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ईदुज्जुहा आज, अदा होगी हजरत इब्राहीम की सुन्नत

मुरादाबाद : ईदुज्जुहा यानी हजरत इब्राहीम अलैहिस्सलाम की सुन्नत अदा करने का दिन। ईदगाह से लेक

By JagranEdited By: Published: Sat, 02 Sep 2017 02:00 PM (IST)Updated: Sat, 02 Sep 2017 02:00 PM (IST)
ईदुज्जुहा आज, अदा होगी हजरत इब्राहीम की सुन्नत

मुरादाबाद :

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ईदुज्जुहा यानी हजरत इब्राहीम अलैहिस्सलाम की सुन्नत अदा करने का दिन। ईदगाह से लेकर मदरसा व मस्जिदों में नमाज अदा करने की तैयारियां मुकम्मल हो चुकी है। नमाज अदा करने के बाद कुरबानी की रस्म अदा की जाएगी। कुर्बानी के पशु के मीट की बेहुरमती न करें। कुरबानी के बाद मीट उन इलाकों के लोगों में तकसीम करें, जहां कुर्बानी नहीं होती है। इससे कुर्बानी का अस्ल मकसद भी हल होगा और बेहुरमती भी नहीं होगी।

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वर्जन कोट ::::

ईदगाह में नमाज सुबह साढ़े आठ बजे अदा कराई जाएगी। बारिश का मौसम है, अगर बारिश हो गई तो मजबूरी वाली बात होगी। जानमाज के साथ प्लास्टिक का भी इंतजाम करके ईदगाह पहुंचे, जिसे मुसल्ले के नीचे बिछाया जा सके।

सैयद मासूम अली, शहर इमाम

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फोटो :: 24 अगस्त के फोल्डर में 726 नंबर

हजरत इब्राहीम अलैहिस्सलाम की सुन्नत अदा करने के साथ ही मीट कुर्बानी के मीट की कद्र करें। जिन लोगों ने कुर्बानी नहीं की है, उन क्षेत्रों में मीट तकसीम करें।

सैयद शिब्ली मियां, सज्जादानशीन दरगाह शाह मुकम्मल साहब

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फोटो :: 24 अगस्त के फोल्डर में 727 नंबर :::

कुर्बानी के मीट पर गरीबों का हक है। सुन्नत अदा करने के बाद उन लोगों तक मीट पहुंचाएं। मीट फ्रिज में न रखें। कुर्बानी का अस्ल मकसद भी यही है।

हयातुन्नबी खां, सज्जादानशीन दरगाह हाफिज साहब

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कहां कितने बजे होगी नमाज

- ईदगाह 8: 30 बजे

- शाही मस्जिद मंडी चौक 7: 15

- जामिया नईमिया दीवान का बाजार 8: 00

- बड़ी मस्जिद शाहबुलाकी में 7:30 बजे

- किले वाली जीआइसी 8:15

- फलाहेदारेन केपिटल रोड 6:15

- ताज वाली एसकुमार चौराहा 6:20

- सुल्तान मियां पीरगैब 7:30

- लाल मस्जिद 8: 30

- मर्कज सराय 8:00

- मुगलो वाली 7: 15

- नाइयो वाली मस्जिद

- एकता विहार 8:00

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साफ-सफाई से दें स्वच्छता का संदेश

ऑल इंडिया उलेमा मशायख बोर्ड की ईदुज्जुहा को लेकर बैठक मदरसा अल जामिया तुस्स साबिरा लिल बनात में हुई। इसमें कारी आमिर रजा ने पुलिस अधिकारियों को भरोसा दिलाया कि कुर्बानी में साफ-सफाई का पूरा ख्याल रखा जाएगा। किसी को तकलीफ नहीं पहुंचेगी। हमारे किसी भी कार्य से दूसरे किसी व्यक्ति को तकलीफ नहीं पहुंचेगी। इसमें कारी नासिर, कारी मजहरुल हसन, मुख्तार अशरफ, कारी जुल्फिकार, कारी मरगूब, कारी साजिद, मौलाना जहांगीर, हाफिज जाकरी आदि उलेमा थे।


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