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शहर की सड़कों पर सुरक्षित होगा सफर, हटाए जाएंगे 64 खंभे

सड़क हादसे रोकने के लिए प्रशासनिक अफसरों ने सुरक्षा का खाका खींचा है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 03 Nov 2018 06:46 AM (IST)Updated: Sat, 03 Nov 2018 06:46 AM (IST)
शहर की सड़कों पर सुरक्षित होगा सफर, हटाए जाएंगे 64 खंभे
शहर की सड़कों पर सुरक्षित होगा सफर, हटाए जाएंगे 64 खंभे

मुरादाबाद: यातायात माह नवंबर की पहली तारीख पुलिस के प्रयास से यादगार बन गई। सड़क हादसे रोकने के लिए प्रशासनिक अफसरों ने सुरक्षा का खाका खींचा है। संकल्प लिया है कि सुरक्षित यातायात हर हाल में सुनिश्चत करेंगे। इसके तहत महानगर के विभिन्न क्षेत्रों में सड़क पर खड़े खंभे हटाने का निर्णय लिया गया। प्रदूषण को देखते हुए डीजल से चलने वाले वाहनों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है। इसके अलावा चौदह लाख रुपये की लागत से फव्वारा चौराहे को सजाने-संवारने व जानलेवा कट बंद करने का निर्णय हुआ। सड़क पर चलते वक्त आगे बढऩे की होड़ हम खत्म कर दें : कमिश्नर गोष्ठी को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित करते मंडलायुक्त अनिल राज कुमार ने कहा कि मार्ग दुर्घटनाओं में मौत का आकड़ा चिंता का सबब है। सिर्फ मुरादाबाद में 31 अक्टूबर तक 232 लोग सड़क हादसे का शिकार हो गए। इस भयावह आकड़े को रोकने के लिए जरूरत प्रतिबद्धता व यातायात नियमों को आत्मसात करने की है। आजादी के सत्तर वर्ष बाद भी एक नागरिक का दायित्व यदि हम नहीं निभा सके, तो यह दुखद है। यातायात माह नवंबर की सार्थकता तभी सिद्ध होगी, जब सड़क पर चलते वक्त आगे बढऩे की होड़ हम खत्म कर दें। सड़क सुरक्षा को लेकर आम लोगों को करें जागरूक: आइजी आइजी बीके सिंह ने कहा कि गोष्ठी की सफलता इस बात पर निर्भर है कि यहा से उठने वाली बात हम सभी आत्मसात करें। सड़क सुरक्षा को लेकर आम लोगों को जागरूक करें। लोक निर्माण विभाग, नगर निगम, एमडीए, ट्रैफिक पुलिस व विभिन्न सामाजिक संगठनों के अलावा एनएचआइ आदि के प्रयासों की सराहना करते उन्होंने उम्मीद जताई कि भविष्य में आवागमन और सुरक्षित व सहज होगा। जरूरत खुद के दायित्व को समझने की: जिलाधिकारी जिलाधिकारी राकेश कुमार ने कहा कि सुरक्षित यातायात का ढाचा खड़ा करना प्रशासन का कार्य है। यातायात नियमों का पालन करना आम लोगों की जिम्मेदारी है। जरूरत खुद के दायित्व को समझने की है। सिर्फ पाच सौ मीटर के भीतर कट का होना हादसे का सबब है। मुख्य मार्ग पर पार्किंग प्रमुख समस्या है। समन्वय, संवाद व सहयोग से ही किसी भी समस्या का समाधान हो सकता है। इस दिशा में ट्रैफिक पुलिस ने कारगर पहल की है। इस मौके पर एसएसपी जे रविन्दर गौड, एडीएम सिटी राजेंद्र सिंह सेंगर, एसपी सिटी अंकित मित्तल, एसपी आरए उदय शकर सिंह, एसपी ट्रैफिक सतीश कुमार, नगर आयुक्त अवनीश कुमार शर्मा, एएसपी अपर्णा गुप्ता के अलावा विभिन्न संगठनों के कार्यकर्ताओं ने गोष्ठी को संबोधित किया। संचालन डा. प्रदीप शर्मा ने किया। कितने लोगों के पास हेलमेट गोष्ठी के दौरान पंचायत भवन में तब अचानक खामोशी पसर गई, जब एक सामाजिक संगठन के कार्यकर्ता ने सवाल पूछा कि बाइक पर सवार होकर कार्यक्त्रम में शरीक हो रहे कितने बाइक चालक ऐसे हैं, जिनके पास हेलमेट है। सवाल उठते ही हर कोई एक दूसरे का मुंह देखने लगा। पंचायत भवन में छाई खामोशी ही प्रश्न का जवाब रही। ऐसे में कार्यकर्ता ने बताया कि जब हम स्वत: अपनी जिम्मेदारी तय कर लेंगे, तब हादसे के आकड़े में कमी भी आएगी। हम क्यों न चलाएं स्कूटी? पंचायत भवन में मौजूद एक छात्रा को भी बोलने का मौका मिला। अवसर हाथ लगते ही छात्रा ने सवाल उठाया। उसने कहा कि अमूमन यह सवाल उठता है कि नाबालिग छात्र व छात्राएं स्कूटी चलाते हैं? ऐसे लोगों का चालान भी काटा जाता है? पर कोई हमारी वेदना क्यों नहीं समझता? कोई यह क्यों नहीं जानना चाहता कि कम उम्र में भी स्कूटी चलाने के पीछे हमारी मजबूरी क्या है? तेज रफ्तार व खटारा वाहनों से निजात पाने की चाह में उनके हाथ स्कूटी की ओर बढ़ते हैं। बच्चों ने रैली निकाल बताए यातायात के नियम इंजीनियड्क्षरग, इन्फास्ट्रक्चर, एजुकेशन और इन्वामर्ेंट फार्मूले पर यातायात माह का संचालन कर दिया हैं। स्कूली बच्चों ने रैली निकाल कर यातायात नियमों के प्रति जागरूकता बढ़ाने का संदेश दिया है। एसपी ट्रैफिक सतीश चंद्र ने रैली को हरी झडी दिखाकर रवाना किया। पंचायत भवन से शुरू हुई रैली शहर के विभिन्न मागरें से घूमने के बाद वहीं पर समाप्त कर दी गई। एसएसपी जे रविन्दर गौड ने कहा कि देश में सबसे ज्यादा मौतें सड़क हादसे में हो रही हैं। यातायात नियमों के प्रति जागरूक करके ही सड़क हादसे रोके जा सकते हैं। लोगों को ट्रैफिक नियमों का पालन करना चाहिए। एसएसपी ने कहा कि नवंबर में प्रदेश में यातायात माह मनाया जाता है, जिसकी शुरुआत हुई है। उन्होंने बताया कि दस माह में 44 लोगों की जनपद में हत्या की गई है, जबकि 477 सड़क हादसों में 232 लोग सड़क हादसों में मारे जा चुके है। यातायात माह में ये होगा कार्य स्कूल कालेजों में यातायात के नियमों को प्रचार होगा। वाहन चालकों के लिए छात्र छात्राएं पेटिंग, क्वीज और निबंध प्रतियोगिता आयोजित करेंगे। सीएनजी ऑटो चालको और ई-रिक्शा स्वामी को नियमों की जानकारी देना। सिनेमा हॉल में यातायात नियमों की वीडियो चलाई जाएगी। बिना ड्राइविंग लाइसेंस के वाहन न चलाए। ट्रैक्टर ट्राली पर निशुल्क रिफ्लेक्टर्स लगाया जाएगा। यातायात सकेतों तथा जेब्ररा क्त्रासिंग, गोल चौराहो पर सुरक्षित वाहन चलाने की जानकारी होगी। ये लागू किया जा रहा है, सीएनसी आटो और ई-रिक्शा को शहर के चार जोन में बाट कर चलाया जाएगा। शहर में प्रवेश करने वाले डीजल संचालित आटो, टैक्सी, मैजिक को बाहरी क्षेत्र में रोका जाएगा। फव्वारा चौक से हनुमान मूर्ति तक ई-रिक्शा पर प्रतिबंध लगा दिया है। अभियान चला का प्रदूषण देने वाले वाहनों को शहर से बाहर किया जाएगा। लाइसेंस हो सकता है निलंबित शराब पीकर वाहन चलाने वालों के खिलाफ अब ट्रैफिक पुलिस सख्ती से पेश आएगी। टीआई धमर्ेंद्र राठौर ने बताया कि ब्रिथ एनालाइजर से जाच के बाद शराब पीकर गाड़ी चलाने वाले लोगों के लाइसेंस तक निलंबित कराने के लिए अब ट्रैफिक पुलिस परिवहन विभाग को पत्र लिखेगी। ये है यातायात माह में चुनौती :

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हेलमेट लागू कराना, वाहनों में 50 किमी प्रति घटा की रफ्तार, कार में सीट बेल्ट लगा कर चलना, चलते वाहनों पर मोबाइल फोन के प्रयोग पर रोक, रात में दुर्घटनाओं पर रोक लगाना। वाहनों में अच्छी कंपनी के टायरों का प्रयोग करना। वाहन चलाते समय नशीली वस्तुओं के सेवन पर रोक।


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