निर्मल परिणामों के भाव से ही संयम की धारणा
पर्यूषण पर्व के चौथे दिन सत्य के रूप में मनाया गया।
जागरण संवाददाता, मुरादाबाद : पर्यूषण पर्व के चौथे दिन सत्य के रूप में मनाया गया। लोहागढ़ स्थित जैन मंदिर में ब्रह्माचारिणी उषा व ज्योति की ओर से शांतिधारा की बोली लगाई गई। इसका लाभ शरद जैन के परिवार को मिला। शाम को आरती हुई। प्रवचन में कहा कि जब मन शुचि होता है तो निर्मल से भरा मन होता है तब जीवन में संयम का प्रवेश हो जाता है। निर्मल परिणामों के ही भाव, संयम को धारण करने के होते हैं। इसके पश्चात एक मिनट प्रतियोगिता व मंगलाचरण हुआ। इसमें शिवि जैन, विधि जैन, जैन मिलन, अरविंद जैन, अतुल जैन, मनोज जैन, नितिन जैन समेत अन्य मौजूद रहे।
श्री पाश्र्र्वनाथ दिगम्बर जैन मंदिर में चौथे दिन उत्तम सत्य पर्व के दौरान मुनि यादवेंद्र सागर ने कहा कि जो जैसा है उसके विषय में वैसा ही वर्णन करना तथा जीवन में कैसी भी परिस्थिति आने पर झूठ का सहारा न लेना ही उत्तम सत्य है। श्री जी के अभिषेक एवं शांतिधारा का लाभ अतुल जैन, पारिजात जैन परिवार को मिला। पंडित नीरज जैन शास्त्री ने कहा कि किस प्रकार राजा हरिश्चंद्र ने सत्य का पालन किया था। शाम को नृत्य, संगीत पर आधारित प्रश्नोत्तरी कार्यक्रम हुआ। निर्देशन स्मिता जैन ने किया। पुरस्कार वितरण स्वाति जैन, शालीन जैन के परिवार ने किया।
आस्था में डूबा टीएमयू
टीएमयू के रिद्धि-सिद्धि भवन में भोपाल की सुनील सरगम एंड पार्टी ने भक्तिमय संगीत के जरिए सभी श्रावक और श्राविकाओं को आस्था के रंग में डुबो दिया। पंच परमेष्ठी भगवान और आदिनाथ भगवान की भी आरती हुई। इसके बाद भजनों की प्रस्तुति में सभी रम गए। पंडित रिषभ जैन के प्रवचन के बाद प्रश्नोत्तरी का दौर भी चला। इस मौके पर टीएमयू कुलाधिपति सुरेश जैन ने घोषणा की कि जो जैन छात्र-छात्राएं अभी तक सम्मेद शिखर जी की यात्रा पर नहीं गए हैं। उन सभी छात्र-छात्राओं को दीपावली के बाद अपनी ओर से शिखर जी भेजेंगे।