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पुलिस पर धार्मिक ग्रंथ गिराने का आरोप लगा काटा हंगामा

जागरण संवाददाता, मैनाठेर (मुरादाबाद) : ताहरपुर गांव में गोकशी के आरोपितों को पकड़न

By JagranEdited By: Published: Fri, 22 Jun 2018 02:39 AM (IST)Updated: Fri, 22 Jun 2018 02:39 AM (IST)
पुलिस पर धार्मिक ग्रंथ गिराने का आरोप लगा काटा हंगामा

जागरण संवाददाता, मैनाठेर (मुरादाबाद) : ताहरपुर गांव में गोकशी के आरोपितों को पकड़ने गई पुलिस को ग्रामीणों के विरोध का सामना करना पड़ा। ग्रामीणों ने पुलिस पर धार्मिक ग्रंथ गिराने का आरोप लगाते हुए हंगामा काटा। सम्भल-मुरादाबाद हाईवे पर घंटों जाम लगाकर प्रदर्शन किया। इस दौरान महिलाओं ने पुलिस का घेराव भी किया। बाद में फोर्स के साथ पहुंचे सीओ ने ग्रामीणों को समझा बुझाकर शांत किया और जाम खुलवाया।

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कुंदरकी थाने की पुलिस ने गुरुवार को ताहरपुर में गोकशी के सूखा और नन्हे समेत पांच आरोपितों की धरपकड़ को दबिश दी थी। पुलिस को देखते ही आरोपित भाग गए। इसी बीच महिलाओं और ग्रामीणों ने पुलिस पर धार्मिक ग्रंथ गिराने का आरोप लगाते हुए विरोध शुरू कर दिया। इस पर पुलिस अपनी जान बचाते हुए भाग निकली। पुलिस के जाने के बाद ताहरपुर की महिलाएं एकत्र हो गई। महिलाएं सम्भल-मुरादाबाद मार्ग पर पहुंची और जाम लगाकर पुलिस के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। इस पर सीओ फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे। पुलिस ने महिलाओं के गुस्से को बमुश्किल शांत किया। घंटों की कड़ी मशक्कत के बाद समझाबुझाकर महिलाओं को शांत कर जाम खोला गया। साथ ही पूरे मामले की जांच का भरोसा दिया गया।

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घर आकर देखा क्राइम सीन :

जाम खोलने के बाद सीओ फोर्स के साथ प्रदर्शनकारियों के घर पर पहुंचे, देखा गया कि जाहिद के घर में लोहे के दो सरिये लगे हैं, जिन पर लकड़ी लगाकर अलमारी बनाई है, उस पर एक पर्दा लगा हुआ था। कपड़े में बंधा हुआ धार्मिक ग्रंथ रखा हुआ था, जो नीचे सुरक्षित रखा था। वह पुलिस से गिरा है या भीड़ की ओर से धक्का मुक्की में गिरा है। इसकी जांच की जा रही है।

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मैनाठेर थाने को सूचित किए बगैर दबिश दी कुंदरकी पुलिस ने

डीजीपी के सख्त आदेश हैं कि दबिश के दौरान स्थानीय थाने की जीडी में एंट्री होगी। साथ ही स्थानीय पुलिस को साथ लेकर दबिश डाली जाएगी। इसके बावजूद कुदंरकी पुलिस ने मैनाठेर पुलिस को सूचना दिए बगैर दबिश क्यों डाली? कुदंरकी पुलिस से इस मामले में कप्तान ने स्पष्टीकरण भी मांगा है।

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प्रदर्शनकारी महिलाओं को आरोपितों का सरेंडर कराने के लिए पांच दिन का समय दिया गया है। यदि पांच दिन में आरोपितों ने सरेंडर नहीं किया तो दबिश देकर गिरफ्तारी की जाएगी।

- जे. रविन्दर गौड, एसएसपी


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