Chhath-Puja 2019 :अस्ताचल सूर्य को महिलाओं ने दिया अघ्र्य , बदल गया घाटों का नजारा Moradabad News
शाम को अस्ताचल सूर्य को पहला अघ्र्य देने के लिए जुटीं महिलाएं। विधि-विधान से किया पूजन।
मुरादाबाद, जेएनएन। छठ महापर्व के दूसरे दिन शुक्रवार को श्रद्धालुओं ने भगवान भास्कर की पूजा-अर्चना की थी। दूध व गुड़ से बनी खीर, घी लगी रोटी का भोग लगाकर श्रद्धालु महिलाओं ने खरना किया था। इसका प्रसाद भी ग्रहण किया था। शनिवार की शाम अस्ताचल सूर्य को पहला अघ्र्य देने के लिए घाटों पर व्रती महिलाओं का जमावड़ा लग गया। शाम को पूरी तरह से घाटों का नजारा बदल गया।
सूर्योपासना के महापर्व की तैयारी शुक्रवार को घरों से लेकर घाट तक होती रही। महानगर के विभिन्न छठ घाटों की साफ सफाई में नगर निगम के कर्मचारी जुटे रहे। जेसीबी लगाकर छठ घाट साफ सुथरे किए गए। घाटों की सफाई के साथ ही छठ मैया की बेदी बनाने का कार्य भी किया गया। महानगर में रामगंगा, बुद्धि बिहार व लोकोशेड पुल के अलावा अगवानपुर आदि क्षेत्रों में भी छठ घाट की सफाई हो चुकी है।
बढ़ी रही बाजार की रौनक
बाजार की रौनक बरकरार है। फल, मिष्ठान, कपड़े व बांस की टोकरी आदि खरीदने में मशगूल रहे। खासकर महानगर के हरथला, किला तिराहा, रामगंगा विहार आदि क्षेत्रों में श्रद्धालुओं की भीड़ सड़क पर देखी गई।
आरोग्य, सौभाग्य व संतान के लिए व्रत
पंडित केदार मुरारी के मुताबिक सूर्य षष्ठी का व्रत आरोग्य की प्राप्ति, सौभाग्य व संतान के लिए रखा जाता है। स्कंद पुराण के मुताबिक राजा प्रियवत को कुष्ठ रोग हो गया था। भगवान भास्कर से इस रोग की मुक्ति के लिए उन्होंने छठ व्रत किया था। स्कंद पुराण में प्रतिहार षष्ठी के तौर पर इस व्रत की चर्चा है। वर्षकृत्यम में भी छठ की चर्चा है।
अघ्र्य का समय
शनिवार सायं 5.10 से 5.32 बजे के बीच अघ्र्य दिया जाएगा। रविवार सुबह 6.29 से 7.15 बजे के बीच अघ्र्य का समय है।