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सौर ऊर्जा से रोशन हुए रामपुर वन क्षेत्र के तीन गाव

तीनों गाव को सौर ऊर्जा से रोशन किया गया। हर घर के सामने खंभा लगाकर सोलर पैनल लगाया गया।

By JagranEdited By: Published: Mon, 25 Mar 2019 09:26 AM (IST)Updated: Mon, 25 Mar 2019 09:26 AM (IST)
सौर ऊर्जा से रोशन हुए रामपुर वन क्षेत्र के तीन गाव
सौर ऊर्जा से रोशन हुए रामपुर वन क्षेत्र के तीन गाव

रामपुर(मुस्लेमीन) । केंद्र की सौभाग्य योजना के तहत गाव-गाव बिजली कनेक्शन दिया जा रहे हैं। बात रामपुर जिले की करें तो यहा पर एक लाख से ज्यादा लोगों को कनेक्शन निश्शुल्क दिए जा चुके हैं। इनमें कई क्षेत्र ऐसे भी थे जहा आजादी के बाद से अब तक बिजली लाइन पहुंची ही नहीं थी। योजना के तहत रामपुर के ऐसे तीन गावों को भी रोशन किया गया जो सूदूरवर्ती वन क्षेत्र में थे। इन तीनों गाव को सौर ऊर्जा से रोशन किया गया। हर घर के सामने खंभा लगाकर सोलर पैनल लगाया गया। इससे घर के अंदर पाच लाइट और एक पंखा चलाने की व्यवस्था की गई है। अब तक थी समस्या इससे पहले इन गावों के लोग बिजली की समस्या को लेकर परेशान थे। डिबिया की रोशनी में ही ड्क्षजदगी बिता रहे थे। बच्चों की शादी करने में भी दिक्कत आ रही थी। दूसरे गावों के लोग बिजली न होने के कारण इस गाव के युवाओं से अपनी बेटियों की शादी करने से कतराते थे। पिछले माह ये गाव सौर ऊर्जा से रोशन हो गए हैं। बिजली विभाग के अधीक्षण अभियंता विजय पाल ड्क्षसह बताते हैं कि तीनों गाव वन क्षेत्र में हैं। इस कारण इन गावों में लाइन नहीं ड्क्षखच पा रही थी। स्वार ब्लाक के नवीगंज और बिलासपुर ब्लाक के नसरत नगर व रवाना लाला में लाइन नहीं पहुंच सकी तो इनको सौर ऊर्जा से रोशन कराया गया है। सारा खर्च सरकार ने किया वैकल्पिक ऊर्जा विभाग के परियोजना अधिकारी डीडी गुप्ता कहते हैं कि रामपुर जिले में 64 परिवारों को मुफ्त में सौर ऊर्जा मुहैया कराई गई है। इन घरों के सामने 240 वाट का सोलर पैनल लगाया गया है और हर घर में पाच एलइडी लाइट जलाने व एक पंखा चलाने की व्यवस्था की गई है। एक परिवार की लाइट व्यवस्था पर 45 हजार का खर्च आया है। कुल मिलाकर जिले में 28 लाख 80 हजार रुपये इन परिवारों पर खर्च किए गए हैं। पाच साल तक वैकल्पिक ऊर्जा विभाग इनकी देखरेख करेगा। अगर कोई खराबी आई तो उसे भी दूर करेगा। इस सिस्टम को लगवाने में ग्रामीणों को कोई खर्च नहीं करना पड़ा है। लाइट के अभाव में परेशान थे लोग ग्रामीण अब्दुल रहमान कहते हैं कि लाइट न होने की वजह से हम अपने को बहुत पिछड़ा हुआ महसूस करते थे। शादी विवाह करने में भी दिक्कत आती थी, क्योंकि दूसरे गाव के लोग हमारे गाव में अपनी बेटी की शादी करना पसंद नहीं करते थे।

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