अधिक उत्पादन के लालच में बो रहे कैंसर की फसल Rampur News
अधिक उत्पादन के लालच में किसान सब्जियों में अंधाधुंध कीटनाशक दवाओं का प्रयोग कर रहे हैं जिससे मनुष्यों में कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी होने खतरा बढ़ गया है।
क्रान्ति शेखर सारंग, रामपुर : अधिक उत्पादन के लालच में किसान सब्जियों में अंधाधुंध कीटनाशक दवाओं का प्रयोग कर रहे हैं, जिससे मनुष्यों में कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी होने खतरा बढ़ गया है। यह न सिर्फ मिट्टी की उर्वरक क्षमता को कम कर रहा है, बल्कि इससे मिट्टी के मित्र कीट केचुआं आदि भी नष्ट हो रहे हैं। ऐसे में फसलों की पैदावार प्रभावित हो रही है।देश में अनाज और सब्जियों की खेती में कीटनाशक दवाओं का जोरशोर से हो रहा प्रयोग कैंसर जैसी बीमारियों का कारण बनने लगा है। किसान आज अधिक पैदावार लेने के लिए रासायनिक खादों का जमकर उपयोग कर रहे हैं। कड़वा सच यह है कि ये रासायनिक खाद और कीटनाशक दवायें आम जनता के जीवन के लिए जहर साबित हो रहे हैं। देश में हर साल सैकड़ों किसानों की मौत इन्हें फसलों में छिड़काव के दौरान ही हो जाती है। कीटनाशक विक्रेताओं और कृषि विभाग की जिम्मेदारी बनती है कि किसानों को कीटनाशकों के उचित उपयोग के विषय में सही जानकारी उपलब्ध कराएं। इसके अलावा हमारी जीवनशैली में मच्छरमार व कॉकरोच मार कीटनाशकों का उपयोग भी बढ़ता जा रहा है। इनके स्प्रे और धुयें का प्रभाव भी हमें नुकसान पहुंचा रहा है।
कीटनाशक दवायें जहर के रूप में हमारे जीवन के लिए बहुत घातक हैं। विभिन्न प्रकार के जहर का शरीर पर अलग-अलग तरह से प्रभाव पड़ता है। ये जहर जीव कोशिकाओं में चल रही रासायनिक जीवन प्रक्रिया को बाधित कर देते हैं। इनके प्रयोग से रक्त कैंसर, ब्रेन कैंसर व सॉफ्ट टिश्यू सरकोमा नामक कैंसर होने के चांस अधिक रहते हैं। इसके अलावा शरीर में प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होने से कैंसर की संभावना और भी बढ़ जाती है।
-डॉ. दशरथ सिंह, जिला चिकित्सालय
कीटनाशकों का विनाशक प्रभाव किसानों में इनके उपयोग की सही विधि की जानकारी न होने के कारण भी बढ़ रहा है। देश के अनेक हिस्सों में किए गए अध्ययन में सामने आया है कि अधिकतर किसान कीटनाशकों के उचित प्रयोग को लेकर अनिभिज्ञ हैं। बिना विशेषज्ञ की सलाह पर अपने हिसाब से दवा का प्रयोग करते हैं जो बीमारियों का कारण बनता है। हमारी ओर से समय-समय पर होने वाले कार्यक्रमों में किसानों को इसकी जानकारी दी जाती है। हमारा विशेष बल जैविक खेती पर रहता है। जैविक खेती करें तो ये समस्या सामने ही नहीं आएगी।
- डॉ. अमरजीत सिंह, कृषि वैज्ञानिक