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ढोलक से बुलंदिया छू रहीं महिलाएं

मुरादाबाद : ढोलक कारोबार सिर्फ अब अमरोहा जिले की ही पहचान नहीं रह गया, महिलाएं भी ढोलक के

By JagranEdited By: Published: Mon, 14 May 2018 07:05 AM (IST)Updated: Mon, 14 May 2018 07:05 AM (IST)
ढोलक से बुलंदिया छू रहीं महिलाएं
ढोलक से बुलंदिया छू रहीं महिलाएं

मुरादाबाद : ढोलक कारोबार सिर्फ अब अमरोहा जिले की ही पहचान नहीं रह गया, महिलाएं भी ढोलक के सहारे बुलंदिया छू रहीं रहीं हैं। एक जनपद-एक उत्पाद में ढोलक को शामिल करने के प्रदेश सरकार के फैसले के बाद महिलाएं आगे आ रहीं हैं और पुरुष कारोबारियों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर आगे बढ़ रहीं हैं। देश ही नहीं विदेश में भी अमरोहा की ढोलक व अन्य वाद्ययंत्रों की धूम हैं। महिला कारोबारियों के आगे आने से इस कारोबार को नई पहचान मिल रही है।

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सत्ता परिवर्तन के बाद ढोलक कारोबार में आई तेजी

2017 में सत्ता परिवर्तन के बाद अमरोहा में ढोलक कारोबार तेजी से बढऩा शुरू हो गया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कारोबारियों के हितों को सर्वोपरि रखा और उनके हित में कई एलान किए। जनवरी में भी यूपी दिवस के दौरान अमरोहा के ढोलक कारोबारियों से मुख्यमंत्री ने इंडस्ट्रीयल एरिया की स्थापना के साथ ही अन्य सुविधाएं देने का वायदा किया। इस वजह से पिछले वित्तीय वर्ष में ही कारखानों की संख्या 215 से बढ़कर 360 तक जा पहुंची।

बड़े स्तर के कारखाने हैं करीब 150

बड़े स्तर के कारखानों की संख्या भी करीब 150 के आसपास है। वहीं एक जनपद-एक उत्पाद योजना में अमरोहा की ढोलक को शामिल करने से छोटे-बड़े कारोबारी खासे उत्साहित हैं। यही नहीं महिलाएं भी इस कारोबार में आगे आ रही हैं। करीब 23-24 महिला कारोबारियों ने ढोलक को अपनाया है। वह सफल गृहिणी तो हैं ही, अब ढोलक कारोबार को भी बुलंदियों पर पहुंचा रही हैं।

महिलाएं चला रहीं हैं कारखाना

हेमलता अग्रवाल बाईपास रोड पर हेमलता हैंडीक्त्राफ्ट्स के नाम से कारखाना चला रही हैं। इसी तरह से बाईपास रोड पर ही मुहल्ला पीरगढ़ निवासी सोनिया सैनी सोनिया हैंडीकाफ्ट्स एंड म्यूजिकल के नाम से फर्म चला रही हैं। हालाकि इनके काम इनके परिवार के लोग भी सहयोग करते हैं। इसी तरह मुहल्ला दानिश मंदान निवासी नोशी आसिम का नाम भी सफल गृहणी के साथ ही सफल उद्यमियों की सूची में शामिल है। युवाओं का रुझान भी ढोलक कारोबार की ओर बढ़ रहा है। 23 वर्षीय एमकॉम की छात्रा अग्रिमा गोयल भी पढ़ाई के साथ ही ढोलक कारोबार में हाथ आजमा रही हैं। वह अपनी परास्नातक की पढ़ाई के साथ ही तकिया मोतीशाह काकर सराय रोड पर ममता हैंडीक्त्राफ्टस के नाम से ढोलक का कारखाना चला रही हैं। मौजूदा समय में करीब 15 हजार लोग ढोलक कारोबार से जुड़े हैं और बड़ी संख्या में महिलाएं व युवा इस कारोबार से जुड़ते जा रहे हैं।

सरकार वादों को पूरा करे तो मिलेगी राहत

एक जनपद एक उत्पाद योजना में ढोलक को शामिल किये जाने से जनपद में रोजगार के नए-नए अवसर सृजित होंगे। कारखानों की संख्या में तो इजाफा दिन ब दिन हो ही रहा है, वहीं युवाओं का भी अब ढोलक की ओर रूझान बढ़ रहा है। सरकार पूर्व में किए वायदों को पूरा करे तो ढोलक उद्योग में अपार संभावनाएं हैं।

-हेमलता अग्रवाल, ढोलक कारोबारी।

आने वाला समय होगा अच्छा

अब अमरोहा की पहचान ढोलक उद्योग से होगी। सरकार ने एक जनपद-एक उत्पाद योजना के अंतर्गत अमरोहा का ढोलक से जोड़ा है। देश ही नहीं वरन विश्व में अमरोहा की ढोलक विख्यात होगी। अब इस कारोबार से महिलाएं भी बड़ी संख्या में जुड़ रही हैं। आने वाला समय ढोलक कारोबार के लिए अच्छा साबित होगा।

नोशी आसिम, ढोलक कारोबारी।

ग्रामीण महिलाओं को मिलनी चाहिए ज्यादा छूट

ढोलक कारोबार को बढ़ावे को प्रदेश ही नहीं केंद्र सरकार की ओर से भी विभिन्न योजनाएं चलाई जा रही हैं। कारोबारी महिलाओं को 25 लाख तक ऋण आसानी से मिल रहा है। सरकार उस पर छूट भी दे रही है। ग्रामीण महिलाओं को ज्यादा छूट देने से ग्रामीण क्षेत्र की महिलाएं भी आगे आएंगी।

सोनिया सैनी, ढोलक कारोबारी।

उद्योग को बढ़ावा देने से रुकेगा पलायन

जनपद में ढोलक उद्योग को बढ़ावा देने से युवाओं को रोजगार के लिए दूसरे शहरों की ओर रुख नहीं करना होगा। वैसे भी केंद्र व राज्य की कई योजनाओं में महिला कारोबारियों को 25 लाख तक के लोन पर 25 से 35 फीसद तक अनुदान दिया जा रहा है। यह महिला सशक्तिकरण की दिशा में सरकार का अच्छा प्रयास है।

अग्रिमा गोयल, ढोलक कारोबारी।


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