रामपुर से ट्रक में लादकर जंगली हाथियों को नेपाल सीमा पर ले गए वनकर्मी
रामपुर में दोनों हाथियों को बेहोश करने के बाद एक्सपर्ट नेपाल की सीमा पर ले गए हैं।
मिलक (रामपुर) : जिले में 20 दिन से दहशत फैलाए दोनों जंगली हाथियों को वनकर्मी नेपाल सीमा पर ले गए। जंगली हाथियों को बुधवार की शाम पकड़ लिया गया था। उन्हे रातभर जंगल में ही जंजीरों से जकड़कर रखा गया। वन विभाग के कर्मचारियों ने सुबह नौ बजे क्रेन की सहायता से दोनों हाथियों को ट्रक में लादा।
एसडीएम व सीओ भी मौके पर पहुंचे
इसके बाद दोनों को पीलीभीत से सटे नेपाल के बार्डर के जंगल मे छोडऩे के लिए ट्रक नगला उदई गांव से रवाना हुए। हाथियों को ट्रक में लादने और वहां से ले जाने के दौरान एसडीएम ज्योति गौतम और सीओ सलोनी अग्रवाल मौके पर मौजूद रहीं।
कई जिलों से बुलाए गए थे एक्सपर्ट
बुधवार को उत्तराखंड के जिम कार्बेट पार्क और आसाम के काजीरंगा नेशनल पार्क से एक्सपर्ट बुलाए गए थे। इनके साथ बदायूं, पीलीभीत, आगरा, बरेली, शाहजहांपुर, मुरादाबाद और रामपुर आदि जगहों के वन विभाग के अधिकारी और कर्मचारी हाथियों को पकडऩे के ऑपरेशन में शामिल रहे। बुधवार की शाम दुधवा पार्क से मंगवाई गई तीनों हथनियों को मौके पर बुलवाया गया।
बेहोश होते ही जंजीरों से जकड़े गए हाथी
टीम ने हाथियों को ट्रेंकुलाइजर गन से डॉट लगाई। हाथियों के बेहोशी की अवस्था में पहुंचने पर उन्हें जंजीरों और रस्सियों से जकड़ कर बांध दिया गया। अंधेरा होने के कारण दोनों हाथियों को दूसरे स्थान पर ट्रांसपोर्ट करना मुमकिन नहीं था। ऐसे में पूरी रात दोनों जंगली हाथियों को गांव के जंगल में ही बांधकर रखा गया। हाथियों के चारों ओर सुरक्षा घेरा तैनात किया गया। रात भर सैकड़ों की संख्या में वनकर्मी हाथियों की निगरानी करते रहे।
गुरुवार सुबह नौ बजे क्रेन की सहायता से दोनों ट्रकों में हाथियों को लादा गया। इसके बाद दोनों को पीलीभीत से सटी नेपाल सीमा छोडऩे के लिए उन्हें ले जाया गया। हाथियों को वन विभाग द्वारा पकडऩे के बाद ग्रामीणों ने राहत की सांस ली। ग्रामीणों ने खुशी जाहिर की और वन विभाग के अधिकारियों द्वारा हाथियों को पकडऩे की सराहना की। हाथियों के जंगल में होने की वजह से ग्रामीण अपने खेतों पर नहीं जा पा रहे थे, जिससे उनकी खेती पर प्रभाव पड़ रहा था। इन दिनों खेतों में धान की फसल लगाने का काम चल रहा है। हाथियों के आतंक की वजह से किसान अपने खेतों पर फसल की बुवाई नहीं कर पा रहे थे। हाथियों को काबू करने और उन्हें यहां से ट्रक में लादकर ले जाने के लिए आपरेशन के दौरान वन विभाग के अधिकारी मौजूद रहे।