बेमौसम बारिश ने तोड़ी किसानों की कमर Moradabad News
गुरुवार की रात से बारिश होने के साथ ही हवा चलने से चौपट हुई तैयार फसल। किसानों को प्रधानमंत्री फसल बीमा के लाभ के लिए अभी करना होगा इंतजार।
मुरादाबाद,जेएनएन। बेमौसम बारिश से किसानों की उम्मीद टूट गयी है। बार-बार बारिश होने और हवा चलने से खेतों में तैयार फसल गिरने से किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें खिच गयी हैं। बर्बाद हुई फसल का मुआवजा पाने के लिए किसानों को अभी इंतजार करना होगा। गेहूं, सरसों के साथ ही गन्ना भी खेतों में ढह गया है, इससे किसानों को नुकसान उठाना पड़ेगा। जिन खेतों में अभी आलू की खोदाई नहीं हुई है, उसे भी नुकसान पहुंचा है। खेतों में पानी भरने से आलू की तैयार फसल को सडऩे का खतरा है। भिंडी और कद्दू की सब्जी बोने वाले किसानों की उम्मीद भी बेमौसम बारिश से टूट गयी हैं।
गुरुवार की रात से हो रही बारिश के साथ हवा चलने से गेहूं और फूल वाली सरसों की फसल खेत में बिछ गई। जिले में अभी 40 फीसद आलू की खोदाई नहीं हुई है, साथ ही जिन किसानों ने अभी भिंडी और कद्दू बोया है, सब्जी का पौधा भी बारिश की भेंट चढ़ गया है।
किसान लगाते हैं फसल
-01 लाख 10 हजार हेक्टेयर में गेहूं
-80 हजार हेक्टेयर में गन्ना
-6700 हेक्टेयर में सरसों
-700 हेक्टेयर में भिंडी
-2100 हेक्टेयर कद्दू
-7 हजार हेक्टेयर में आलू
बीमा का लाभ पाने के लिए 72 घंटे में करें फोन
बेमौसम बारिश से क्षतिग्रस्त हुई फसलों पर प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लाभ पाने के लिए किसानों को बीमा कंपनी के टोल फ्री नंबर पर 72 घंटे के भीतर सूचना देनी होती है। इसके साथ ही कृषि विभाग में भी आवेदन कर किसान अपनी फसल नुकसान की जानकारी दे सकते हैं।
बीमा का लाभ पाने के लिए खेत में लगी फसल पर कराएं केसीसी : बेमौसम बारिश से फसलों को नुकसान पहुंचने पर बीमा का लाभ पाने के लिए किसानों को उसी फसल पर किसान क्रेडिट कार्ड पर लोन लेना चाहिए जो फसल खेत में लगी है। गन्ने पर केसीसी बनवाकर खेत में गेहूं की फसल बोने वाले किसान को प्रधानमंत्री बीमा का लाभ नहीं मिलेगा। जब तक फसल का प्रीमियम नहीं कटेगा, प्रधानमंत्री फसल बीमा का लाभ किसानों को नहीं मिलेगा।
वर्जन
बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि प्राकृतिक आपदा है। गेहूं, सरसों, आलू, भिंडी और कद्दू को नुकसान पहुंचा है। गन्ने की फसल ढह गयी है लेकिन धूप खिलने के बाद वह खड़ी हो जाएगी। सबसे अधिक नुकसान गेहूं, सरसों के साथ ही सब्जी की फसल में हुआ है। कृषि विभाग के सभी कर्मचारियों को निर्देश दिया है कि वे फसलों में हुए नुकसान का आंकलन कर अविलंब रिपोर्ट दें। इसके साथ ही बीमा कंपनी के प्रतिनिधि भी सर्वे करेंगे। रिपोर्ट आने के बाद ही किसानों को मुआवजा दिलाने के लिए बीमा कंपनी को पत्र लिखा जाएगा। प्रशासन द्वारा भी प्राकृतिक आपदा के बाद फसलों के नुकसान का आंकलन करने के लिए सर्वे कराया जाता है, किसानों को अपना नाम, मोबाइल नंबर और कितनी फसल को नुकसान हुआ है, इसकी जानकारी लेखपाल को देनी चाहिए, ताकि उन्हे लाभ मिल सके।
-ऋतुषा तिवारी, जिला कृषि अधिकारी