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जाम हुआ मार्ग तो हाईवे पर जला चूल्हा

बस में सवार यात्री रामचंद ने बताया कि वह लखनऊ के गोसाईंगंज के निवासी हैं। सभी लोग चारधाम यात्रा पर गए थे। इससे पहले वह दो दिनों तक उत्तराखंड में फंसे रहे। किसी तरह वहां से निकलने के बाद घर जा रहे थे।

By JagranEdited By: Published: Wed, 20 Oct 2021 09:24 PM (IST)Updated: Wed, 20 Oct 2021 09:24 PM (IST)
जाम हुआ मार्ग तो हाईवे पर जला चूल्हा
जाम हुआ मार्ग तो हाईवे पर जला चूल्हा

जागरण संवाददाता, मुरादाबाद : बरेली-मुरादाबाद हाईवे बंद होने के बाद सबसे ज्यादा परेशानी यात्रियों को उठानी पड़ी। करीब दस घंटे तक वाहन हाईवे पर एक ही स्थान पर खड़े रहे। इस दौरान उत्तराखंड से लौटकर घर जा रहे यात्रियों को मौसम की दोहरी मार झेलनी पड़ी। रामपुर-मुरादाबाद बार्डर के पास जाम में फंसी एक बस के यात्रियों ने भूख मिटाने के लिए हाईवे पर चूल्हा रखकर खाना बनाना शुरू कर दिया।

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बस में सवार यात्री रामचंद ने बताया कि वह लखनऊ के गोसाईंगंज के निवासी हैं। सभी लोग चारधाम यात्रा पर गए थे। इससे पहले वह दो दिनों तक उत्तराखंड में फंसे रहे। किसी तरह वहां से निकलने के बाद घर जा रहे थे। मुरादाबाद में पानी के कारण हाईवे बंद होने से सुबह चार बजे से फंसे हुए हैं। मिथलेश कुमारी ने बताया कि यात्रा के दौरान भी उन्हें बारिश के चलते परेशानी का सामना करना पड़ा है। तड़के से जाम में फंसने के कारण सभी ने हाईवे पर ही भोजन बनाने का निर्णय लिया। शिवनारायण पांडे ने हाईवे पर ही चूल्हा और गैस सिलिडर रखकर सभी यात्रियों के लिए भोजन तैयार कराया। लगभग दो बजे जाम खुलने के बाद सभी यात्री लखनऊ के लिए रवाना हुए। भीड़ बढ़ते ही बढ़ गए ढाबों के भाव

बरेली-मुरादाबाद हाईवे पर सुबह चार बजे से जाम लग गया था। इससे पहले रात में पानी की रफ्तार धीमी होने के कारण वाहन निकल रहे थे। चार बजे तक सभी वाहनों के पहिये रुक गए थे। इस दौरान लोगों के कई घंटे तक जाम में फंसे होने का फायदा ढाबा संचालकों ने उठाया। चाय के साथ ही खाने-पीने की वस्तुओं के दाम चार गुना कर दिए। कई ढाबे ऐसे थे, जिनमें सुबह दस बजे तक खाने-पीने का सामान भी नहीं बचा था।

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देर रात पानी आने के बाद भी खामोश बैठे रहे अफसर

जाम में फंसे यात्रियों के मुताबिक रात 12 बजे से हाईवे पर पानी आने लगा था। इसके बाद भी पुलिस और प्रशासन के अफसर खामोश बैठे रहे। अगर सही समय पर वाहनों का रूट डायवर्ट कर दिया जाता तो राहगीर जाम में फंसने से बच सकते थे। सुबह चार बजे जब पानी की रफ्तार में एक बस बहने लगी, तब पुलिस को बाढ़ के खतरे का अंदाजा हुआ। इसके बाद पुलिस अफसरों ने जीरो प्वाइंट पर बैरिकेडिग लगाकर वाहनों को रोक दिया।

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डायल 112 पर फोन कर मांगते रहे मदद

जाम में फंसे यात्रियों ने पुलिस कंट्रोल रूम की खूब घंटी बजाई लेकिन, पानी के आगे पुलिस भी बेबस नजर आई। सुबह चार से 10 बजे तक जाम में फंसे यात्री डायल 112 में फोन करके मदद मांगते रहे, वहीं पुलिस कंट्रोल रूम से उन्हें केवल मदद का आश्वासन दिया गया। करीब छह घंटे में पुलिस कंट्रोल रूम में दो सौ से ज्यादा लोगों ने जाम खुलवाने के लिए फोन किया।


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