अन्नदाता के लिए पार्सल कार्गो एक्सप्रेस ट्रेन, आय होगी अधिक और प्रदूषण पर भी होगा कंट्रोल
रेलवे पार्सल कार्गो एक्सप्रेस ट्रेन (पीसीईटी) चलाने की तैयारी में है ताकि अन्नदाता अपने उत्पाद को देश के किसी कोने में बेच सके।
मुरादाबाद (प्रदीप चौरसिया)। रेलवे पार्सल कार्गो एक्सप्रेस ट्रेन (पीसीईटी) चलाने की तैयारी में है, ताकि अन्नदाता अपने उत्पाद को देश के किसी कोने में बेच सके। इससे अन्नदाताओं को अधिक आय होगी और प्रदूषण पर भी कंट्रोल होगा। इसे जुलाई से चलाने की योजना है।
केंद्र सरकार 2017 से अन्नदाताओं को उत्पादन का अधिक मूल्य दिलाने का प्रयास कर रही है। इसके लिए धान व गेहूं का समर्थन मूल्य में लगातार वृद्धि कर रहा है। लेकिन, किसानों को अब भी बाजार नहीं मिलने पर उनकी मेहनत की सही कीमत नहीं मिल पाती है। उन्हें ज्यादा उत्पादन होने पर कभी टमाटर तो कभी प्याज फेंकना पड़ता है। फल व मेवा उत्पादन करने वालों को बाजार नहीं मिलने से सही कीमत नहीं मिल पाती है। इसके लिए सरकार अब अन्नदाता को पीसीईटी की सुविधा उपलब्ध कराने जा रही है।
एक पार्सल कार्गो में 52 ट्रकों के बराबर आता है माल
पार्सल कार्गो एक्सप्रेस ट्रेन में 52 ट्रक के बराबर सामान लोड किया जा सकता है और देश के प्रमुख शहरों के जोड़ते हुए ट्रेन चलेगी। कम समय व कम किराये में किसानों का माल बड़े बाजार तक पहुंचेगा। इससे माल ढुलाई के लिए ट्रक कम चलेंगे और डीजल से होने वाले प्रदूषण पर भी रोक लगेगी।
अभी पायलट प्रोजेक्ट के तहत गुवाहटी से मुंबई तक चल रही ट्रेन
पायलट प्रोजेक्ट के तहत रेलवे पार्सल कार्गो एक्सप्रेस ट्रेन (पीसीईटी) गुवाहटी से मुबंई के लिए चला रही है।
देश के प्रमुख शहरों से जोडऩे की योजना
पार्सल कार्गो एक्सप्रेस ट्रेन को देश के प्रमुख शहरों से चलाने की योजना है। यह ट्रेन जम्मूतवी से दक्षिण भारत के कुछ शहर होते हुए मुबंई तक जाएगी। इससे कश्मीर, हिमाचल प्रदेश उत्तराखंड के फल व मेवा और पंजाब, हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश का बासमती चावल आदि को अन्नदाता देश के किसी भी मंडी में भेजकर अच्छी कीमत पा सकते हैं। इस ट्रेन से कुटीर उद्योग को भी बढ़ावा मिलेगा। रेलवे की योजना है कि जुलाई माह से यह ट्रेन चलाया जा सकता है।
अपर मंडल रेल प्रबंधक अश्वनी कुमार ने बताया कि अन्नदाता के लिए पार्सल कार्गो एक्सप्रेस चलाने पर बोर्ड स्तर पर विचार किया जा रहा है।
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