रेनों में चेन पुलिंग खोल रही रेल अधिकारियों की कारगुजारी
ज्यादातर चेन पुलिंग उन ट्रेनों में हुई जिनमें जिसमें पैंट्रीकार नहीं थी। इसके बाद भी अधिकारियों ने चेन पुलिंग का स्पष्ट कारण नहीं बताया और गोलमोल जवाब दिया
मुरादाबाद(प्रदीप चौरसिया)। गर्मी के मौसम में देखा जाता है कि ट्रेनों में यात्रियों की संख्या बढ़ जाती है। इसके साथ ही अपराधी व अवैध वेंडर सक्त्रिय हो जाते हैं और ट्रेनों में चेन पुलिंग की घटनाएं भी बढ़ जाती हैं। सूचना अधिकार अधिनियम के तहत मागी गई सूचना में पर्दाफाश हुआ है कि समर सीजन में 326 ट्रेनों में चेन पुलिंग की गई। इनमें ज्यादातर चेन पुलिंग उन ट्रेनों में हुई जिनमें जिसमें पैंट्रीकार नहीं थी। इसके बाद भी अधिकारियों ने चेन पुलिंग का स्पष्ट कारण नहीं बताया और गोलमोल जवाब दिया। जबकि इन ट्रेनों में अवैध वेंडरों का कब्जा रहता है। इससे साफ जाहिर होता है कि अवैध वेंडरों की अधिकारियों से मिलीभगत है। पिछले साल मई में थी ज्यादा भीड़ दरअसल, मई से जुलाई 2018 तक ट्रेनों में काफी भीड़ रही। यात्रियों की सुविधा और नियमित ट्रेनों पर भीड़ का भार कम करने के लिए समर स्पेशल चलाई गई थीं। इनमें पैंट्रीकार नहीं होती। इसके अलावा साप्ताहिक व कुछ डेली चलने वाली ट्रेनों में भी पैंट्रीकार नहीं होती हैं। इन ट्रेनों में अवैध वेंडर का कब्जा रहता है, जो यात्रियों को घटिया खाना बेचकर मनमाने दाम वसूलते हैं। रेल मंडल में कटघर, महरौली, पिताबरपुर, आलमनगर व रुड़की में चेन पुलिंग कर अवैध वेंडर सवार होते हैं। इसे रेलवे बोर्ड के अधिकारी व आरपीएफ के डीजी ने गंभीरता से लेते हुए अवैध वेंडरों व चेन पुलिंग करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का आदेश दिया था। आरटीआइ के तहत मागी गई थी जानकारी आरटीआइ के तहत 26 नवंबर 2018 को सूचना मंडल रेल प्रशासन से मागी गई थी। पूछा गया था कि परिचालन विभाग के रिकार्ड में मई से अगस्त 2018 तक कितनी ट्रेनों में चेन पुलिंग हुई, इसके क्या कारण हैं और चेन पुलिंग करने वालों के खिलाफ क्या कार्रवाई की गई। इसके अलावा जनवरी से अक्टूबर 2018 तक चेन पुलिंग रोकने के लिए क्या प्रयास किए गए और कितने के खिलाफ कार्रवाई की गई। मंडल रेल प्रशासन ने दो चरणों में जवाब दिया। पहले परिचालन विभाग ने 17 दिसंबर 2018 को लिखित जवाब दिया। बताया कि मई से अगस्त तक रेल मंडल में 326 ट्रेनों में चेन पुलिंग हुई है। सबसे अधिक चेन पुलिंग जून में 177 ट्रेनों में की गई थी। जिन ट्रेनों में चेन पुलिंग हुई उनमें अधिकाश वह ट्रेनें है, जिनमें पैंट्रीकार नहीं हैं। परिचालन विभाग ने चेन पुलिंग का कारण स्पष्ट नहीं किया है, सिर्फ इतना कहा है कि लंबी दूरी की ट्रेनों में अधिक भीड़ होने के कारण घटनाएं अधिक हुईं। परिचालन विभाग चेन पुलिंग की सूचना सुरक्षा विभाग (आरपीएफ) को भेज देते हैं। मामले की जाच व कार्रवाई आरपीएफ द्वारा की जाती है।
दूसरे जवाब आरपीएफ की ओर से 31 दिसंबर 2018 को आया। इसमें बताया गया कि आरपीएफ ने जनवरी से अक्टूबर 2018 तक 217 व्यक्तियों को ट्रेनों में चेन पुलिंग करते हुए गिरफ्तार किया है। लेकिन ये कौन हैं? इसके बारे में कोई जानकारी नहीं दी।