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शादी में फिजूल खर्ची और दहेज प्रथा को बंद करने के लिए युवाओं की टोली ने शुरू किया अनूठा काम, जानिये युवा कैसे लोगों को कर रहे जागरूक

सम्भल शहर की उपनगरी सरायतरीन के कुरैशी समाज के युवाओं ने एक अनूठी पहल शुरू की है। इसमें दहेज मुक्त विवाह करने के लिए घर-घर जाकर लोगों को प्रेरित किया जा रहा है। संदेश देने के लिए पंपलेट बांटने के साथ ही इंटरनेट मीडिय का भी सहारा ले रहे हैं।

By Samanvay PandeyEdited By: Published: Thu, 01 Apr 2021 08:55 PM (IST)Updated: Thu, 01 Apr 2021 08:55 PM (IST)
शादी में फिजूल खर्ची और दहेज प्रथा को बंद करने के लिए युवाओं की टोली ने शुरू किया अनूठा काम, जानिये युवा कैसे लोगों को कर रहे जागरूक
शादी के बाद दहेज को लेकर विवादों वाले परिवारों से भी संपर्क करके सुलझाने का प्रयास किया जा रहा है।

मुरादाबाद, जेएनएन। सम्भल शहर की उपनगरी सरायतरीन के कुरैशी समाज के युवाओं ने एक अनूठी पहल शुरू की है। इसमें दहेज मुक्त विवाह करने के लिए घर-घर जाकर लोगों को प्रेरित किया जा रहा है। लोगों को जागरूकता का संदेश देने के लिए पंपलेट बांटने के साथ ही इंटरनेट मीडिय का भी सहारा ले रहे हैं। शहर में मोहल्ला नाला, मियां सराय, दरीबा, फुलवार, चौधरी सराय और गांवों में रसूलपुर, सिरसी, लहरा, रतुपुरा, जागरूकता शिविर लगाकर दहेज से होने वाले नुकसान और परिवारों के विघटन की जानकारी भी युवाओं द्वारा लोगों को दी जा रही है। शादी के बाद दहेज को लेकर विवादों वाले परिवारों से भी संपर्क करके उसे सुलझाने का प्रयास किया जा रहा है। जागरूकता से केस सुलझ भी रहे हैं।

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दहेज के कारण नहीं हो पाती कई शादियां

अल यूथ कुरैश के फकरे आलम ने बताया कि हमारी समिति दहेज प्रथा के खिलाफ अभियान चला रही है। दहेज के कारण समाज में कई लड़कियों की शादी नहीं हो पाती है। इस अभियान के पहले चरण में शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में पंपलेट बांटकर दहेज मुक्त विवाह करने का संदेश कुरैशी समाज के लोगों को दिया जा रहा है। इसके अलावा यह संस्था दहेज के कारण लड़कियों की शादी ना होने और शादी हो जाने के बाद टूटने से बचाने के लिए संबंधित परिवारों से चर्चा कर मामले सुलझाने का प्रयास कर रही है।

स्कूल-कालेजों के युवाओं को भी अभियान से जोड़ेंगे

मोबिन कुरैशी ने बताया कि दहेज मुक्त विवाह करने के लिए स्कूल और कालेजों के युवाओं को भी इस अभियान से जोड़ा जाएगा। इसके लिए जागरूकता अभियान चलाने के साथ शिविर भी लगाए जाएंगे। शहर व गांवो में चौपालों के माध्यम से पीड़ित परिवारों से मिलकर उनकी समस्या दूर करने का प्रयास किया जाएगा। ज्यादा से ज्यादा युवाओं को अभियान से जोड़ा जा रहा है, ताकि वे भी अल कुरैश यूथ के माध्यम से जागरूकता अभियान में शामिल हो सकें।


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