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अटल जी की प्रेरणा से सूर्य प्रकाश पाल बन गए कवि

मुरादाबाद : उत्तर प्रदेश सहकारी निर्माण संघ के अध्यक्ष सूर्य प्रकाश पाल कहते हैं कि अटल बिह

By JagranEdited By: Published: Fri, 17 Aug 2018 04:00 PM (IST)Updated: Fri, 17 Aug 2018 04:00 PM (IST)
अटल जी की प्रेरणा से सूर्य प्रकाश पाल बन गए कवि

मुरादाबाद : उत्तर प्रदेश सहकारी निर्माण संघ के अध्यक्ष सूर्य प्रकाश पाल कहते हैं कि अटल बिहारी वाजपेयी राजनेता के साथ ही अच्छे कवि भी थे। उनकी प्रेरणा से ही हम भी कवि बन गए।

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श्री पाल कहते हैं कि 1996 में अटल जी रामपुर आए तब वह भारतीय जनता युवा मोर्चा के जिलाध्यक्ष थे। अटल जी के कार्यक्रम में उन्हें युवाओं को लाने की जिम्मेदारी मिली थी। रामलीला मैदान सिविल लाइंस में हुई जनसभा में बड़ी संख्या में युवा शामिल हुए। इन्हें देखकर अटल जी ने अपने संबोधन में युवाओं को ही फोकस किया। इससे युवाओं में भी जोश भर गया।

अटल जी की कविताएं भी उन्हें अच्छी लगती रहीं। इसी से ही उन्हें प्रेरणा मिली और हम भी कवि बन गए। अटल जी की यह किवता उन्हे बहुत अच्छी लगी। ठन गई। मौत से ठन गए। जूझने का इरादा न था, मोड़ पर मिलेंगे इसका वादा न था। रास्ता रोककर वह खड़ी हो गई, यूं लगा ¨जदगी से बड़ी हो गई। मैं जीभर जिया, मैं मन से मरूं, लौट कर जाऊंगा। कूच से क्यों डरूं। देख तेवर तूफां का, तेवरी तन गई, ठन गई, मौत से ठन गई। उनकी यह कविता आज और भी तमाम लोगों की जुबा पर है। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य जुगेश अरोरा ने भी अटली जी के निधन पर शोक जताया है। बताया कि जब अटल जी रामपुर आए थे, तब वह रामपुर शहर सीट से चुनाव लड़ रहे थे। उनके ही साथ मंच पर मौजूद रहे। अटल जी हमेशा साफ सुथरी राजनीति की। उनसे देश को अपार क्षति पहुंची है।

दूसरी ओर भारतीय जनता पार्टी की पूर्व सभासद नीलम गुप्ता ने कहा कि अटल जी के निधन से देश को अपूर्णनीय क्षति हुई है। इसकी भरपाई होना असंभव है।


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