आज है मोक्षदा एकादशी, मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए करें भगवान विष्णु की पूजा, ये है विधि
मोक्षदा एकादशी पर भगवान विष्णु के इन मंत्रों का जप करें- ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय श्रीकृष्ण गोविन्द हरे मुरारे। हे नाथ नारायण वासुदेवाय नारायणाय विद्महे। वासुदेवाय धीमहि। तन्नो विष्णु प्रचोदयात् ऊँ हूं विष्णवे नम ऊँ विष्णवे नम ऊँ नमो नारायण। श्री मन नारायण नारायण हरि हरि।
मुरादाबाद, जागरण संवाददाता। Vaikuntha Ekadashi 2021 : आज मोक्षदा एकादशी है, इसे वैकुंठ एकादशी भी कहा जाता है। आज के दिन का बड़ा महत्व है। आज विधि पूर्वक की गई भगवान विष्णु की पूजा काफी फलदायी मानी जाती है। यह व्रत पापों से मुक्ति दिलाने का भी काम करता है। इससे पूर्वजों को भी मोक्ष मिलती है। काफी लोग यह व्रत रखेंगे, ऐसे में इस खास दिन पर पूजन विधि के बारे में जानना और भी जरूरी हो जाता है।
इन नियमों का करना होगा पालन : सुबह उठकर सबसे पहले स्नान करना होगा, इसके बाद भगवान विष्णु की कोई मूर्ति या तस्वीर की साफ-सफाई के बाद उसे पूजा वाले स्थान पर रख दें। इसके बाद अभिषेक करते हुए चंदन-रोली लगाने के साथ ही दीप आदि चढ़ाए। केला, केसर आदि का भोग लगाएं। सुबह के अलावा रात में भी पूजा करना जरूरी होता है। इस व्रत के अगले दिन जरूरतमंदों को दान देने की भी परंपरा है। मोक्षदा एकादशी के एक दिन पूर्व ही लोग प्याज, लहसुन, मसूर की दाल, बैंगन, जौ आदि का त्याग कर देते हैं। व्रत करने के लिए मन, वचन व कर्म की शुद्धि जरूरी है। अपनी वाणी या कर्म से किसी भी व्यक्ति को दुख न पहुंच पाए। किसी के बारे में बुरा न सोचें। इस दिन बाल कटाना, दाढ़ी बनाना, नाखून काटना आदि काम नहीं करना चाहिए।
ये है महत्व : पंडित ऋषिकेश शुक्ल ने बताया कि मोक्षदा एकादशी का व्रत भगवान विष्णु की कृपा पाने के लिए भी किया जाता है। इससे पूर्वजों को मोक्ष की प्राप्ति भी होती है। लोग इस खास दिन पर व्रत रखकर भगवान विष्णु की आराधना करते हैं। नियम पूर्वक इस व्रत को करने से मन माफिक परिणाम मिलते हैं।
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