कोरोना टीकाकरण में मुरादाबाद के पीछे रहने की क्या है वजह, पढ़ें पांच प्रमुख कारण
Moradabad Corona Vaccination News कोरोना संक्रमण से बचाव को लेकर बच्चों के टीकाकरण में जनपद पिछड़ रहा है। हालांकि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का दावा था कि स्कूलों में टीकाकरण कराने से स्थिति बेहतर होगी। लेकिन प्रथम डोज में हम 75 वें स्थान पर हैं।
मुरादाबाद, जेएनएन। Moradabad Corona Vaccination News : कोरोना संक्रमण से बचाव को लेकर बच्चों के टीकाकरण में जनपद पिछड़ रहा है। हालांकि, स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का दावा था कि स्कूलों में टीकाकरण कराने से स्थिति बेहतर होगी। लेकिन, प्रथम डोज में हम 75 वें स्थान पर हैं। मंगलवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ बच्चों के टीकाकरण को लेकर नाराजगी जताई है। मुरादाबाद जिला प्रथम डोज में सबसे फिसड्डी साबित हुआ है। मुरादबाद में कुल 131410 बच्चों को टीका लगाया जाना है। यहां अब तक 54,200 बच्चों ने टीके की पहली और 9635 बच्चों ने दोनों डोज लगवाई है। यानी 41.2 प्रतिशत बच्चों ने टीके की पहली और 7.3 प्रतिशत बच्चों ने दोनों डोज लगवा ली है। अभी भी स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के पास 12-14 साल की उम्र के बच्चों का टीकाकरण बढ़ाने में पुख्ता प्लानिंग नहीं है। जिससे लक्ष्य को प्राप्त किया जा सके।
पिछड़ने की प्रमुख वजहें
- शहर के स्कूलों में संपर्क हुआ कम
- वार्डों के जिम्मेदारों से संपर्क नहीं
- जागरूकता का प्रयास नहीं
- धर्म गुरुओं से नहीं किया संपर्क
- शिक्षा विभाग ने भी बरती ढिलाई
- स्कूल संचालकों ने भी नहीं दी प्राथमिकता
- बच्चों को भी नहीं बताए गए टीके के फायदे
- स्वास्थ्य कर्मचारियों भी रहे चुप
12-14 साल के बच्चों का हलका रहा टीकाकरणः स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने शिक्षा विभाग को स्कूलों के लिए पत्र भेज दिया था। इसके बाद कितने स्कूलों ने उसका पालन किया या नहीं। इसकी विभागीय अधिकारियों ने कोई सुध नहीं ली। स्कूल खुलने के बाद भी संचालकों से टीकाकरण के बारे में कोई पूछताछ नहीं की गई। इस वजह से पूरे प्रदेश में अपने जिले की खूब फजीहत हुई है।
ऐसे निकले थे हम आगेः कोरोना महामारी की 2021 दूसरी लहर के दौरान ही टीकाकरण शुरू करा दिया गया था। इसको लेकर सरकारी तंत्र ने सभी विभागाें को बिना रिपोर्ट के एंट्री बंद कर दी थी। दोनो डोज लगवाने का पत्र लिया गया। इसके साथ ही धर्मगुरुओं के साथ ही मुहल्लेवार जिम्मेदारों से बात की गई थी। मंदिर-मस्जिद से टीके को लेकर एलान भी कराया गया। जिससे युवाओं 18 साल से अधिक का टीकाकरण बेहतर हो गया था। सभी ने मिलकर कोरोना महामारी को मात देने के लिए ठान लिया था।
जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. दीपक वर्मा ने बताया कि 12-14 साल तक की उम्र के बच्चों का टीकाकरण तीन दिन से बढ़ा है। प्रथम डोज में हम पिछड़े हैं। दूसरी डोज में स्थिति कुछ बेहतर है। प्रयास किया जा रहा है कि बच्चों के लिए मुहल्लेवार जिम्मेदारों से बात की जाएगी।