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शर्मनाक : दारोगा का बेटा है डकैतों के गिरोह का मास्टर माइंड

मुरादाबाद में हुई किसरौल की चर्चित डकैती की पड़ताल में सामने आया है कि लुटेरा गैंग का मास्टर माइंड दारोगा का बेटा है। पुलिस डकैती का पर्दाफाश कर चुकी है।

By RashidEdited By: Published: Wed, 16 Jan 2019 01:37 AM (IST)Updated: Wed, 16 Jan 2019 11:05 AM (IST)
शर्मनाक : दारोगा का बेटा है डकैतों के गिरोह का मास्टर माइंड
शर्मनाक : दारोगा का बेटा है डकैतों के गिरोह का मास्टर माइंड

मुरादाबाद, जेएनएन। किसरौल में पीतल कारोबारी यासीन के घर में पड़ी डकैती के पर्दाफाश की आंच खाकी तक पहुंच गई है। पुलिस की जांच में यह बात सामने आई कि दारोगा के बेटे ने ही डकैती की रेकी की थी। उसके कहने पर नाजिर ने डकैती के लिए यासीन के घर को चुना था। बदमाशों ने डकैती से पहले दारोगा के घर पर पहुंचकर बुर्का पहना और वहां से कारोबारी के घर में प्रवेश किया। डकैती के बाद भी बदमाशों को पुलिस की कार्रवाई के बारे में जानकारी देता रहा। सीओ क्राइम की जांच में दारोगा के बेटे को डकैती का मास्टर माइंड मानकर आरोपित बना दिया है।

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मुरादाबाद का गैंग शामिल रहा था किसरौल डकैती में 

नागफनी थाना क्षेत्र के किसरौल में 23 नवंबर को पीतल कारोबारी हाजी यासीन के घर डकैती डाली गई थी। घटना के एक माह बाद पुलिस ने मुठभेड़ में आसिफ पुत्र बाबू अनवार निवासी लंगड़े की पुलिया असालतपुरा और शाकिर निवासी होली वाला कुआं पाकबड़ा को गिरफ्तार कर लिया था। मुहम्मद युसूफ निवासी जुम्मा वाली मस्जिद असालतपुरा को रामपुर जीआरपी ने पकड़ा जिसे अदालत ने जेल भेजा। गैंग का सरगना नाजिर अंसारी निवासी इस्लाम नगर करूला और मुंतजिर कुरैशी निवासी जाहिद नगर पुलिस पकड़ से दूर बने हुए हैं।

दारोगा के बेटे ने बनाई थी डकैती की योजना

एसओ दिनेश शर्मा का कहना है कि नाजिर ने असली ज्वेलरी खुद रख ली थी, जबकि आर्टिफिशियल ज्वेलरी को सभी साथियों में बांट दिया था। ज्वेलरी बरामद करने के लिए पुलिस नाजिर की तलाश कर रही है। सीओ क्राइम सुदेश गुप्ता ने दारोगा के बेटे ने ही नाजिर के साथ मिलकर डकैती की प्लानिंग की थी। डकैती वाले दिन भी बदमाश शाम को ही दारोगा के घर पहुंच गए थे, वहां से बुर्का पहनकर ही कारोबारी के घर पहुंचे थे।

पुलिस ने छोड़ दिया था दारोगा के बेटे को

नागफनी पुलिस की जांच में भी दारोगा का बेटा आरोपित बना था। पुलिस मुठभेड़ के बाद उसे पुलिस घर से उठाकर ले आई थी। भाई लखनऊ में तैनात है, जिसका पुलिस में अच्छा रसूक है, उसी के चलते पुलिस ने आरोपित को छोड़ दिया। मुकदमे में नाम आने के बाद अब आरोपित को पुलिस दोबारा से पकडऩे का दावा कर रही है। 


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