Move to Jagran APP

Water Crisis in UP : घर पर रहकर भी आप बचा सकते हैं पानी, बस करने होंगे ये छोटे-छोटे काम

Water Crisis in UP जल ही जीवन है। इसी नारे के साथ हम सभी को पानी बचाने के लिए काम करने की जरूरत है। पानी बचाने के लिए समाज के हर को प्रयास करने हैं। ग्रामीण क्षेत्रों से पलायन के कारण शहरों में लगातार जनसंख्या बढ़ रही है।

By Samanvay PandeyEdited By: Published: Mon, 23 May 2022 10:42 AM (IST)Updated: Mon, 23 May 2022 10:42 AM (IST)
Water Crisis in UP : शहरी क्षेत्रों में पानी का अति दोहन हो रहा है।

मुरादाबाद, जेएनएन। Water Crisis in UP : जल ही जीवन है। इसी नारे के साथ हम सभी को पानी बचाने के लिए काम करने की जरूरत है। पानी बचाने के लिए समाज के हर को प्रयास करने हैं। ग्रामीण क्षेत्रों से पलायन के कारण शहरों में लगातार जनसंख्या बढ़ रही है। यही कारण है कि शहरी क्षेत्रों में पानी का अति दोहन हो रहा है।

loksabha election banner

रिचार्ज को लेकर अधिकतर लोग संजीदा नहीं है। बहुत ही कम लोग रेन वाटर हार्वेस्टिंग के माध्यम से बरसात का जल संरक्षित कर रहे हैं। अधिकतर बरसात का पानी बर्बाद हो जाता है। पानी के लिए परेशानी नहीं उठानी है तो सावधान हो जाइए। थोड़ा कोशिश करें तो हर व्यक्ति पानी बचाने में योगदान कर सकता है। इसके लिए अपने घर से ही शुरूआत करनी होगी। जहां आप काम करते हैं, वहां भी पानी बचाने के लिए कोशिश करना शुरू कर दें।

हर रोज 17 करोड़ लीटर पानी का इस्तेमाल करते हैं मुरादाबाद शहर के लोगः भूगर्भ जल पर काम करने वाली डब्ल्यू डब्ल्यू एफ इंडिया के समन्वयक मुहम्मद आलम का कहना है कि मुताबिक मुरादाबाद शहर के लोग प्रतिदिन 17 करोड़ लीटर पानी नहाने, धोने और अन्य सभी कार्यों में करते हैं। यह आंकड़ा उस समय का है, जब महानगर की आबादी साढ़े दस लाख थी। अब शहर के चारों तरफ कालोनियां बनती जा रही हैं। ग्रामीण क्षेत्रों के पलायन करके बड़ी संख्या में लोग महानगर में आकर बस गए हैं। वह भी विभिन्न तरीकों से भूजल खींच रहे हैं। यही हाल रहा तो पीने के पानी की समस्या होनी शुरू हो जाएगी।

पौधों में डालें आरओ का खराब पानीः पर्यावरण प्रेमी रविता पाल भूजल के लगातार नीचे जाने की वजह से पीने के पानी के लिए परेशानियां हो रही हैं। लोग जगह-जगह पानी की टोंटी खुली छोड़ देते हैं। घरों के सामने सफाई करने के लिए पानी की अत्यधिक बर्बादी की जा रही है। कई जगह पानी के टैंक भर जाने के बाद भी उनसे पानी बहता रहता है। शहर में कई जगह सड़क के किनारे कार वाशिंग के सर्विस सेंटर खुल गए हैं।

आरओ के बेस्ट पानी का घर के काम में लिया जा सकता है। पौधों में डालने के लिए इस्तेमाल करें। तालाबों को संरक्षित कर जीवनदायिनी नदियों को बनाए रखना जरूरी है। मुरादाबाद मंडल में सम्भल जिले में सबसे अधिक गहराई में पानी मिल रहा है। पांचों जिलों में सबसे अधिक 14.18 मीटर गहराई पर सम्भल में पानी मिलता है। रामपुर में पानी की स्थिति सबसे अच्छी है।

जिला मानसून से पूर्व जलस्तर (मीटर) मानसून के बाद (मीटर)

सम्भल 13.31 14.18

अमरोहा 12.13 13.12

मुरादाबाद 8.21 8.69

बिजनौर 7.35 8.82

रामपुर 6.94 6.04

हर घर को पानी से बचाने की शुरुआत करनी होगीः भूगर्भ जल विभाग के अधिशासी अभियंता सौरभ का कहना है कि पानी बचाने के लिए हर व्यक्ति को काम करना होगा। यदि हम शावर चलाकर नहाते हैं तो कम से 70 लीटर पानी खर्च होता है। बाल्टी से नहाने लगें तो 25 लीटर पानी में ही काम चल जाएगा। उन्होंने कहा कि हर साल हम नौ महीने भूजल निकालकर प्रयोग करते हैं। बरसात के मौसम के तीन महीने जल संरक्षित हो तो अच्छा रहे। लेकिन, इसके लिए 300 वर्गमीटर से अधिक के सभी घरों में रैन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम होना चाहिए।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.