भटकेगी नहीं, यह गड्डी चल दी छलांगे मार दी...Moradabad News
कोरोना से बचाव करते हुए शारीरिक दूरी का पालन कर ट्रेन में बैठे हुए थे और ट्रेन सीटी बजाते हुए छुक-छुक के साथ चल दी थी।
मुरादाबाद, (उमेश लव)। एक, दो, तीन, चार के बाद अब लॉकडाउन-5 की तैयारी है। इसमें छूट रहेगी लेकिन कड़ी शर्तों और नियमों के साथ। हॉटस्पॉट के इलाकों में तो सरकार कतई छूट देने को तैयार नहीं है। ऐसे में अपने घरों से दूर दराज के शहरों में फंसे प्रवासी मजदूरों की स्थिति बेहद खराब है। वह भूखे हैं और प्यासे भी। पैदल चलते- चलते चप्पल टूट चुकी है और पैरों में छाले हो गए हैं मगर हिम्मत नहीं हारी है। इन्हें कोरोना के खौफ से ज्यादा दो वक्त की रोटी ने अपने शहर, गांव और घर लौटने को विवश कर दिया है।
मुरादाबाद से 700 यात्रियों को लेकर श्रमिक स्पेशल ट्रेन पश्चिम बंगाल के लिए रवाना
ऐसे में शुक्रवार को जब मुरादाबाद रेलवे स्टेशन से 700 यात्रियों को लेकर श्रमिक स्पेशल ट्रेन पश्चिम बंगाल के लिए रवाना हुई तो सभी के चेहरों की खुशी देखने लायक थी। इन प्रवासी मजदूरों को उम्मीद है कि अन्य ट्रेनों की तरह उनकी श्रमिक स्पेशल ट्रेन भटकेगी नहीं और न ही शारीरिक दूरी की तरह रास्ते में लंबित होगी और समय पर पश्चिम बंगाल पहुंचा देगी। दोपहर एक बजे जैसे ही ट्रेन यहां से रवाना होने लगी तो सभी प्रवासी खुश थे।
मजदूर गुनगुनाते भी देखे गए कि गड्डी जांदी है छलांगा मार दी
ऐसे में कई मजदूर गुनगुनाते भी देखे गए कि गड्डी जांदी है छलांगा मार दी, मैंनू याद आई मेरे यार दी। प्रवासी मजदूरों की इस आवाज को अफसरों ने सुना या नहीं, लेकिन खुशी से झूम रहे मजदूरों के दिल की आवाज में, अपनों से मिलने की ललक भी थी तभी तो कोरोना से बचाव करते हुए शारीरिक दूरी का पालन कर ट्रेन में बैठे हुए थे और ट्रेन सीटी बजाते हुए छुक-छुक के साथ चल दी थी। कुछ ही पल में इस श्रमिक स्पेशल ट्रेन ने वास्तव में छलांग मारते हुए स्पीड बढ़ाई और बरेली की तरफ आंखों से ओझल हो गई क्योंकि इसे रेलवे की छवि पर दाग नहीं लगाना है और मझधार में फंसे प्रवासियों को निर्धारित समय पर उनके घर पहुंचाना है।