हलाला के नाम पर शोषण ठीक नहीं, सही हुआ मुकदमा
ससुर के साथ निकाह जायज नहीं, इस्लाम को बदनाम कर रहे हैं ये लोग शरीयत में हलाला का सह
ससुर के साथ निकाह जायज नहीं, इस्लाम को बदनाम कर रहे हैं ये लोग
शरीयत में हलाला का सही तरीका है, महिला पर निर्भर करती है बात जागरण संवाददाता, मुरादाबाद :
बरेली में पति, ससुर और देवर पर हलाला के नाम पर दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज करना सही कदम रहा है।
उलमा ने हलाला के नाम पर इस्लाम को बदनाम करने वालों के खिलाफ सख्त सजा की मांग की है। दानिशवरों के मुताबिक इस्लाम ने हलाला का सही तरीका बताया है। बरेली में जिस तरह तलाक देकर हलाला कराया गया है, असली तसवीर वो नहीं है। हलाला के नाम पर ससुर से निकाह जायज नहीं है। इसमें उलमा और शायरा ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि इस तरह का काम करने वालों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।
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बोले उलमा
ससुर के साथ हलाला नहीं हो सकता है। इसलिए महिला ने मुकदमा सही दर्ज कराया है। फिलहाल एक तरफा बात के मुताबिक महिला ने मुकदमा दर्ज कराकर सही किया है। दूसरे पक्ष की बात भी सामने आनी चाहिए।
- सैयद मासूम अली, शहर इमाम
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ससुर से निकाह जायज नहीं है। बेटे की बहू ससुर पर हराम है। ससुर ने अगर ऐसा काम किया है तो वो पूरी तरह गलत काम किया है। शरीयत को बदनाम करने की कोशिश है। इसे बर्दाश्त नहीं करना चाहिए।
- मुफ्ती अय्यूब खां नईमी, प्रिंसिपल मदरसा जामिया नईमिया
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ससुर भी पिता की जगह होता है। ससुर से किसी भी हाल में निकाह जायज नहीं है। हलाला सुलह का नाम है। अगर ये बात सही है तो दुष्कर्म का मुकदमा सही दर्ज कराया गया है।
मुफ्ती गुलाम बरकाती, मस्जिद गुंबद वाली किसरौल
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बरेली की महिला ने पति, ससुर और देवर के खिलाफ दुष्कर्म का मुकदमा सही दर्ज कराया है। हलाला के नाम पर दुष्कर्म ही है। शरीयत ने हलाला का तरीका बताया है। ससुर से हलाला का कोई मतलब नहीं है। हलाला कोई खेल नहीं है।
कमर कदीर इरम, शायरा
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हलाला के खिलाफ हमारी लड़ाई को मजबूती मिली : समीना
जागरण संवाददाता, सम्भल : सुप्रीम कोर्ट में तीन तलाक और हलाला के खिलाफ याचिका दाखिल करने वाली सम्भल जिले की समीना बेगम ने कहा कि बरेली में हलाला मामले में ससुर और देवर के खिलाफ दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज होना हमारे मुद्दे की जीत है। यह पुलिस का बिल्कुल सही कदम है। इससे हलाला के खिलाफ हमारे अभियान को मजबूती मिलेगी। हलाला सभ्य समाज में महिला के सम्मान के खिलाफ एक बड़ी साजिश है।
समीना ने कहा कि हलाला के खिलाफ हमने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है। इसमें बरेली की निदा खान भी सहयोग कर रही हैं, जिन्हें इस्लाम से निष्कासित करने का फतवा दे दिया गया। तीन तलाक व हलाला के हिमायती लोग आए दिन हमें धमकिया दे रहे हैं, लेकिन अब इस मुद्दे पर आरपार की लड़ाई होगी। जब हलाला की पीड़ित महिला का मुकदमा दर्ज हुआ तो यकीन मानिए हमारी इस लड़ाई को बल भी मिला है। अब हम और मजबूती के साथ हलाला व तीन तलाक को खत्म करने का अभियान चलाएंगे। सुप्रीम कोर्ट में 20 जुलाई को हमारी याचिका पर सुनवाई होनी है और इस दिन हम अपनी बातों को और दमदारी के साथ रखेंगे। समीना ने हलाला और तीन तलाक को लेकर लड़ी जा रही अपनी लड़ाई के संबंध में कहा कि इसे कुचलने की साजिश काग्रेस के कुछ नेताओं की ओर से रची जा रही है।
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बरेली का मामला मेरे संज्ञान में है। मेरी पीड़ित महिला से फोन पर बात भी हुई है। उसके साथ जो हुआ वह बेहद अफसोसनाक है। हलाला के नाम पर मासूम लड़कियों की जिंदगियों का तमाशा बना दिया गया है। महिलाओं के आत्मसम्मान व आत्मस्वाभिमान का गला घोंटकर उनको इस गुनाह के लिए जबरन तैयार कराया जाता है। पुलिस को इस मामले में सख्त से सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। ऑल इंडिया मुस्लिम महिला पर्सनल लॉ बोर्ड ने वर्ष 2008 में हलाला को दुष्कर्म की धाराओ में शामिल करने के लिए याचिका दायर की थी। हलाला करने पर दुष्कर्म के अपराध की सजा होनी चाहिए।
- शाइस्ता अंबर, अध्यक्ष, ऑल इंडिया मुस्लिम महिला पर्सनल लॉ बोर्ड, लखनऊ
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बरेली में ससुर से हलाला कराने के मामले की जांच होनी चाहिए। वह कौन मौलाना है, जिसने उसके ससुर के साथ निकाह पढ़ाया। पीड़ित महिला इस संबंध में अभी तक कोई सुबूत पेश नहीं कर सकी है और न ही मौलाना के बारे में कोई जानकारी दी है। ऐसे में बिना तफ्तीश मामले को उछाला जाना गलत है। समाज के लिए यह हास्यापद विषय बन जाएगा। इस प्रकरण में यदि किसी भी तरह से कोई महिला भी शामिल है तो उसकी जांच होनी चाहिए। यदि मामला फर्जी उठाया गया है तो संबंधित के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो।
- नाईश हसन, महिला एक्टिविस्ट, लखनऊ