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CM Yogi Adityanath क्यों हुए थे मुरादाबाद के अफसरों पर नाराज, पढ़ें अंदर की बात

Why CM Yogi Adityanath Angry with Officials वीडियो कांफ्रेंस में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नाराज होने का कारण खुद मुरादाबाद के अधिकारी ही हैं। खनन माफिया के एसडीएम के सामने से वाहन छुड़वाकर ले जाने की घटना को पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने गंभीरता से ही नहीं लिया था।

By JagranEdited By: Samanvay PandeyPublished: Tue, 27 Sep 2022 09:32 AM (IST)Updated: Tue, 27 Sep 2022 09:32 AM (IST)
CM Yogi Adityanath क्यों हुए थे मुरादाबाद के अफसरों पर नाराज, पढ़ें अंदर की बात
Why CM Yogi Adityanath Angry with Moradabad Officials :

जागरण संवाददाता, मुरादाबाद। Why CM Yogi Adityanath Angry with Officials : वीडियो कांफ्रेंस में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नाराज होने का कारण खुद मुरादाबाद के अधिकारी ही हैं। खनन माफिया के एसडीएम के सामने से वाहन छुड़वाकर ले जाने की घटना को पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने गंभीरता से ही नहीं लिया था।

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सीएम के नाराजगी जताने पर सक्रिय हुई पुलिस

अधिकारी एक दूसरे के पाले में गेंद डालने की कोशिश करते रहे और कार्रवाई करने के लिए तैयार नहीं थे। घटना के बाद एक आरोपित को मौके से ही पकड़ा गया था, जबकि दो आरोपित दो दिन बाद गिरफ्तार किए। वीडियो कांफ्रेंस में मुख्यमंत्री द्वारा नाराजगी जताने के बाद पुलिस भी सक्रिय हुई और दो और आरोपितों को गिरफ्तार किया गया।

अफसरों के साथ नेता भी खनन के खेल में एक्टिव

इस प्रकरण में अभी तक की जांच में जो बात निकलकर आई है उसके अनुसार अधिकारियों के साथ ही नेताओं का सिंडीकेट खनन के खेल में एक्टिव था। बताया जा रहा है कि मेरठ के माफिया को उत्तराखंड से खनन करके लाने वाले ट्रकों को यूपी में प्रवेश दिलाने के लिए वसूली करा रहा था। इसमें सभी की हिस्सेदारी थी।

लखनऊ की टीम करेगी जांच

यह रिपोर्ट मुख्यमंत्री तक पहुंची तो उन्होंने अधिकारियों को चेतावनी देने के साथ अधिकारियों की टीम को जांच के लिए मुरादाबाद रवाना कर दिया। यह तय है कि इस प्रकरण में कई अधिकारियों का नपना तय है। अब देखना है कि जांच में किन-किन अफसरों के नाम आते हैं। उन पर क्या कार्रवाई होती है।

मुरादाबाद पहुंचे विशेष सचिव

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अवैध खनन में चल रहे वसूली के खेल को लेकर बेहद सख्त हैं। उनके आदेश पर भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग के विशेष सचिव नितिन कुमार जैन टीम के साथ सोमवार दोपहर बाद मुरादाबाद पहुंचे। वह मुरादाबाद के अधिकारियों से मुलाकात करने के बजाय सीधे ठाकुरद्वारा पहुंचे। इसके बाद वहां पुलिस और कर्मियों से पूछताछ की। कई घंटे पूरे क्षेत्र में होने वाले खनन के खेल को समझा।

उत्तराखंड से खनन कर आने वाले ट्रकों का रूट देखा। यह भी जाना कि कहां-कहां चेकिंग होती है कहां से चेकिंग और एंट्री के नाम पर वसूली होती है। देर शाम टीम मुरादाबाद पहुंची, इस दौरान प्रशासनिक अमला उनके पीछे घूमता रहा। रात में ही उन्होंने वरिष्ठ अधिकारियों से इस संबंध में वार्ता की है। बताया जा रहा है कि टीम अपनी रिपोर्ट सीधे मुख्यमंत्री को सौंपेगी।

अगर दुष्कर्म नहीं हुआ तो गिरफ्तारी क्यों की

मुख्यमंत्री ने वीडियो कांफ्रेंस में युवती के निर्वस्त्र सड़क पर घूमने का कारण पूछा तो डीआइजी ने बताया था कि दुष्कर्म की घटना नहीं हुई और यह स्थानीय राजनीति से प्रेरित प्रकरण है। इस बात पर भी मुख्यमंत्री के तेवर सख्त हो गए थे। बोले कि अगर दुष्कर्म की घटना नहीं हुई तो सात दिन बाद आपने प्राथमिकी दर्ज क्यों की।

एफआइआर हुई भी तो निर्दोष को क्यों गिरफ्तार किया गया। इस प्रकरण में वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस को अपनी छवि धूमिल होने की याद आई। इतने दिन बाद सक्रिय होने का अर्थ है कि कहीं न कहीं कुछ गड़बड़ है। मुख्यमंत्री के तेवर देख अधिकारियों के एसी में पसीने छूटने लगे थे।

आरएसएस पदाधिकारियों ने सीएम से की शिकायत

ठाकुरद्वारा में हुई घटना को लेकर आरएसएस के पदाधिकारियों ने दो दिन पूर्व ही सीएम से मिलकर शिकायत की थी। जिसमें बताया गया था कि कुछ सिंडीकेट माफिया अवैध खनन के खेल में भाजपा नेताओं और संगठन के सदस्यों पर दबाव बनाकर अपने पाले में करना चाहते थे। इस बात की भनक लगने के बाद पदाधिकारियों ने सीधे सीएम से मिलकर घटना की जानकारी दी थी। जिसके बाद सीएम ने अफसरों ने अफसरों पर सिंडीकेट माफिया के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए हैं।

खनन विभाग की आइएएस से सीएम ने ली जानकारी

मुरादाबाद मंडल के प्रभारी स्वयं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हैं। ठाकुरद्वारा में एसडीएम को बंधक बनाए जाने के मामले में खनन विभाग की महिला आइएएस से सीएम ने इस संबंध में रिपोर्ट मांगी थी। वीडियो कांफ्रेंस से पहले मुख्यमंत्री को महिला आइएएस अधिकारी के द्वारा इस मामले की रिपोर्ट प्रेषित की गई थी।

जिसमें खनन सिंडीकेट के आरोपितों के नाम नहीं उजागर करने और हल्की धाराओं में प्राथमिकी दर्ज किए जाने की जानकारी दी गई थी। इस रिपोर्ट को देखने के बाद पुलिस विभाग के अफसरों पर सीएम की निगाह तिरछी हो गई। हालांकि इस पूरे मामले में जिला प्रशासन के अधिकारी चुप्पी साधे बैठे रहे। जबकि पुलिस विभाग के अधिकारियों से जमकर सवाल-जवाब हुए। इस दौरान राज्य के सभी जनपदों के प्रमुख अधिकारी वीसी से जुड़े थे। सीएम के तेवर देखकर अफसरों के पसीने छूट गए।


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