बिजली कनेक्शन कटवाकर लगवा रहे सोलर सिस्टम
मुरादाबाद : बिजली समस्या से निजात पाने के लिए लोग सोलर ऊर्जा लगवा रहे हैं।
मुरादाबाद : बिजली समस्या से जूझ रही उत्तर प्रदेश सरकार सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए लंबे समय से प्रयासरत है, लेकिन अब इसका असर भी दिखाई देने लगा है। रामपुर में हजारों लोगों ने सोलर सिस्टम को अपनाया लिया है। रामपुर जिले में सैकड़ों लोगों ने तो बिजली के कनेक्शन कटवाकर सोलर सिस्टम लगवा लिए हैं। सौर ऊर्जा से लाइट और पंखे ही नहीं, बल्कि फ्रिज, एसी और नलकूप भी चल रहे हैं। डिमांड ज्यादा और उत्पादन कम होने की वजह से प्रदेशभर में बिजली की किल्लत बनी रहती है। इस कारण लोगों को भरपूर बिजली नहीं मिल पाती। गर्मी के दिनों में तो विद्युतापूर्ति का बुरा हाल रहता है। इस समस्या से निपटने के लिए प्रदेश सरकार सौर ऊर्जा को बढ़ावा दे रही है। गांव में गरीबों के घरों में मुफ्त में सोलर सिस्टम लगवाए हैं। इसके फायदे को देखते हुए साधन संपन्न लोग भी इस सिस्टम को अपना रहे हैं। भाऊपुरा के राजेश शर्मा ने बिजली कनेक्शन कटवाकर सोलर सिस्टम लगवा लिया है। वह कहते हैं कि गांव में बिजली कम आती है। गर्मी के दिनों में चंद घंटे ही मिल पाती है, जबकि बिल बराबर आता है। इससे तंग आकर उन्होने कनेक्शन कटवा दिया और सोलर सिस्टम लगवा लिया। गर्मी में उन्होने जनरेटर भी लगवाया, लेकिन डीजल महंगा होने के कारण इसे चलाने में भी आर्थिक दिक्कत हुई। सोलर सिस्टम जनरेटर के मुकाबले बहुत सस्ता और अच्छा है। इसी तरह ढकिया के दुकानदार जगमोहन श्रीवास्तव ने भी बिजली कनेक्शन कटवाकर सोलर पैनल लगवा लिया। जिले में बड़ी संख्या में लोगों ने कनेक्शन कटवाकर सोलर सिस्टम लगवाया है। सोलर पैनल का कारोबार बढ़ा
सोलर सिस्टम की डिमांड बढ़ते देख व्यापारियों ने भी बड़े पैमाने पर इसका कारोबार शुरू कर दिया है। सिविल लाइंस के देवांक जुनेजा का भी सोलर सिस्टम लगाने का बिजनेस है। वह कहते हैं कि अब तक एक हजार से ज्यादा घरों में सोलर सिस्टम लगा चुके हैं। बिलासपुर क्षेत्र में तमाम फार्म हाउस सौर ऊर्जा से ही जगमग हो रहे हैं। इस सिस्टम का सबसे बड़ा फायदा यह है कि हर समय लाइट मिलती है। जुनेजा के मुताबिक खंभे पर सोलर लाइट 15 ह•ार में लग जाती है, जबकि एक किलोवाट का सोलर सिस्टम 65 ह•ार में लगता है। इसमें सोलर पैनल के साथ ही इनवर्टर और दो बैटरी लगाई जाती हैं। इससे घर में टीवी, फ्रिज वा¨शग मशीन, दो पंखे चल सकते हैं। उन्होंने जिलेभर में ऐसे करीब 800 सिस्टम लगाए हैं। ढाई किलो वाट के सिस्टम में चार बैटरी लगती है। पैनल सिस्टम और इनवर्टर भी लगता है। इससे समरसेबल की मोटर भी चल सकती है। इस सिस्टम पर दो लाख की लागत आती है। तीसरा सिस्टम पांच किलो वाट का लगाते हैं, जो साढे तीन लाख में लगता है। इससे एसी भी चल सकता है। इसमें पांच हजार वाट का सोलर, आठ बैटरी और पांच केवीए का इनवर्टर लगता है। स्कूलों में भी सोलर सिस्टम रामपुर में नामचीन विद्यालयों में शुमार दयावती मोदी अकादमी ने भी सोलर सिस्टम अपनाया है। यह विद्यालय सौर ऊर्जा से जगमग रहता है। जिले के सभी कस्तूरबा गांधी विद्यालयों और थानों में भी सोलर सिस्टम की शुरूआत हो चुकी है। जिलाधिकारी महेंद्र बहादुर ¨सह बताते हैं कि सौर ऊर्जा के अनेक फायदे हैं। एक तो 24 घंटे लाइट मिलती है। अगर किसी ने जेनरेटर लगा रखा है तो उसका डीजल खर्च बच जाता है। जनरेटर से तेज आवाज और धुआं निकलता है, जबकि सौर ऊर्जा से किसी तरह का प्रदूषण नहीं फैलता। इस सबको देखते हुए वह सौर ऊर्जा पर विशेष जोर दे रहे हैं। जिले के सभी सात कस्तूरबा गांधी विद्यालयों में करीब तीन-तीन लाख के सोलर सिस्टम लगवाए जा रहे हैं। सभी विद्यालयों में सोलर ऊर्जा से जलने वाली हाईमास्क लाइट लगाई जा रही हैं। तीन थानों में भी सोलर सिस्टम लगाए जा रहे हैं। सौर ऊर्जा से चल रहे नलकूप
वैकल्पिक ऊर्जा विभाग के परियोजना अधिकारी अशोक कुमार बताते हैं कि सरकार ने गांवों में सार्वजिनक स्थानों पर सोलर लाइट लगवाई हैं। एक हजार गरीबों के घरों में मुफ्त में सोलर सिस्टम लगवाए जा चुके हैं। इससे उनके घरों में लाइट के साथ ही पंखा भी चलता है। सरकार सौर ऊर्जा से नलकूप चलाने पर भी जोर दे रही है। 25 नलकूप लगाने का काम चल रहा है, जबकि जिले में 75 नलकूप लगाने का लक्ष्य है। नलकूप लगाने पर सरकार अनुदान भी दे रही है। एक लाख 69 हजार की लागत वाले नलकूप लगाने पर किसान को मात्र 50800 रुपये देने होते हैं। इस तरह एक लाख से ज्यादा का अनुदान मिल रहा है।