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घर से छेड़ें नारी उत्थान का संग्राम : मंडलायुक्त

मुरादाबाद : यह विडंबना है कि विकासशील भारतीय समाज में हमें 'सुरक्षित नारी, सुरक्षित समाज' जैसे वि

By JagranEdited By: Published: Fri, 11 May 2018 02:25 AM (IST)Updated: Fri, 11 May 2018 02:25 AM (IST)
घर से छेड़ें नारी उत्थान का संग्राम : मंडलायुक्त

मुरादाबाद : यह विडंबना है कि विकासशील भारतीय समाज में हमें 'सुरक्षित नारी, सुरक्षित समाज' जैसे विषय पर कार्यशाला का आयोजन करना पड़ रहा है। महिलाओं के लिए परिवेश घर से लेकर बाहर तक चिंताजनक है। इसे बदलना होगा। नारी के मन में सुरक्षा का भाव भरना होगा। यह तब तक मुमकिन नहीं, जब तक कि शुरुआत महिलाएं अपने घरों से स्वयं नहीं करतीं। बच्चों व परिवार के पुरुष सदस्यों को बताना होगा कि महिलाओं के बगैर उनका कोई वजूद नहीं है।

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यह बातें मंडलायुक्त राजेश कुमार सिंह ने पंचायत भवन में गुरुवार को मुरादाबाद पुलिस द्वारा आयोजित 'सुरक्षित नारी, सुरक्षित समाज' विषयक एक दिवसीय कार्यशाला को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित करते कहीं। उन्होंने कहा कि अतीत में झांकने पर पता चलता है कि भारतीय समाज पितृ प्रधान रहा है। धीरे-धीरे यह पुरुष प्रधान हो गया। सामाजिक बदलाव आज हम सबके सामने है। महिलाओं के खिलाफ ¨हसा व उत्पीड़न की घटनाओं में वृद्धि विकासशील समाज के सामने बड़ा सवाल है। इसके पूर्व आइजी बिनोद कुमार सिंह ने कहा कि महिलाएं आज अपने ही घरों में असुरक्षित हैं। इसका असल कारण घर के सदस्यों में संस्कारों का अभाव है। इस अभाव को ही खत्म करना होगा। एक बेटी, एक बहन, एक पत्‍‌नी, एक मां को घर के पुरुष सदस्यों को संस्कारों का पाठ पढ़ाना होगा। कानून सिर्फ आरोपित को सजा दे सकता है, अपराध खत्म नहीं कर सकता। अपराध खत्म तभी होगा, जब महिलाएं जागरूक होंगी। हालात पीड़ादायक हैं। कार्यशाला का उद्देश्य महिलाओं को सिर्फ जागरूक करना है।

इसके पहले जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह ने कहा कि समाज संबंधों का तानाबाना है। समाज तभी मजबूत होगा, जब महिलाएं व पुरुष एक दूसरे की भावनाओं का सम्मान करें। आज के दौर में हम पड़ोसी को ही नहीं पहचानते। घर का हर सदस्य सिर्फ मोबाइल में व्यस्त है। समाज में नैतिक के स्तर पर विचार करना होगा। यह समझना होगा कि हमारे कदम कहीं संबंधों के बिखराव की ओर तो नहीं बढ़ रहे। भारतीय महिलाएं आदि काल से सशक्त रही हैं। वर्तमान हालात चिंताजनक जरूर है, पर महिलाएं इतनी सक्षम हैं कि इसे अपने अनुकूल बना सकती हैं। इसके लिए आधी आबादी को आगे आना होगा। तभी इस कार्यशाला की सार्थकता सिद्ध होगी। कार्यक्रम की शुरुआत करते ईएमए की अध्यक्ष शिखा गुप्ता ने कहा कि जिस भारतीय समाज ने सदा से महिलाओं को उंचा स्थान दिया, वहां अब उनके असुरक्षित होने की बात हो रही है। हालात बताते हैं कि हमारे नैतिक मूल्यों में गिरावट हुई है। नारी असुरक्षित क्यों है? यह विचारणीय सवाल है। नारी सशक्तीकरण जरूरी है। जब महिलाएं शैक्षिक व आर्थिक रुप से मजबूत होंगी, तब असुरक्षा का भाव स्वत: खत्म हो जाएगा। कार्यक्रम का संचालन क्षेत्राधिकारी कोतवाली पूनम मिश्र व डॉ. सुगंधा ने संयुक्त रूप से किया। एसपी यातायात सतीश चंद्र ने उच्चाधिकारियों को तीन सत्र की कार्यशाला की रूप रेखा बताई। समूचा पंचायत हाल पूरे दिन महिलाओं

से खचाखच भरा रहा। कार्यशाला में आई महिलाओं का पुलिस ने फीडबैक भी लिया। इस मौके पर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जे रविन्द्र गौड, एसपी सिटी अंकित मित्तल, एसपी ग्रामीण, एएसपी व सीओ सिविल लाइन अपर्णा गुप्ता, समेत जिले के सभी पुलिस अधिकारी मौजूद रहे।

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मंडलायुक्त ने कहा- नहीं रखता डीएम से इत्तफाक

मुरादाबाद : जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह के बाद कार्यशाला को संबोधित कर रहे मंडलायुक्त राजीव कुमार सिंह ने दो टूक कहा कि वह डीएम की इस बात से जरा भी इत्तफाक नहीं रखते कि महिलाएं आरक्षण की मांग न करें। उन्होंने कहा कि 33 प्रतिशत आरक्षण का बिल संसद में लंबित है। जिस दिन यह पास हो गया उस दिन से ही भारत की महिलाएं अपना भाग्य खुद लिखेंगी। सार्वजनिक मंचों पर महिलाओं की अनुपस्थिति न के बराबर है। इस हालात से निजात दिलाने में आरक्षण मदद करेगा। जबकि डीएम ने अपने संबोधन में कहा था कि स्वयं का उत्थान करने में भारतीय महिलाएं सक्षम हैं। महिलाओं के भीतर इतनी क्षमता है कि आरक्षण न भी मिले तब भी वह अपना उत्थान कर सकती हैं।


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