..तो स्टेशन पर मिलता है घटिया खाना
मुरादाबाद (प्रदीप चौरसिया) : रेलवे स्टेशनों पर और ट्रेनों में यात्रियों को घटिया खाना दिया जा
मुरादाबाद (प्रदीप चौरसिया) : रेलवे स्टेशनों पर और ट्रेनों में यात्रियों को घटिया खाना दिया जा रहा है। मंडल रेल प्रशासन की ओर से सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत दी गई जानकारी में ऐसी ही कुछ बातें सामने आईं हैं। दरअसल खाने की गुणवत्ता पर महकमा ध्यान नहीं दे रहा है। जाच में खाद्य पदाथरें के जो नमूने फेल पाए गए वो कौन-कौन से है रेलवे को इसकी भी जानकारी नहीं है।
कई बार हो चुकी है चर्चा
ट्रेनों में और स्टेशनों पर घटिया खाने और अवैध वेंडरों को लेकर कई बार लोकसभा में चर्चा हो चुकी है। रेल मंत्रालय व रेलवे बोर्ड की ओर से लगातार अवैध वेंडरों के खिलाफ कार्रवाई करने, खाद्य पदाथरें की गुणवत्ता में सुधार कराने और घटिया खाद्य सामग्री बेचने वालों पर कार्रवाई के आदेश दिए जाते हैं। अवैध वेंडरों को पकडऩे की जिम्मेदारी आरपीएफ, वाणिज्य विभाग और स्टेशन मास्टर की है। खाद्य पदार्थ की गुणवत्ता जाचने और नमूने लेने का काम स्वास्थ्य विभाग करता है। इसमें कितना सुधार हुआ है, इसके लिए मंडल रेल प्रशासन से चार सूचनाएं मागी गईं थीं। मसलन मंडल में कितने अवैध वेंडर हैं, एक साल में इन पर क्या कार्रवाई की गई और कितने का जुर्माना वसूला गया। बिकने वाले कितने खाद्य पदाथरें के नमूने लिए गए और जाच में कितने नमूने फेल पाए गए व क्या कार्रवाई की गई है।
नहीं दी गई पूरी जानकारी
सहायक वाणिज्य प्रबंधक के हस्ताक्षरयुक्त सूचना में गोल मटोल जानकारी दी गई हैं। अवैध वेंडर की संख्या की जानकारी देने के बजाय रेल परिसर में अवैध वेंडरों पर प्रतिबंध होना बताया गया है। अवैध वेंडरों के खिलाफ मंडल में नियमित कार्रवाई करने की बात कही गई है लेकिन कितने अवैध वेंडर पकड़े गए और कितने का जुर्माना वसूला गया इसकी जानकारी नहीं दी गई।
इसी पत्र के साथ रेलवे के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक कार्यालय से जारी पत्र भी संलग्न है। इसमें बताया गया है कि सितंबर 2017 से फरवरी 2018 तक ट्रेनों में व स्टेशनों पर बिकने वाले खाद्य पदाथरें के 30 नमूने लिए गए थे। इनमें से तीन नमूने घटिया स्तर के पाए गए। इस मामले में कार्रवाई की जा रही है। रिपोर्ट में खाद्य पदाथरें के बारे में नहीं बताया गया।