सड़क पर तड़प रहे थे दो मुस्लिम भाई, कांवडिय़ों ने अस्पताल पहुंचा दिखाई मानवता Amroha News
सरकारी अस्पताल में दोनों घायल मुस्लिम भाइयों को प्राथमिक उपचार दिलाया। उसके बाद उनकी बात अपने मोबाइल से उनके रिश्तेदारों से कराई।
गजरौला (राजेश राज)। कांवडिय़ों के बारे में जो लोग यह सोच रखते हैं कि हादसा होने पर शिवभक्त बवाल मचा देते हैं, उनसे दूरी बनाकर रखी जाए, यह गलत है। वास्तव में शिवभक्त दयालु और मानवता का धर्म निभाने वाले भी होते हैं। कोई परेशानी में मिल जाए तो उसकी मदद से पीछे नहीं हटते। इसे सच साबित किया है ग्राम मदीपुरा के एक-दो नहीं बल्कि पांच-छह शिवभक्तों ने। उन्होंने सड़क पर घायलावस्था में पड़े मिले दो मुस्लिम भाइयों को न सिर्फ सहारा दिया, बल्कि अपनी बाइकों पर बैठाकर उपचार के लिए आधी रात में सरकारी अस्पताल तक पहुंचाकर मानवता भी दिखाई।
मामला रविवार की मध्यरात्रि का है। मुरादाबाद जनपद के मूढा पांडेय थाना क्षेत्र में गांव पेपटपुरा है, जो एक दम रामपुर जनपद के थाना सिविल लाइन इलाके से सटा हुआ है। यहां के मोहम्मद नजीर के पुत्र करीब 30 वर्षीय मोहम्मद जरीफ व उसका भाई मोहम्मद हाशिम दिल्ली के बदरपुर बोर्डर पर कार पेंटिंग का काम करते हैं। चूंकि सोमवार को ईद उज अजहा का पर्व था, इसलिए रविवार की देर रात दोनों भाई ईद मनाने दिल्ली से मोटर साइकिल द्वारा अपने घर लौट रहे थे। हेलमेट पहने मोहम्मद जरीफ बाइक चला रहा था। यहां गजरौला चौपला पुल पार कर जब आगे बढ़े तब अंधेरा होने के कारण उनकी मोटर साइकिल डिवाइडर से टकराकर गिर गई। दोनों भाई भी घायल हो गए। रात 11.30 बजे का समय होने के कारण तत्काल उनकी मदद को कोई नहीं पहुंच सका। हादसे का किसी को पता ही नहीं चल सका था। उधर चोट के कारण दोनों भाइयों से उठा भी नहीं जा रहा था। इसी दौरान अमरोहा के थाना रजबपुर के गांव मदीपुरा निवासी उमेश सिंह अपने पांच साथियों के साथ तीन बाइकों पर सवार होकर ब्रजघाट से गंगा जल लेकर लौट रहे थे। उनकी नजर से सबसे पहले सडक पर गिरी पड़ी बाइक व हेलमेट पर पडी। हादसे का अंदेशा होते ही उन्होंने अपनी बाइक रोक दी। ध्यान से देखने पर दोनों भाई भी घायल अवस्था में पडे मिल गए। उनके नाम-पते पूछे। घायल दोनों भाइयों के मुरादाबाद निवासी होने का पता लगते ही शिव भक्तों ने उन्हें स्वयं सहारा देकर उठाया। घायल जरीफ को अधिक चोट थी। उसके सिर से खून बह रहा था। ऐसी हालत में शिवभक्तों ने उन्हें ऐसे ही छोड़ पुलिस को सूचना देने में समय नहीं गंवाया। मानवता का धर्म निभाते हुए दोनों भाइयों को उमेश सिंह ने अपने साथियों की मदद से अपनी मोटर साइकिल पर बैठाया और उपचार के लिए सरकारी अस्पताल पहुंचाया। यहीं नहीं बीच रास्ते में बैठी मिली चौपला पुलिस को भी हादसे की जानकारी दे दी। मंडी धनौरा क्षेत्र से करीब पौन घंटे बाद जब रिश्तेदार सरकारी अस्पताल पहुंच गए, तभी शिवभक्त उमेश सिंह, उनके साथी सचिन, राजू, जितेंद्र इत्यादि अपने गांव लौट सके।
उमेश ने पिछले रविवार भी की थी हादसे के पीडि़तों की मदद
रजबपुर थाने के गांव मदीपुरा निवासी उमेश सिंह व्यवहारिक और जरूरत पडऩे पर दूसरों की मदद करने की भावना रखने वाला युवा है। उसने बताया कि वह भोले शंकर में पूरी आस्था रखता है। हर साल सावन माह में हर सोमवार को गांव स्थित मंदिर में भगवान शिव का जलाभिषेक करता है। इसके लिए प्रत्येक रविवार की रात में ब्रजघाट पहुंचकर मां गंगे के पावनतट से जलभर कर लाता है और भगवान का जलाभिषेक करता है। पिछले रविवार को बाइक से जब वह गांव के अपने मित्रों के साथ जल भरने ब्रजघाट जा रहा था, तब मोहम्मदाबाद व ब्रजघाट के बीच सामने से आती रोडवेज की रिकवरी गाड़ी ने बाइक सवारों को टक्कर मार दी थी। हादसे में बाइक की पेट्रोल की टंकी फटने के कारण भड़की आग में रोडवेज बस भी जल उठी थी। उस दौरान भी उसने पुलिस के साथ मिलकर भीड़ को हादसे से दूर रखने व गाड़ी के नीचे फंसे कांवडिय़ों को निकलवाने में मदद की थी। बता दें कि उस हादसे में पिता-पुत्री समेत तीन कांवडिय़ों की मौत हुई थी।
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