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सेटेलाइट से होगी पराली जलाने की निगरानी, पकड़े जाने पर होगी कार्रवाई

मुरादाबाद, जासं: पराली जलाने की निगरानी सेटेलाइट से होगी। जिस क्षेत्र में पराली जलती मिलेगी उन किसानों पर कार्रवाई की जाएगी।

By JagranEdited By: Published: Wed, 10 Oct 2018 06:10 AM (IST)Updated: Wed, 10 Oct 2018 06:10 AM (IST)
सेटेलाइट से होगी पराली जलाने की निगरानी, पकड़े जाने पर होगी कार्रवाई
सेटेलाइट से होगी पराली जलाने की निगरानी, पकड़े जाने पर होगी कार्रवाई

मुरादाबाद, जासं: पराली जलाने की निगरानी सेटेलाइट से होगी। जिस क्षेत्र में पराली जलती मिलेगी उन किसानों को चिन्हित कर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। कृषि महकमा उनकी रिपोर्ट शासन को भेजेगा। यह हैं नुकसान

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पराली जलाने से उपजाऊ मिट्टी के पोषक तत्व नष्ट हो जाते हैं। जिसका सीधा असर फसल उत्पादन पर पड़ता है। वैज्ञानिक सहायक मुनीष कुमार कहते हैं कि पराली जलाने की पड़ताल करने के लिए कृषि वैज्ञानिकों की टीम जनपद का दौरा करने वाली है। इसके जलने से फसलों का ह्रास होता है। भेजी जाएगी रिपोर्ट

शासन पराली जलाने को अपराध माना है। जो किसान ऐसा करेंगे उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। शासन को रिपोर्ट भेजी जाएगी।

-सीएल यादव, उप निदेशक कृषि रक्षा। पक्षियों के लिए भी हानिकारक

हाजी सदाकत हुसैन का कहना है कि किसान पराली न जलाएं इससे होने वाला प्रदूषण इनसान पहुंचाता है। इंसान ही नहीं पशु व पक्षियों के लिए भी हानिकारक है। हाजी वाजिद हुसैन ने बताया कि पराली का निस्तारण जलाकर न करें, बल्कि कम्पोस्ट खाद बनाकर करें। प्रदूषण नुकसानदेह है। दिल्ली तक पराली का धुआं आने से रोकें पंजाब-हरियाणा : केंद्र

पराली जलाने की शुरुआती घटनाओं से सतर्क केंद्र ने पंजाब और हरियाणा पर दबाव बढ़ा दिया है। हालांकि दोनों ही राज्यों ने पराली जलाने की घटनाओं में कमी का भरोसा तो दिया है, लेकिन शत-प्रतिशत रोक से हाथ खड़े कर दिए हैं। पंजाब ने पिछले साल के मुकाबले पराली जलाने की घटनाओं में करीब 60 फीसद की कमी, जबकि हरियाणा ने करीब 90 फीसद कमी का भरोसा दिया है। केंद्र ने दोनों राज्यों को दो-टूक समझा दिया है, 'कुछ भी करो, लेकिन दिल्ली तक पराली का धुआं नहीं आना चाहिए।' पर्यावरण मंत्रालय ने पराली के आने वाले खतरों से निपटने के लिए दोनों राज्यों की तैयारियों को लेकर दो दिन तक लंबी बैठक की। मंगलवार को इस मुद्दे पर अकेले पंजाब के साथ भी अलग से चर्चा की। इस दौरान पंजाब की ओर से प्रमुख सचिव पर्यावरण और उनकी टीम मौजूद थी। जबकि केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय की ओर से सचिव ने खुद इस बैठक में हिस्सा लिया। इस दौरान केंद्र ने जहां पराली नष्ट करने के लिए पंजाब में निर्धारित मशीनों को बांटने का लक्ष्य पूरा न कर पाने पर असंतोष जताया। वहीं, निर्देश दिया कि 15 अक्टूबर तक वह मशीनों के वितरण का लक्ष्य पूरा करे। पराली संकट से निपटने के लिए तैयार योजना के तहत पंजाब को इस साल पराली नष्ट करने वाली 2,500 मशीनें किसानों को बांटनी थीं, लेकिन अब तक वह सिर्फ आधी मशीनों का ही वितरण कर पाया है।

इसके अलावा पर्यावरण मंत्रालय ने पंजाब को पराली जलाने की घटनाओं को 10,000 तक सीमित करने का भी लक्ष्य दिया है। पिछले साल अकेले पंजाब में पराली जलाने की करीब 42 हजार घटनाएं हुई थीं। हालांकि, पंजाब का कहना था कि वहां इन घटनाओं में कमी आई है। 2016 में जहां इस तरह की 72 हजार घटनाएं हुई थीं, वहीं 2017 में सिर्फ 42 हजार ही हुईं। इस बीच, केंद्र ने हरियाणा की तैयारियों को लेकर संतोष जताया है, साथ ही पराली की घटनाओं पर रोकथाम को लेकर सख्ती से काम करने को कहा है। हरियाणा ने इन घटनाओं में 90 फीसद तक की कमी का भरोसा दिया है। 2017 में हरियाणा में पराली जलाने की करीब 22 हजार घटनाएं हुई थीं। केंद्र सरकार का इस दौरान पंजाब पर सबसे ज्यादा फोकस इसलिए भी है, क्योंकि पराली जलाने की सबसे ज्यादा घटनाएं यहीं पर होती हैं। पराली के जुर्माने पर किसानों पर कार्रवाई शून्य

मुरादाबाद : पर्यावरण के लिए पराली का धुआं खतरा बनता जा रहा है। पराली जलाने से किसानों को रोकने के लिए राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण कोर्ट ने जुर्माने का प्रावधान बनाया था, उसके बाद पराली जलाने को लेकर अफसरों ने सख्ती दिखाई थी। हालांकि जनपद में धान की पैदावार कम होने के बाद भी पराली जलाने के कई मामले सामने आते रहते हैं। ऐसे अफसर इन मामलों को रोकने के लिए ग्राम्य स्तर पर गोष्ठियों का आयोजन कर रहे हैं। ग्राम्य विकास अधिकारी के साथ ही एसडीएम गांव-गांव में पहुंचकर लोगों को जागरूक करने का काम कर रहे हैं। पराली जलाने पर जुर्माने का नियम है, लेकिन स्थानीय स्तर पर अभी तक ऐसी कार्रवाई नहीं हुई है। अफसरों का कहना है कि स्थानीय स्तर पर किसान पराली जलाने के मामले पकड़ में नहीं आए हैं। ऐसे में बिना साक्ष्य के जुर्माने की कार्रवाई करना संभव नहीं है। क्षेत्र में धान की पैदावार बहुत कम है। ऐसे में जो पराली होती है। उसका किसान जलाने की अपने निजी कार्यो में भी उपयोग कर लेते हैं। प्रति एकड़ से तय होता है जुर्माना

राज्य सरकार के द्वारा पराली जलाने पर जुर्माने के लिए अलग-अलग मानक बनाए गए हैं। इसमें दो एकड़ भूमि पर पराली जलाने पर ढाई हजार रुपये, दो से पांच एकड़ में जलाने पर पांच हजार रुपये का जुर्माना लगाने का नियम है, जबकि पांच एकड़ से ज्यादा भूमि पर पराली जलाने पर 15 हजार रुपये जुर्माना लगाने का प्राविधान है। सख्त कार्रवाई के दिए थे निर्देश : अधिवक्ता

पराली जलाने पर एनजीटी ने राज्य सरकारों को सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए थे। प्रदूषण को लेकर मुरादाबाद की स्थिति बहुत बेहतर नहीं है। राज्य सरकार को कड़े कदम उठाने के लिए कोर्ट ने कहा है। एनसीआर से जुड़े जनपदों में पराली बहुत अधिक जलाई जाती है।

-गौरव बंसल, अधिवक्ता, एनजीटी कोर्ट।


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