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नामांकन कराने जा रहे मुरादाबाद के विधायक को पुलिस ने रोका, इस शर्त पर नामांकन कराने की दी अनुमति

UP Election 2022 कलेक्ट्रेट में नामांकन कराने जा रहे भाजपा के प्रत्याशी को कक्ष में प्रवेश करने से पहले ही पुलिस ने रोक दिया। इस दौरान प्रत्याशी के साथ ही प्रस्तावक को साथ ले जाने को लेकर पुलिस के साथ नोकझोंक हो गई।

By Samanvay PandeyEdited By: Published: Wed, 26 Jan 2022 12:10 PM (IST)Updated: Wed, 26 Jan 2022 12:10 PM (IST)
UP Chunav 2022 : अफसरों ने केवल प्रत्याशी के साथ दो लोगों को प्रवेश की दी जानकारी

मुरादाबाद, जेएनएन। UP Vidhansabha Chunav 2022 : मंगलवार को कलेक्ट्रेट में नामांकन कराने को लेकर भाजपा के प्रत्याशी पहुंचे थे। लेकिन नामांकन कक्ष में प्रवेश करने से पहले ही नगर विधायक के परिवार और महापौर को पुलिस ने रोक दिया। इस दौरान प्रत्याशी के साथ ही प्रस्तावक को साथ ले जाने को लेकर पुलिस के साथ नोकझोंक हो गई। पुलिस अफसराें के द्वारा जानकारी दिए जाने के बाद भाजपा नेता मान गए और परिवार के सदस्यों के साथ ही अन्य लोगों को बाहर रोक दिया।

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भाजपा से नगर विधायक रितेश गुप्ता पत्नी अल्पना गुप्ता व दो बच्चों को साथ नामांकन कराने के लिए कलेक्ट्रेट पहुंचे थे। महापौर विनोद अग्रवाल और दो-दो प्रस्ताव भी साथ थे। नामांकन कक्ष से कुछ दूरी पर नगर विधायक और महापौर को पुलिस इंस्पेक्टर ने रोक दिया। इस दौरान नगर विधायक ने कहा कि वह तीन सेट में नामांकन पत्र दाखिल कर रहे हैं। ऐसे में उनके साथ दो-दो प्रस्ताव जा रहे हैं।

वहीं, इंस्पेक्टर की बातचीत के तरीके को लेकर भी नगर विधायक ने कड़ी आपत्ति दर्ज कराई। मौके पर एसपी यातायात अशोक कुमार व एसपी सिटी अखिलेश भदौरिया पहुंच गए। अधिकारियों ने बताया कि केवल तीन लोग ही नामांकन कक्ष में प्रवेश कर सकते हैं। प्रस्तावकों की उपस्थिति अनिवार्य नहीं हैं। मामले की जानकारी होने पर नगर विधायक पत्नी और एक प्रस्ताव के साथ नामांकन कक्ष में पहुंचकर कार्रवाई पूरी की। वहीं परिवार के सदस्य के साथ ही महापौर बाहर खड़े रहे।

सीओ से भिड़े अधिवक्ताः कलेक्ट्रेट में कमिश्नर कार्यालय के पास बनी बैरिकेडिंग में एक अधिवक्ता को रोके जाने को लेकर विवाद हो गया। अधिवक्ता ने पुलिस के तरीके को गलत बताते हुए वाद-विवाद करने लगे। इस दौरान सीओ कोतवाली आलोक अग्रहरि और अधिवक्ता के बीच जमकर नोकझोंक हुई। कुछ देर बाद उच्च अधिकारियों ने पहुंचकर मामले को शांत किया।


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