बेटियां मांग रहीं इंसाफ, खुलेआम घूम रहे हैवानियत करने वाले
मुरादाबाद : उन्नाव में किशोरी के साथ दुष्कर्म और पिता की हत्या तथा कठुआ में दुष्कर्म की
मुरादाबाद : उन्नाव में किशोरी के साथ दुष्कर्म और पिता की हत्या तथा कठुआ में दुष्कर्म की घटना ने पूरे देश को हिला दिया। शर्मनाक घटनाओं के विरोध में आवाजें भी उठने लगी हैं। महिलाओं और युवतियों पर ज्यादती कोई नई बात नहीं है, रोजाना ऐसे मामले थानों में पहुंच रहे हैं लेकिन पुलिस की लचर कार्यप्रणाली की वजह से हैवानियत करने वाले भी खुले आम सड़कों पर घूम रहे हैं। मुरादाबाद के भोजपुर में तो एक सप्ताह पहले ही दुष्कर्म के आरोपित की गिरफ्तारी नहीं होने पर सिस्टम से तंग आकर युवती ने ट्रेन के आगे कूदकर जान दे दी। कुछ मामले तो ऐसे हैं, जिनमें सीएम दरबार तक शिकायत दर्ज की गई है। पिछले तीन माह में 21 दुष्कर्म के मामलों में नौ मुकदमों के आरोपित अभी भी पुलिस पकड़ से दूर है। हालांकि पुलिस के आंकड़ों में 2016 के बजाय 2017 में दुष्कर्म के मामले कम हुए हैं। इस वर्ष के तीन माह में दुष्कर्म का ग्राफ बतौर गतवर्ष के तुलना में बढ़ा है।
साहब इनकी भी सुन लीजिए
पांच अप्रैल को भोजपुर के एक गांव की युवती ने दुष्कर्म कर गर्भपात करने की रिपोर्ट दर्ज कराई। आरोप है कि प्रेम जाल में फंसा कर इलाहाबाद ले गया, जहां से दिल्ली ले जाकर दुष्कर्म किया। आरोपी के चंगुल से छूटकर युवती आरपीएफ के पास पहुंची, जहां उसे नारी निकेतन भेजा। परिवार के लोग नारी निकेतन ने युवती को अपने साथ ले आए। आरोपी मुगलपुरा का रहने वाला है, जिसे अभी तक गिरफ्तार नहीं किया गया।
अपहरण कर दुष्कर्म करने वाला नहीं पकड़ा
डिलारी के ग्राम सलेम सराय में खेत से फसल काट कर लौट रही युवती को उठाकर सिहाली खद्दर निवासी युवक ने दुष्कर्म किया। परिजनों ने सिहाली खद्दर जाकर जानकारी की तो बेटी जंगल में बदहवास मिली। पीड़िता ने बताया कि बाइक सवार आरोपित उसे जंगल में छोड़कर भाग गए। अभी तक पुलिस ने आरोपित को गिरफ्तार नहीं किया।
मुरादाबाद में आठ साल में 484 दुष्कर्म
जनपद में बेटियों के साथ हैवानियत के मामले बढ़ते जा रहे हैं। हालांकि 2016 की तुलना में आंकड़ा कुछ कम हैं। 2010 से मार्च 2018 तक पुलिस रिकार्ड में 484 दुष्कर्म के मामले सामने आए है। 20 से अधिक मुकदमे अभी भी ऐसे हैं, जिनके आरोपी पुलिस पकड़ से दूर बने हुए है। 2016 में 89 दुष्कर्म के मामले सामने आए थे, जो 2017 में घटकर 81 पर पहुंच गए है। 2018 के तीन माह में भी दुष्कर्म का आंकड़ा 21 से ज्यादा पहुंच गया है। हर रोज थानों से लेकर कप्तान ऑफिस तक दुष्कर्म पीड़िता आरोपितों की गिरफ्तारी को चक्कर लगा रही है।
की जा रही है मॉनीटरिंग
दुष्कर्म के सभी मामलों की मॉनीट¨रग खुद कर रहे हैं, जिनके आरोपी पुलिस पकड़ से दूर हैं। थानेवार अभियान चलाकर उन्हें पकड़ा जा रहा है। साथ ही ज्यादातर मामलों में पुलिस तत्काल कार्रवाई कर रही है। पोक्सो एक्ट में दर्ज मुकदमों में सीओ मॉनीट¨रग कर पूरे मामले को देख रहे है। बेटियों के साथ उत्पीड़न कदापि बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सभी थानेदारों को आदेश दिए है कि महिला अपराध पर तत्काल सुनवाई करें।
जे रविन्दर गौड, एसएसपी