आइजी के खिलाफ बयान दर्ज कराने वाले गवाहों को मिलेगी सुरक्षा Rampur News
पांच फरवरी को सुरक्षा कर्मियों के साथ बयान दर्ज कराने जाएंगे लखनऊ!
मुरादाबाद, जेएनएन। लखनऊ में तैनात एक आइपीएस अधिकारी के खिलाफ चल रही विभागीय जांच में रामपुर के दो लोग गवाह हैं। जांच अधिकारी ने दोनों को गवाही के लिए बुलाया है। इसके लिए दोनों को सुरक्षा दिए जाने के लिए पुलिस अधीक्षक रामपुर को निर्देशित किया गया है।
विभागीय जांच का यह मामला आइजी अमिताभ ठाकुर से जुड़ा है। उनके खिलाफ दो मामलों में विभागीय जांच चल रही है। इनमें एक मामला उत्तर प्रदेश वाल्मीकि महासभा के जिला महामंत्री सोनू कठेरिया से जुड़ा है। उन्होंने चार साल पहले शहर कोतवाली में आइजी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था, जिसमें कहा है कि आइजी अपनी पत्नी नूतन ठाकुर के साथ 13 मार्च 2016 को रामपुर आए थे। तब सपा की सरकार थी और आजम खां कैबिनेट मंत्री थे। आइजी पर आरोप है कि वाल्मीकि बस्ती तोपखाना रोड पर दानिश खां के साथ मिलकर वाल्मीकि समाज के लोगों को जाति व धर्म के नाम पर कैबिनेट मंत्री के खिलाफ भड़काया था।
दूसरा मामला पूर्व सिपाही मोहम्मद रफी से जुड़ा है। उन्होंने भी 29 अप्रैल 2015 को सिविल लाइंस कोतवाली में एक मुकदमा दर्ज कराया था, जिसमें आइजी अमिताभ ठाकुर, उनकी पत्नी नूतन ठाकुर, लखनऊ में तैनात दारोगा बिशन स्वरूप शर्मा और मॉडल कालोनी निवासी शहजादे खां को नामजद किया था। इसम मुकदमे में आरोप है कि शहजादे के भाई दानिश खां पर दर्ज मुकदमे को वापस लेने के लिए आइजी व अन्य आरोपितों ने पूर्व सिपाही को फोन पर धमकाया था।
मामला आइजी से जुड़ा होने पर इसकी विभागीय जांच भी चल रही है। जांच में दोनों के ही बयान दर्ज किए जाने हैं। इसके लिए दोनों गवाहों को पहले भी तीन बार गवाही के लिए बुलाया गया था, लेकिन उन्होंने आरोपित आइजी से जान को खतरा बताते हुए लखनऊ आने से मना कर दिया था। इस पर आइजी पीएसी अनिल कुमार राय ने एसपी रामपुर संतोष कुमार मिश्रा को दोनों गवाहों को पुलिस सुरक्षा प्रदान करते हुए सुरक्षाकर्मियों के साथ लखनऊ भेजने के निर्देश दिए हैं। सुरक्षाकर्मियों को गवाहों के साथ पूरी यात्रा के दौरान साथ रहने के निर्देश दिए गए हैं। गवाहों के बयान पांच फरवरी को होने हैं।