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मुश्किलों को चुनौती देकर लक्ष्य की ओर बढ़ रहीं क्रिकेटर बेटियां Moradabad news

लड़कियों के लिए विशेष अकादमी न होने के चलते शहर के अलग-अलग मैदानों पर लड़कों के साथ ही महिला क्रिकेटर जमकर पसीना बहा रहीं हैं।

By Narendra KumarEdited By: Published: Thu, 27 Feb 2020 12:15 PM (IST)Updated: Thu, 27 Feb 2020 12:15 PM (IST)
मुश्किलों को चुनौती देकर लक्ष्य की ओर बढ़ रहीं क्रिकेटर बेटियां Moradabad news
मुश्किलों को चुनौती देकर लक्ष्य की ओर बढ़ रहीं क्रिकेटर बेटियां Moradabad news

मुरादाबाद, (रवि प्रकाश सिंह रैकवार)। सात समंदर पार आस्ट्रेलिया में यूपी की दो बेटियां पूनम यादव और दीप्ति शर्मा भारतीय टीम के विश्व विजेता अभियान की सारथी बनी हुई हैं। वहीं यूपी की सीनियर और अंडर-19 टीम भी लंबे अरसे बाद लय में दिख रही है। मुरादाबाद की लड़कियां भी इसमें पीछे नहीं हैं। इसी महीने मुरादाबाद की अंजू रानी और निशि कश्यप ने यूपी की महिला क्रिकेट टीम में जगह बनाकर बड़ी उम्मीदें जगा दी हैं। इन्हीं दोनों की तरह दर्जनों लड़कियां शहर के अलग-अलग मैदानों पर विषम हालात में भी आंखों में सुनहरे सपने लिए जी-जान से जुटी हैं। लोगों की आलोचनाओं और कमजोर पारिवारिक पृष्ठभूमि भी इन लड़कियों के हौसले के आगे ढेर हो रही हैं। 

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लड़कों के साथ करती हैं अभ्यास:  शहर में महिला क्रिकेटरों के लिए कोई एकेडमी नहीं थी तो यहां की लड़कियों ने लड़कों के साथ अभ्यास करने का फैसला किया। आज शहर की दर्जनों महिला क्रिकेटर टीएमयू क्रिकेट एकेडमी, रेलवे और सोनकपुर स्टेडियम में न केवल लड़कों के साथ अभ्यास कर रहीं है बल्कि यूपी टीम में चयनित भी हो रही हैं। टीएमयू में कोच बदरुद्दीन से क्रिकेट के गुर सीख रहीं आलराउंडर अंजलि बताती हैं कि मुझे समाज की परवाह नहीं है मुझे देश के लिए खेलना है। परिवार ने पूरा सपोर्ट किया लेकिन कई करीबियों ने तंज भी कसा। 

प्रतियोगिताओं में ले रहीं हिस्सा

टीएमयू के कोच बदरुद्दीन ने बताया कि लड़कों के साथ अभ्यास करने वाली लड़कियां लड़कों की टीम से खेल भी रही हैं। जिला क्रिकेट एसोसिएशन की ओर से आयोजित होने वाली प्रतियोगिताओं में पुरुष क्रिकेटरों के साथ ये लड़कियां कई टूर्नामेंट में हिस्सा ले चुकी हैं। कोच ने बताया कि अप्रैल के बाद मुरादाबाद के बाहर होने वाली प्रतियोगिताओं में भी इन लड़कियों को खेलने के लिए भेजा जाएगा। ऑफ ब्रेक गेंदों से अच्छे-अच्छे बल्लेबाजों को ढेर करने  वाली यशिका बताती हैं कि पूनम यादव ने जिस तरह संघर्ष करते हुए टीम इंडिया में जगह बनाई उसी तरह मैं भी देश के लिए खेलना चाहती हूं। 

क्रिकेट ही मेरा जीवन है

लेफ्ट आर्म स्पिनर ईशा बताती हैं कि उन्होंने तय कर लिया है कि उन्हें भविष्य में क्रिकेटर ही बनना है। सफर बहुत मुश्किल है लेकिन मेहनत के बल पर मैं इस मुकाम को हासिल करुंगी। रितु पाल का कहना है मुरादाबाद में महिला क्रिकेट का क्रेज काफी बढ़ा है। एक महीने के अंदर दो महिला क्रिकेटरों का चयन होना इस बात की गवाही देता है। 


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