि वह बीते दो माह में कई बार मजदूरों को उनके घर भेजने की कोशिश कर चुका है। कलेक्ट्रेट से लेकर एसएसपी कार्यालय के कई बार चक्कर काट चुका है। पंजीकृत 484 मजदूरों में अधिकांश बिहार के पूर्णिया के रहने वाले हैं। मुगलपुरा, गलशहीद, कोतवाली व कटघर थाना क्षेत्र के विभिन्न होटलों में काम करते हैं। लॉकडाउन अवधि में कारोबार ठप है। काम छूटने के साथ ही खाने के लाले पड़ गए। अब तो वह लोग भी मुंह मोड़ चुके हैं, जिनके लिए मजदूर अपना खून पसीना बहाते हैं। मुश्ताक की बातों का समर्थन जहांगीर, मुहम्मद अजीज, आबिद आदि ने भी किया।  


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