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अधिकारियों की अनदेखी से सरकारी खजाने पर ढाई करोड़ का बोझ

अधिकारियों अदूरदर्शिता के चलते शासन पर सरकारी खजाने पर ढाई करोड़ रुपये का बोझ पड़ रहा है। मूंढापांडे ब्लाक के सिरसखेड़ा में नई जेल निर्माण के लिए 600 बीघा जमीन का अधिग्रहण किया गया था। इसका मुआवजा किसानों को देने की प्रक्रिया चल रही है।

By RashidEdited By: Published: Thu, 17 Jan 2019 02:44 AM (IST)Updated: Thu, 17 Jan 2019 02:05 PM (IST)
अधिकारियों की अनदेखी से सरकारी खजाने पर ढाई करोड़ का बोझ

मुरादाबाद । अधिकारियों अदूरदर्शिता के चलते शासन पर सरकारी खजाने पर ढाई करोड़ रुपये का बोझ पड़ रहा है। मूंढापांडे ब्लाक के सिरसखेड़ा में नई जेल निर्माण के लिए 600 बीघा जमीन का अधिग्रहण किया गया था। इसका मुआवजा किसानों को देने की प्रक्रिया चल रही है। इसी बीच किसानों ने जमीन पर खड़े पेड़ों के लिए अलग से मुआवजा देने की मांग रख दी। मांग नहीं मानने पर समझौता करने से इन्कार कर दिया। अधिकारियों ने अधिग्रहण से पूर्व इस प्रकार की न ता शर्त रखी थी और ना इसके लिए कोई अलग से बजट की व्यवस्था थी। इसके चलते किसानों को केवल जमीन का मुआवजा दिया जा रहा था, लेकिन अब जमीन के साथ ही पेड़ों का मुआवजा अलग से दिया जाएगा।

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किसानों ने पेड़ों का मुआवजा देने की थी मांग

किसानों ने जमीन का मुआवजा लेने के बाद पेड़ों का मुआवजा देने की मांग की थी, जिसे प्रशासन ने मानते हुए पेड़ों की कीमत का आंकलन करने की जिम्मेदारी वन विभाग के अफसरों को सौंपी थी। वन विभाग ने आंकलन करने के बाद रिपोर्ट प्रशासन को सौंप दी है। इस रिपोर्ट में किसानों को दो करोड़ साठ लाख रुपये का मुआवजा किसानों को देने की बात कही गई है। अभी तक किसानों को 39 करोड़ रुपये का भुगतान जमीन के मुआवजे के रूप में दिया जा चुका है। लेकिन पेड़ों का भी मुआवजा किसानों को दिया जाएगा। भूमि अध्यापित अधिकारी नरेंद्र बहादुर सिंह ने बताया कि वन विभाग के आंकलन के आधार किसानों को मुआवजा दिया जाएगा। अधिकारियों की इस लापरवाही से सरकारी खजाने पर अब अतिरिक्त बोझ पड़ रहा है।


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