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मुरादाबाद से हवाई उड़ान के लिए करना होगा इंतजार, चार करोड़ रुपये की और जरूरत

विशेष सचिव सुरेन्द्र सिंह के साथ हुई थी ऑनलाइन बैठक। चार करोड़ रुपये अतिरिक्त बजट की मांग की थी।

By Narendra KumarEdited By: Published: Fri, 18 Sep 2020 12:35 PM (IST)Updated: Fri, 18 Sep 2020 12:35 PM (IST)
मुरादाबाद से हवाई उड़ान के लिए करना होगा इंतजार, चार करोड़ रुपये की और जरूरत

मुरादाबाद, जेएनएन। हवाई पट्टी के निर्माण में बजट की बाधा पार नहीं हो रही है। बुधवार को नागरिक उड्डयन विभाग के विशेष सचिव सुरेन्द्र सिंह ने वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से समीक्षा की थी। इस दौरान उन्होंने अलीगढ़,आजमगढ़,कुशीनगर के साथ ही मुरादाबाद में विकसित की जा रही हवाई पट्टियों की समीक्षा की। लेकिन इस समीक्षा बैठक के दौरान मुरादाबाद के रिवाइज बजट को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई। ऐसे में कार्यदायी संस्था राजकीय निर्माण निगम के अधिकारी परेशान है।

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हवाई पट्टी के निर्माण में अभी तक 15 करोड़ रुपये से अधिक का बजट खर्च हो चुका है। वहीं पूर्व में चार करोड़ रुपये का बजट भी बढ़ाया गया था,लेकिन कार्यदायी संस्था ने काम खत्म करने के चार करोड़ रुपये के और बजट की मांग की है। इसके लिए बजट को रिवाइज करके प्रस्ताव शासन को भेजा गया है,लेकिन अभी तक इस मामले में शासन स्तर पर कोई जवाब नहीं दिया गया। वहीं चार करोड़ का रिजर्व बजट को अवमुक्त किए जाने को लेकर भी कोई चर्चा नहीं हुई है। राजकीय निर्माण निगम के अधिशासी अभियंता राजन सिंह ने बताया कि अभी तक उनके पास जो बजट था,उसे खर्च किया जा चुका है। अगर शासन स्तर पर रिवाइज बजट के प्रस्ताव पर विचार नहीं किया जाएगा तो काम खत्म करना मुश्किल होगा। बुधवार को वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से हुई बैठक की अध्यक्षता नोडल अधिकारी एडीएम प्रशासन लक्ष्मीशंकर सिंह ने की थी,लेकिन इस बैठक के दौरान केवल अभी तक हुई कार्यप्रगति के बारे में जानकारी मांगी गई,लेकिन बजट रिवाइज के संबंध में कोई जानकारी नहीं दी गई। ऐसे में सवाल है कि बिना बजट के कार्यदायी संस्था काम कैसे खत्म करेगी।

मिट्टी घोटाले में चल रही जांच

हवाई पट्टी में एक करोड़ रुपये से अधिक के बजट से मिट्टी डालने के मामले में अभी जांच चल रही है। इस मामले में राजकीय निर्माण निगम के तीन इंजीनियरों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने के निर्देश विशेष सचिव ने दिए थे। वहीं इस मामले की जांच भी इटावा के परियोजन प्रबंधक के द्वारा की जा रही है। इस जांच के चलते भी कार्यदायी संस्था फूंक-फूंक कर कदम रख रही है।


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