यूपी सरकार संवारेगी सड़काें पर अल्लाह और भगवान के नाम भीख मांगने वाले बच्चाें का जीवन, बनाएगी काबिल, भेजेगी घर, जानिए कैसे
प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार सड़कों भी भीख मांगने बच्चों के भले के लिए भी योजना बनाने जा रही है। ऐसे बच्चों को चिह्नित करके उन्हें पढ़ाने-लिखाने के बाद पुनर्वास करने के लिए काम होगा। जिन बच्चों के माता-पिता नहीं हैं।
मुरादाबाद, जेएनएन। प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार सड़कों भी भीख मांगने बच्चों के भले के लिए भी योजना बनाने जा रही है। ऐसे बच्चों को चिह्नित करके उन्हें पढ़ाने-लिखाने के बाद पुनर्वास करने के लिए काम होगा। जिन बच्चों के माता-पिता नहीं हैं, उन्हें बाल गृह में रखकर उनकी शिक्षा की व्यवस्था होगी। खाना-पीना सबकुछ सरकार की तरफ से होगा। कपड़ों का इंतजाम भी सरकार करेगी।
सड़कों पर अक्सर आपको भी बच्चे भीख मांगते हुए नजर आ जाते होंगे। कभी आपकी कार का शीशा साफ करके अल्लाह और भगवान के नाम पर भीख मांगने वाले बच्चे भी चौराहों पर मिल जाते हैं। ऐसा नहीं कि भीख मांगने वाले सभी बच्चों के माता-पिता नहीं है। मजबूरी भले ही जो हो कुछ बच्चों के माता-पिता ही उनके भीख मंगवाने का काम कर रहे हैंं।
प्रदेश सरकार कोरोना से अनाथ मासूमों के पुनर्वास करने के साथ सड़कों पर भीख मांगने वाले बच्चों के जीवन संवारने के लिए भी खाका बनाया है। बस इस पर अमल होना बाकी है। चाइल्ड लाइन ऐसे बच्चों को पकड़कर काउंसिलिंग करेगी। उनके माता-पिता हैं तो उनकी भी काउंसिलिंग करके बच्चों को पढ़ाने के लिए प्रेेरित करेगी।
सरकारी योजनाओं का ऐसे बच्चों को लाभ दिलाया जाएगा। जिनके माता-पिता ही नहीं है। उनके जीवन को संवारने के लिए बाल कल्याण समिति के माध्यम से बाल गृह भिजवाने का काम होगा। वहां उनकी पढ़ाई के साथ सारी व्यवस्थाएं सरकार खुद करेगी। बालिग होने के बाद ऐसे बच्चों को कौशल विकास योजना के जरिए प्रशिक्षण दिलाकर रोजगार से जोड़ने की व्यवस्था होगी।
बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष डाॅ. विशेष गुप्ता ने बताया कि पूरे प्रदेश में अभियान चलाकर भिक्षु बाल श्रमिकों के जीवन को संवारने के लिए काम करेंगे। इसके लिए सरकार ने खाका तैयार कर लिया है। बस जल्द ही इस पर अमल होने का काम शुरू होगा। ऐसे बच्चों की तलाश करने की जिम्मेदारी चाइल्ड लाइन को सौंपी जाएगी।