तीन तलाक पर मुस्लिम आदमी भ्रम में: निदा खान
तीन तलाक के खिलाफ आवाज उठा रहीं बरेली की निदा खान।
मुरादाबाद : तीन तलाक के खिलाफ आवाज उठा रहीं बरेली की निदा खान ने कहा कि वह खुद इसकी पीड़ित हैं। इसके खिलाफ आवाज उठा रही हैं। अब मुस्लिम समाज की महिलाएं जागरूक भी हो रही हैं। मुस्लिम आदमी समझते हैं कि तीन तलाक उनका नियम कानून है जो एक भ्रम है। बोलीं, केंद्र में बिल अटका हुआ है। अच्छे काम का निर्णय आने में देर है लेकिन अंधेर नहीं है। उनकी इस लड़ाई में मायके वाले और समाज उनके साथ है।
निदा खान अखिल भारतीय वैश्य फेडरेशन की ओर से सम्भल जिले के चन्दौसी में गोशाला रोड स्थित यदुवंशी गार्डन से रविवार को हुई मिनी मैराथन में हिस्सा लेने आई थीं। दौड़ का आगाज सुबह साढ़े सात बजे पालिकाध्यक्ष इंदु रानी, बरेली की तीन तलाक पीड़िता निदा खान, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ फाउंडेशन की ब्रांड एंबेसडर सोनी चौरसिया बनारस, पर्वतारोही ज्ञान नन्दनी, योजना गुप्ता, एसडीएम महेश प्रसाद दीक्षित, पुलिस क्षेत्राधिकारी गमलेश्वर विल्टोरिया ने संयुक्त रूप से मशाल रोशन करके किया। इसमें विभिन्न स्कूलों के छात्रों, एनसीसी कैडेट्स समेत समाजसेवियों और जनमानस ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। हजारों की संख्या में लोगों ने सड़क पर दौड़ कर बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का संदेश दिया। कत्थक नृत्यांगना सोनी चौरसिया ने मशाल हाथ में लेकर दौड़ की शुरुआत की। राष्ट्रगान के साथ कार्यक्रम का समापन किया गया। कार्यक्रम के अंत में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को श्रद्धांजलि दी गई।
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बेटी पढ़ेगी तो समाज होगा शिक्षित : सोनी चौरसिया
बनारस से आई बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ फाउंडेशन की ब्रांड एम्बेसडर और कत्थक नृत्यांगना सोनी चौरसिया ने मिनी मैराथन की सराहना की। कहा कि ऐसे आयोजन समाज को जागरूक करने के लिए जरूरी हैं, बेटियों को आगे बढ़ाएं, वक्त आ गया है बेटा-बेटी में भेदभाव छोड़ें।
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बेटियां खुद को असहाय न समझें: ज्ञान नन्दनी
पर्वतारोही ज्ञान नन्दनी ने कहा कि लड़कियों को हर कार्यक्रम में बढ़चढ़ कर आगे आना चाहिए, बेटियां खुद को असहाय न समझें, मुसीबतों का सामना करें, आज के दौर में बेटियां माता-पिता और देश का नाम रोशन कर रही हैं।