आयकर दाताओं का सुरक्षा कवच बनेगा समझौता आयोग
मुरादाबाद : जानकारी के अभाव में या किसी अन्य वजह से अगर आपने सही आयकर का भुगतान नहीं किय
मुरादाबाद : जानकारी के अभाव में या किसी अन्य वजह से अगर आपने सही आयकर का भुगतान नहीं किया है और आप टैक्स चोरी के मामले में फंस गए हैं तो परेशान होने की जरूरत नहीं है। ऐसे हालात में आपको सेटलमेंट कमीशन की शरण में जाना होगा। यहां जुर्माना, ब्याज और कानूनी कार्रवाई से बचाने का पूरा प्रयास किया जाएगा, लेकिन इसके बाद आपको ईमानदारी से आयकर देना पड़ेगा।
वित्त मंत्रालय ने आयकरदाताओं के लिए समझौता आयोग (सेटलमेंट कमीशन) का गठन किया है। यह आयोग गलती स्वीकारने वाले डिफाल्टर आयकरदाताओं को राहत देने के साथ ही सुधरने का मौका भी देता है। दरअसल आयकर की चोरी करने वालों को पकड़ने के लिए आयकर विभाग में अलग शाखा है। सामान्य आयकर अधिकारी रिटर्न व रिकार्ड के आधार पर जांचकर आयकर चोरी के मामले पकड़ते हैं। इसी तरह से आयकर की भी चोरी पकड़ी जाती है। दोनों तरह में व्यक्ति से कम दिए गए आयकर, उस पर ब्याज और जुर्माना की वसूली की जाती है। आयकर विभाग की विशेष अनुसंधान शाखा जांच करती है, इसके बाद संपत्ति सीज कर ली जाती है। इसमें फंस जाने पर व्यक्ति परेशान हो जाता है। जांच न्यूनतम एक साल तक चलती है और संबंधित व्यक्ति को रिकार्ड दिखाने के लिए आयकर अधिकारी व चार्टर्ड अकाउंटेंट के कार्यालय में चक्कर लगाने पड़ते हैं। सामान्य आयकर अधिकारी द्वारा निर्धारित दंड से संतुष्ट न होने पर व्यक्ति को आयकर के अपीलीय अधिकारी के पास अपील करनी पड़ती है। ऐसे आयकरदाताओं के लिए ही समझौता आयोग का गठन किया गया है।
वित्त मंत्रालय के डायरेक्ट टैक्सेज एडवाइजरी कमेटी के सदस्य अरविंद कुमार सिंघल ने बताया कि गलत आय की घोषणा करने वाले, कम आयकर देने वाले या सर्वे, सर्च, छापा या स्क्रूटनी में फंसने वाले आयकरदाता समझौता आयोग में आवेदन कर सकते हैं।