मुरादाबाद रेज मे चार्ज के लिए फिट 'दारोगा'
सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि काबिलियत के आधार पर थाना प्रभारियो की तैनाती की जाए। यह भी कहा गया कि इंस्पेक्टर को पहले प्रमुखता दी जाए।
By Edited By: Published: Thu, 25 Jan 2018 02:36 AM (IST)Updated: Sat, 27 Jan 2018 03:11 PM (IST)
मुरादाबाद :<ढ्डह्म> सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि काबिलियत के आधार पर थाना प्रभारियो की तैनाती की जाए। यह भी कहा गया कि इंस्पेक्टर को पहले प्रमुखता दी जाए। इंस्पेक्टर चार्ज लायक नही है तो दारोगा को थाना प्रभारी बनाने मे कोई गुरेज नही है, जबकि सपा सरकार मे सभी इंस्पेक्टर को तैनाती का प्रावधान था। मुरादाबाद रेज मे तैनाती के आंकड़े को देखे तो 81 थानो मे 57 इंस्पेक्टर चार्ज पर है, जबकि 58 इंस्पेक्टर खाली है, जिन्हे अन्य विंगो का प्रभारी बनाया गया है। यानी 24 दारोगा थानो की कमान संभाल रहे है। मुरादाबाद की बात करे तो 20 थानो मे आठ दारोगा थाना चला रहे है। <ढ्डह्म> मुरादाबाद रेज के पांच जनपदो मे इंस्पेक्टर के 211 पद स्वीकृत है, जिनमे से 112 इंस्पेक्टर मौजूद है, 99 के पद अभी खाली है, जिनके लिए मांग की गई है। रेज के 81 थानो मे 57 इंस्पेक्टर चार्ज पर है, जबकि 58 जनपद के विभिन्न विंग मे तैनाती पा रहे है। यही कारण है कि 24 थानो मे दारोगा को थाना प्रभारी नियुक्त किया गया है। पुलिस का यह आंकड़ा बयां कर रहा है कि इंस्पेक्टर से ज्यादा दारोगा अपनी जिम्मेदारी का निर्वाह कर रहे है। अफसरो का तर्क भी है कि दारोगा जिम्मेदारी से काम करता है, क्योकि उसे चार्ज जाने का डर हमेशा सताता है, जबकि इंस्पेक्टर का थाने से हटाकर सैकेड अफसर पर तैनाती नही दी जाती है। उसे किसी अन्य विंग का ही प्रभारी बनाया जाता है। हालांकि कुछ इंस्पेक्टर है, जो जिम्मेदारी से काम कर रहे है और लगातार चार्ज पर बने हुए है।<ढ्डह्म> <ढ्डह्म> काबिलियत के आधार पर थानो मे तैनाती दी गई है। ताकि क्राइम को रोका जा सके, जिसका रिजल्ट भी मिल रहा है। <ढ्डह्म> ओकार सिंह, डीआइजी<ढ्डह्म>
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