Move to Jagran APP

सामूहिक दुष्कर्म में चार को बीस-बीस साल की कैद

मुरादाबाद : फास्ट ट्रैक कोर्ट ने सामूहिक दुराचार के एक मामले में चार दोषियों को 20-20 सा

By JagranEdited By: Published: Fri, 20 Apr 2018 05:05 PM (IST)Updated: Fri, 20 Apr 2018 05:05 PM (IST)
सामूहिक दुष्कर्म में चार को बीस-बीस साल की कैद
सामूहिक दुष्कर्म में चार को बीस-बीस साल की कैद

मुरादाबाद : फास्ट ट्रैक कोर्ट ने सामूहिक दुराचार के एक मामले में चार दोषियों को 20-20 साल की सजा और 25-25 हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई है। नामजद चार आरोपितों को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया।

loksabha election banner

सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता ने कोर्ट द्वारा सुनाई गई सजा को कम बताते हुए हाईकोर्ट में अपील करने की बात कही है। आरोपितों के खिलाफ पीड़िता ने तीन साल बाद वीडियो क्लिप वायरल होने के बाद मुकदमा दर्ज करवाया था।

यह है पूरा मामला

डिलारी थाना क्षेत्र के लालपुर गाव की रहने वाली युवती ने वर्ष 2013 में डिलारी थाने में पाच नामजद समेत आठ लोगों के खिलाफ सामूहिक दुराचार करने, वीडियो क्लिप बनाने और ब्लैकमेल करने के आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज करवाया था। पीड़िता का आरोप था की वर्ष 2010 में वह अपने गाव से बैंक गई थी। बैंक से पैसे निकालकर युवती मलकपुर सैमली गाव के पास एक मंदिर में प्रसाद चढ़ाने गई थी। मंदिर से लौटते हुए रास्ते में युवती को गजेंद्र और देवेश दो युवक मिले। दोनों ने युवती के मुंह पर कपड़ा डालकर उसको गन्ने के खेत में ले गए। वहां पहले से ही शशिकात, मोहित, विशाल, कुलदीप और कर्मवीर उर्फ बंटी मौजूद थे। आरोप लगाया था कि सभी ने बारी-बारी से दुराचार किया। घटना की वीडियो भी मोबाइल से बना ली। दुराचार के बाद सभी आरोपी युवती को खेत में छोड़कर मौके से फरार हो गए। बेहोशी की हालत में युवती आधे घंटे के बाद होश में आई और बदहवास हालात में घर लौटी।

इस तरह उठा मामले से पर्दा

सामूहिक दुराचार की घटना के बाद पीड़ित युवती अपनी इज्जत की खातिर चुप हो गई। उसने किसी से इसका जिक्र तक नहीं किया। इस घटना के बाद युवती की शादी ठाकुरद्वारा थाना क्षेत्र में रहने वाले एक युवक से हो गई। शादी के बाद विवाहिता अपने पति के साथ खुशहाल जिंदगी जी रही थी। उसने एक बच्ची को भी जन्म दिया। इसी दौरान एक दिन विवाहिता अपने पति और बच्ची के साथ बाजार दवाई लेने गई थी। वहा उसे आरोपित शशिकात और देवेश मिल गए। दोनों ने उसे मोबाइल में क्लिप दिखाकर इशारे से अपने पास बुलाया लेकिन विवाहिता उनकी बातें अनसुनी कर पति के साथ घर लौट आई। इसके बाद आरोपितों ने उसका वीडियो वायरल कर दिया और उसके पति के मोबाइल पर क्लिप भेज दी। मोबाइल पर वीडियो देखने के बाद पति ने युवती से मामले की जानकारी ली। इसके बाद वर्ष 2013 में युवती ने डिलारी थाने में मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की माग की।

पुलिस ने की कार्रवाई

पुलिस ने पाच नामजद समेत आठ लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जाच शुरू कर दी और वायरल वीडियो की क्लिप भी चार्जशीट में शामिल की। कोर्ट में बहस के दौरान वीडियो चिप की फोरेंसिक जाच करने की अपील की गई जिसके बाद कि गई जाच में वायरल वीडियो सही पाया गया और आरोपितों की पहचान भी वीडियो से साफ हो गई।

पीड़िता को मिला न्याय

पाच साल तक चले मुकदमे के बाद शुक्रवार को फास्ट ट्रैक कोर्ट के जज सत्यप्रकाश द्विवेदी ने फैसला सुनाते हुए चार आरोपितों गजेंद्र, देवेश, शशिकात और कुलदीप को दोषी मानते हुए 20-20 साल की सजा और 25-25 हजार रुपये का जुर्माने की सजा सुनाई है। जबकि विनीत, मोहित, विशाल, ओर कर्मवीर को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया। सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता रेशमा बेगम इस फैसले को इंसाफ की जीत बताती है।

आरोपितों को भेजा गया जेल

फैसला सुनाए जाने के बाद चारों को जेल भेज दिया गया है। सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता रेशमा बेगम के मुताबिक वो फैसले से ज्यादा संतुष्ट नहीं है क्योंकि इस मामले में आजीवन कारावास की सजा की उनके द्वारा सिफारिश की गई थी। रेशमा बेगम का कहना है कि वो हाईकोर्ट में अपील दर्ज कर सजा बढ़ाए जाने की माग करेंगी साथ ही जुर्माने की राशि 5-5 लाख रुपये दिलाये जाने की अपील करेंगी। इस घटना के बाद पीड़ित युवती को उसको पति ने घर से निकाल दिया था और वह अपनी बच्ची के साथ अब अपने मायके में ही रह रही है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.